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Yamuna Nagar News: चालक ने अचानक चला दी बस, गिरने से बचीं छात्राएं
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर
Updated Tue, 18 Nov 2025 03:12 AM IST
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यमुनानगर। सात नवंबर को प्रतापनगर में रोडवेज बस की चपेट में आने से एक छात्रा की मौत हो गई थी और कई घायल हो गई। ठीक ऐसा ही हादसा सोमवार को व्यासपुर-साढौरा स्टेट हाईवे पर मारवा कलां के अड्डे पर होने से बच गया। छात्राओं का कहना है कि वह बस में चढ़ रही थी तभी रोडवेज बस के चालक ने अचानक बस को चला दिया। इससे वह लड़खड़ा गईं और गिरने से बाल-बाल बच गई। इसके बाद छात्र-छात्राएं एकत्रित होकर रोडवेज जीएम कार्यालय में पहुंचे। जीएम तो उन्हें कार्यालय में नहीं मिले इसलिए उन्होंने बस स्टैंड अधीक्षक संदीप सैनी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने मारवा कलां के अड्डे पर बसों के ठहराव व बसों की संख्या बढ़ाने की मांग की।
छात्र उपेंद्र कुमार, अजीत राणा, गीता, संजना, साहिल, शुभना, प्रियंका, सिमरन, करिश्मा ने बताया कि वह सभी मारवा कलां स्थित गणपति इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट मारवा कलां में पढ़ाई करते हैं। कॉलेज में ग्रामीण क्षेत्र के अलावा यमुनानगर शहर से भी काफी विद्यार्थी पढ़ाई के लिए आते हैं। सुबह उन्हें आठ बजे से पौने नौ बजे तक बस स्टैंड यमुनानगर से कॉलेज जाने के लिए बस नहीं मिलती। इसी तरह दोपहर बाद तीन बजे से बसों की संख्या बहुत कम है। उनका आरोप है कि रोडवेज की बसें मारवा कलां के अड्डे पर नहीं रूकती। जो बस रूकती है उनमें भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि उसमें पांव रखने तक की जगह नहीं होगी। जब रोडवेज के चालकों व परिचालकों को यह पता चल जाता है कि उन्होंने कहीं शिकायत की है तो वह गुस्से में आकर फिर तो बस को बिल्कुल भी नहीं रोकते। छात्रा गीता ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे रोडवेज की एक बस मारवा कलां के अड्डे पर रूकी। इसमें वह और अन्य छात्राएं चढ़ रही थी। इसी दौरान चालक ने बस को अचानक चला दिया। उस वक्त उनका एक पांव बस की खिड़की पर और दूसरा जमीन पर था। ऐसे में अचानक बस चलने से वह लड़खड़ा गई और नीचे गिरने से बाल-बाल बची। नहीं तो वह बस की चपेट में आ सकती थी। रोडवेज चालकों की मनमानी से उनके साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। संवाद
उपेंद्र कुमार ने बताया कि 29 सितंबर को भी उन्होंने बस स्टैंड पर ज्ञापन दिया था, लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ। बसों की कमी से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। दोपहर को वह तीन बजे अड्डे पर आ जाते हैं, लेकिन बस नहीं मिलने से उन्हें घर पहुंचने में अंधेरा हो जाता है। उन्होंने ज्ञापन देकर बसों की संख्या बढ़ाने व ठहराव की मांग की है।
बस स्टैंड अधीक्षक संदीप सैनी का कहना है कि विद्यार्थियों का ज्ञापन मिल गया है। इसके बारे में रोडवेज जीएम को अवगत करवा दिया जाएगा।
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छात्र उपेंद्र कुमार, अजीत राणा, गीता, संजना, साहिल, शुभना, प्रियंका, सिमरन, करिश्मा ने बताया कि वह सभी मारवा कलां स्थित गणपति इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट मारवा कलां में पढ़ाई करते हैं। कॉलेज में ग्रामीण क्षेत्र के अलावा यमुनानगर शहर से भी काफी विद्यार्थी पढ़ाई के लिए आते हैं। सुबह उन्हें आठ बजे से पौने नौ बजे तक बस स्टैंड यमुनानगर से कॉलेज जाने के लिए बस नहीं मिलती। इसी तरह दोपहर बाद तीन बजे से बसों की संख्या बहुत कम है। उनका आरोप है कि रोडवेज की बसें मारवा कलां के अड्डे पर नहीं रूकती। जो बस रूकती है उनमें भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि उसमें पांव रखने तक की जगह नहीं होगी। जब रोडवेज के चालकों व परिचालकों को यह पता चल जाता है कि उन्होंने कहीं शिकायत की है तो वह गुस्से में आकर फिर तो बस को बिल्कुल भी नहीं रोकते। छात्रा गीता ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे रोडवेज की एक बस मारवा कलां के अड्डे पर रूकी। इसमें वह और अन्य छात्राएं चढ़ रही थी। इसी दौरान चालक ने बस को अचानक चला दिया। उस वक्त उनका एक पांव बस की खिड़की पर और दूसरा जमीन पर था। ऐसे में अचानक बस चलने से वह लड़खड़ा गई और नीचे गिरने से बाल-बाल बची। नहीं तो वह बस की चपेट में आ सकती थी। रोडवेज चालकों की मनमानी से उनके साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। संवाद
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उपेंद्र कुमार ने बताया कि 29 सितंबर को भी उन्होंने बस स्टैंड पर ज्ञापन दिया था, लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ। बसों की कमी से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। दोपहर को वह तीन बजे अड्डे पर आ जाते हैं, लेकिन बस नहीं मिलने से उन्हें घर पहुंचने में अंधेरा हो जाता है। उन्होंने ज्ञापन देकर बसों की संख्या बढ़ाने व ठहराव की मांग की है।
बस स्टैंड अधीक्षक संदीप सैनी का कहना है कि विद्यार्थियों का ज्ञापन मिल गया है। इसके बारे में रोडवेज जीएम को अवगत करवा दिया जाएगा।