रेत खनन ठेकेदारों पर बड़ी कार्रवाई, 15 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी जब्त, 300 करोड़ की होगी वसूली
सीएम मनोहर लाल व खनन मंत्री मूलचंद शर्मा की सख्ती के बाद खनन विभाग के अफसर हरकत में आ गए हैं। वह किसी भी तरह से रेत खनन ठेकेदारों पर शिकंजा कसने में लगे हैं। खनन विभाग के अफसरों की मेहरबानी के कारण जहां रेत खनन ठेकेदारों पर सरकार का 300 करोड़ रुपये बकाया था, वहीं अब खनन के ठेके रद्द व निलंबित करने के बाद उसकी वसूली की कार्रवाई शुरू हो गई है। जिसमें बड़ी कार्रवाई करते हुए खनन विभाग ने ठेकेदारों की 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की सिक्योरिटी को जब्त कर लिया है।
वहीं 300 करोड़ रुपये की वसूली के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। क्योंकि ठेकेदारों ने यमुना में खनन करने के बाद सरकार का रुपया ही जमा नहीं कराया और वह अफसरों के साथ मिलकर खूब माल बटोरते रहे। अब उन सभी पर शिकंजा कसते हुए वसूली करनी शुरू कर दी गई है।
सरकार ने यमुना में खनन करने के लिए वर्ष 2015 में पट्टे आवंटित किए थे। जिसके लगभग एक साल बाद ही जेसीबी व पॉकलैन से खनन करने पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिससे कई जगह खनन बंद कर दिया गया और जेसीबी से खनन पर रोक लगाए जाने के बाद कई ठेकेदारों ने हर महीने की पट्टे की किस्त जमा करानी बंद कर दी थी। उस समय प्रशासन ने खनन ठेकेदारों पर शिकंजा कस दिया और खनन को बंद करा दिया गया। लेकिन उस समय खनन ठेकेदारों पर करोड़ों रुपये बकाया रह गया था और वह जमा नहीं करके खान को सरेंडर भी कर दिया गया था।
इसके अलावा ऐसे भी ठेकेदार थे, जिन्होंने किस्त 60 लाख होने के बावजूद केवल 10 लाख रुपये महीने सरकार के पास जमा करते रहे और उन पर भी करोड़ों रुपये बकाया है। इस कारण ही जिले के खनन ठेकेदारों पर सरकार का 300 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है और वह सरकार का इतना रुपया दबाकर बैठे हैं। उसके बावजूद भी खनन विभाग के अफसर इन ठेकेदारों पर मेहरबानी दिखाते रहे और यमुना में लगातार खनन कराया जाता रहा। लेकिन दो महीने पहले सीएम मनोहर लाल व खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने सख्ती दिखाई और अवैध रूप से खनन करने वालों के अलावा सरकार का रुपया दबाकर बैठने वाले ठेकेदारों पर शिकंजा कसने के आदेश दिए गए। जिसके बाद खनन विभाग के अधिकारी हरकत में आए और खनन ठेकेदारों की मशीनें सीज करने के साथ ही ठेका रद्द करने शुरू किए गए और खान निलंबित करने की कार्रवाई शुरू की गई
छह खनन ठेकेदारों का ठेका रद्द, तीन खान चल रहीं निलंबित
सीएम मनोहर लाल व खनन मंत्री मूलचंद शर्मा की सख्ती के बाद सरकार का रुपया दबाकर बैठने वाले बड़ौली की टेक्नो एक्सपोर्ट, संगम इंफ्रा, योद्धा माइंस, चैरीटीज रिअल के अलावा जैनपुर की श्याम जैना, मिमारपुर की मलिक बिल्डकोन कंपनी के ठेके रद्द किए हैं। इनके साथ ही चंदौली की लेरोन कंसलटेंट, ग्यासपुर की अल्टीमेट ग्रुप, टिकौला की आनंद एंड कंपनी का ठेका निलंबित कर दिया गया है। जिनका ठेका अभी निलंबित किया गया है, वह भी खनन नहीं कर सकते हैं। वह खनन करते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
300 करोड़ वसूलने की तैयारी
रेत खनन ठेका देते हुए कंपनियों से खनन विभाग में सिक्योरिटी जमा कराई जाती है। यह सिक्योरिटी किस्त के आधार पर होती है, जिसकी किस्त कम होती है उसको कम सिक्योरिटी जमा करनी पड़ती है। वहीं जिसकी सिक्योरिटी ज्यादा होती है, उसको ज्यादा सिक्योरिटी जमा करनी पड़ती है। ऐसे ही रेत खनन का ठेका लेने वाली कंपनियों ने 20 करोड़ रुपये से ज्यादा सिक्योरिटी जमा कराई हुई है।
इस समय कंपनियों पर 300 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है, जिसकी वसूली के लिए सबसे पहले ठेकेदारों की सिक्योरिटी जब्त की गई है। विभाग ने 15 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी जब्त कर ली है और कंपनियों से अन्य बकाया की वसूली के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सरकार का रुपया नहीं देने वाली रेत खनन ठेका कंपनियों से वसूली की जाएगी। जिसके लिए उनकी लगभग 15 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी फिलहाल जब्त कर ली गई है। इसके अलावा अन्य बकाया की पूरी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई है और वहां से वसूली की कार्रवाई चल रही है। -माधवी गुप्ता, जिला खनन अधिकारी