{"_id":"69419907a24fd2ccb40d1da6","slug":"seven-years-of-waiting-hope-for-luvas-regional-center-revived-with-the-changed-plan-sirsa-news-c-128-1-svns1027-149559-2025-12-16","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sirsa News: सात साल का इंतजार...बदले नक्शे के साथ जगी लुवास के रीजनल सेंटर की उम्मीद","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sirsa News: सात साल का इंतजार...बदले नक्शे के साथ जगी लुवास के रीजनल सेंटर की उम्मीद
विज्ञापन
विज्ञापन
सुनील बैनीवाल
सिरसा। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के रीजनल सेंटर को लेकर सात साल बाद एक बार फिर प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह सेंटर सिरसा जिले के गांव माखोसरानी में प्रस्तावित है। अक्तूबर माह में पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव आईएएस विजय सिंह दहिया ने माखोसरानी का दौरा कर प्रोजेक्ट के डिजाइन में बदलाव के निर्देश दिए थे।
निर्देशों के तहत खर्च कम करने के उद्देश्य से स्टाफ क्वार्टर को हटाकर प्रोजेक्ट का नया नक्शा तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में लुवास विश्वविद्यालय ने अपने पीडब्ल्यूडी विभाग को पुनः डिजाइन तैयार करने के लिए पत्र भेज दिया है। नया डिजाइन तैयार होने के बाद पशुपालन विभाग के आयुक्त द्वारा प्रोजेक्ट फाइल कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में उपायुक्त सिरसा को विस्तृत रिपोर्ट भी सौंप दी है। संवाद
2018 में हुई थी घोषणा
वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चोपटा क्षेत्र के गांव माखोसरानी में लुवास के रीजनल सेंटर की घोषणा की थी। पशु चिकित्सा, शोध एवं प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह सेंटर प्रस्तावित किया गया था। इसके लिए ग्राम पंचायत माखोसरानी ने लुवास को 10 एकड़ भूमि उपलब्ध करवाई थी। रीजनल सेंटर के माध्यम से पशुपालकों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जाना है, जहां प्रतिवर्ष लगभग 400 पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ये प्रमुख सुविधाएं होंगी
पशु अस्पताल, सर्जरी वार्ड एवं गर्भाधान क्षेत्र
प्रशासनिक भवन
एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण
सात साल पहले दी गई थी जमीन
करीब सात वर्ष पहले गांव माखोसरानी की पंचायत ने लुवास रीजनल सेंटर के निर्माण के लिए भूमि दी थी। सेंटर के निर्माण से सिरसा व फतेहाबाद जिले के पशुपालकों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। प्रारंभिक रूप से इस प्रोजेक्ट के लिए 21 करोड़ 90 लाख रुपये का बजट तय किया गया था। हाल ही में पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव ने विवि प्रशासन को बजट कम करने, भवन निर्माण में बदलाव करने तथा रिहायशी निर्माण हटाने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में केवल आवश्यक गतिविधियां शुरू करने को प्राथमिकता दी गई है।
सेंटर से मिलेंगे ये लाभ
जिले के 1.80 लाख पशुओं को उपचार सुविधा
पशुपालकों को हिसार नहीं जाना पड़ेगा
सिरसा के साथ-साथ राजस्थान व पंजाब के पशुपालकों को भी लाभ
रीजनल सेंटर के लिए 16 पद स्वीकृत
8 शिक्षक
8 गैर-शिक्षक
-- -
पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव ने अक्तूबर माह में दौरा किया था। सेंटर के डिजाइन में बदलाव किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग को दोबारा डिजाइन तैयार करने के लिए फाइल भेजी गई है। इससे प्रोजेक्ट की लागत भी कम होगी। सिरसा उपायुक्त को डिटेल रिपोर्ट सौंप दी गई है। हमारा प्रयास है कि सेंटर जल्द शुरू हो। - डॉ. संदीप गुप्ता, संपदा अधिकारी, लुवास विश्वविद्यालय।
-- -- -- -
पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव ने निरीक्षण किया था। लुवास विश्वविद्यालय प्रशासन इस पूरे मामले पर कार्य कर रहा है। प्रोजेक्ट पर दोबारा काम शुरू हो गया है। - डॉ. सुखविंद्र सिंह, उप निदेशक, पशुपालन विभाग, सिरसा।
Trending Videos
सिरसा। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के रीजनल सेंटर को लेकर सात साल बाद एक बार फिर प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह सेंटर सिरसा जिले के गांव माखोसरानी में प्रस्तावित है। अक्तूबर माह में पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव आईएएस विजय सिंह दहिया ने माखोसरानी का दौरा कर प्रोजेक्ट के डिजाइन में बदलाव के निर्देश दिए थे।
निर्देशों के तहत खर्च कम करने के उद्देश्य से स्टाफ क्वार्टर को हटाकर प्रोजेक्ट का नया नक्शा तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में लुवास विश्वविद्यालय ने अपने पीडब्ल्यूडी विभाग को पुनः डिजाइन तैयार करने के लिए पत्र भेज दिया है। नया डिजाइन तैयार होने के बाद पशुपालन विभाग के आयुक्त द्वारा प्रोजेक्ट फाइल कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में उपायुक्त सिरसा को विस्तृत रिपोर्ट भी सौंप दी है। संवाद
विज्ञापन
विज्ञापन
2018 में हुई थी घोषणा
वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चोपटा क्षेत्र के गांव माखोसरानी में लुवास के रीजनल सेंटर की घोषणा की थी। पशु चिकित्सा, शोध एवं प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह सेंटर प्रस्तावित किया गया था। इसके लिए ग्राम पंचायत माखोसरानी ने लुवास को 10 एकड़ भूमि उपलब्ध करवाई थी। रीजनल सेंटर के माध्यम से पशुपालकों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जाना है, जहां प्रतिवर्ष लगभग 400 पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ये प्रमुख सुविधाएं होंगी
पशु अस्पताल, सर्जरी वार्ड एवं गर्भाधान क्षेत्र
प्रशासनिक भवन
एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण
सात साल पहले दी गई थी जमीन
करीब सात वर्ष पहले गांव माखोसरानी की पंचायत ने लुवास रीजनल सेंटर के निर्माण के लिए भूमि दी थी। सेंटर के निर्माण से सिरसा व फतेहाबाद जिले के पशुपालकों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। प्रारंभिक रूप से इस प्रोजेक्ट के लिए 21 करोड़ 90 लाख रुपये का बजट तय किया गया था। हाल ही में पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव ने विवि प्रशासन को बजट कम करने, भवन निर्माण में बदलाव करने तथा रिहायशी निर्माण हटाने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में केवल आवश्यक गतिविधियां शुरू करने को प्राथमिकता दी गई है।
सेंटर से मिलेंगे ये लाभ
जिले के 1.80 लाख पशुओं को उपचार सुविधा
पशुपालकों को हिसार नहीं जाना पड़ेगा
सिरसा के साथ-साथ राजस्थान व पंजाब के पशुपालकों को भी लाभ
रीजनल सेंटर के लिए 16 पद स्वीकृत
8 शिक्षक
8 गैर-शिक्षक
पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव ने अक्तूबर माह में दौरा किया था। सेंटर के डिजाइन में बदलाव किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग को दोबारा डिजाइन तैयार करने के लिए फाइल भेजी गई है। इससे प्रोजेक्ट की लागत भी कम होगी। सिरसा उपायुक्त को डिटेल रिपोर्ट सौंप दी गई है। हमारा प्रयास है कि सेंटर जल्द शुरू हो। - डॉ. संदीप गुप्ता, संपदा अधिकारी, लुवास विश्वविद्यालय।
पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव ने निरीक्षण किया था। लुवास विश्वविद्यालय प्रशासन इस पूरे मामले पर कार्य कर रहा है। प्रोजेक्ट पर दोबारा काम शुरू हो गया है। - डॉ. सुखविंद्र सिंह, उप निदेशक, पशुपालन विभाग, सिरसा।