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खुशियों पर लगा ग्रहण: प्रसव के बाद जच्चा बच्चा की मौत पर हंगामा, शादी के दस साल बाद गर्भवती हुई थी कोमल

संवाद न्यूज एजेंसी, जगाधरी Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 24 Oct 2025 11:11 AM IST
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सार

कोमल थाना छप्पर के गांव खेड़ा की रहने वाली थी और 10 साल पहले उसकी शादी जगाधरी की अशोक विहार कॉलोनी निवासी अनूप के साथ हुई थी और कोमल की शादी को 10 साल हो चुके थे, लेकिन अभी तक कोई संतान नहीं थी। इतने साल बाद घर में खुशियां आने वाले वाली थीं, लेकिन सब कुछ गम में तब्दील हो गया।

Uproar over mother and child's death after delivery in Jagadhari
बिलखते परिजन। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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जगाधरी के ईशान अस्पताल में शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। सूचना मिलते ही जगाधरी सिटी थाना पुलिस और डीएसपी सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया।

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जच्चा बच्चा की मौत के बाद हंगामे के बाद परिजन पुलिस के आश्वासन पर शांत हुए। पुलिस ने जच्चा बच्चा के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल यमुनानगर के सिविल अस्पताल में पहुंचाया। मृतका की पहचान 28 वर्षीय कोमल पत्नी अनूप निवासी अशोक विहार कॉलोनी जगाधरी के रूप में हुई है।

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अस्पताल परिसर में फेंका प्लेसेंटा 

डॉक्टर ने कोमल के परिजनों पर अस्पताल में तोड़फोड़ का आरोप भी लगाया है। वहीं इस दौरान अस्पताल परिसर में प्लैसेंटा भी पड़ा मिला। इसके बारे में  भी डॉक्टर का आरोप है कि इसे कोमल के परिजन मेडिकल वेस्ट से निकालकर लाए और यहां पर फेंका है। 

स्टाफ कर्मचारियों ने किया प्लेसेंटा उठाने का प्रयास तो परिजनों ने पकड़ा 

कोमल के परिजनों का कहना है कि यह मांस का टुकड़ा अस्पताल स्टाफ द्वारा यहां फेंका गया ताकि उनके ऊपर झूठी कार्रवाई करा सकें। पुलिस द्वारा इस मांस के टुकड़े को भी कब्जे में लेकर जांच के लिए पोस्टमॉर्टम रूम में पहुंचाया गया है।

10 साल बाद घर आनी थी खुशियां

कोमल थाना छप्पर के गांव खेड़ा की रहने वाली थी और 10 साल पहले उसकी शादी जगाधरी की अशोक विहार कॉलोनी निवासी अनूप के साथ हुई थी और कोमल की शादी को 10 साल हो चुके थे, लेकिन अभी तक कोई संतान नहीं थी। इतने साल बाद घर में खुशियां आने वाले वाली थीं, लेकिन सब कुछ गम में तब्दील हो गया। परिजन रोते हुए डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 
मृतका कोमल के देवर रविंद्र कुमार ने बताया कि नौ माह पूरे होने पर गुरुवार की शाम करीब छह बजे उसकी भाभी को अस्पताल में दाखिल कराया था। इस दौरान डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड किया, जिसमें जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ पाए गए। 

रात को उल्टियां लगी, लेकिन कोई चेक करने नहीं आया

रात करीब साढ़े तीन बजे उसकी भाभी को उल्टियां लगी। इस बारे उन्होंने स्टाफ को बताया लेकिन कोई भी जांच करने के लिए नहीं आया। परिजनों का आरोप है कि इस दौरान अस्पताल का स्टाफ सो रहा था। उन्हें बस यही कहा गया कि दर्द तो होगा ही। 

रविंद्र ने बताया कि सुबह चार बजे उसकी भाभी को डिलीवरी के लिए अंदर लेकर गए, जिसके बाद डॉक्टर ने बाहर आकर कहा कि वह बच्चा नहीं बचा पाए। ऐसे में डॉक्टर को कहा कि बच्चे की मां को बचा लीजिए। उसके बाद स्टाफ उन्हें बोलता रहा कि पेशेंट ठीक है। 

हंगामे की सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस

करीब आधा घंटा बाद बाहर आकर उन्हें बताया कि कोमल की भी मौत हो चुकी है। कोमल के देवर ईशांत ने बताया कि जब उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया तो स्टाफ से मेडिकल वेस्ट से प्लेसेंटा अस्पताल परिसर में गिरा दिया और इल्जाम हमारे ऊपर लगा दिया ताकि मामले को डायवर्ट किया जा सके। 

सुबह मृतका के सभी परिजन अस्पताल परिसर में एकत्रित हो गए और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जोरदार हंगामा किया। हंगामे की सूचना मिलते ही जगाधरी सिटी थाना से पुलिस मौके पर पहुंची और डीएसपी राजीव मिगलानी भी मौके पर आए। 

पुलिस द्वारा परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। करीब एक घंटे के हंगामे के बाद डीएसपी द्वारा उचित कार्रवाई का आश्वासन देने पर परिजन शांत हुए। ऐसे में पुलिस ने जच्चा बच्चा का शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल यमुनानगर में भिजवाया और अस्पताल परिसर में पड़े प्लैसेंटा को भी जांच के लिए अस्पताल पहुंचाया।

हमने पेशेंट को बचाने की पूरी कोशिश की: डॉ. शैली गोयल

ईशान अस्पताल से डॉ. शैली गोयल गोयल ने कहा कि लेबर पेन के साथ पेशेंट को एडमिट किया गया था। पेशेंट बिल्कुल ठीक थी। रात करीब साढे़ तीन बजे पेशेंट बाथरूम गई, जिसके बाद उसे सांस चढ़ने लगा ऐसा लगा कि उसे दौरा पड़ गया है तो तुरंत उसे चैक करने के लिए लाईं। बच्चे की धड़कन भी नहीं मिल रही थी और एक दम से डिलीवरी हुई है। डिलीवरी के साथ ही बच्चे के आसपास जो पानी होता है वह फेफड़ों में चला गया। 

यह किसी भी कंडीशन में हो सकता है। हजार में से एक केस में ऐसा होता है। इसे पता लगाने के लिए कोई टेस्ट नहीं है, जिससे यह कंडीशन पहले पता लग सके। हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन पेशेंट को नहीं बचा सके। डॉ. शैली ने आरोप लगाया कि पेशेंट के परिजन जबरदस्ती अंदर घुसकर मेडिकल वेस्ट से प्लैसेंटा निकाल लाए और अस्पताल परिसर में फेंक दिया और तोड़फोड़ की।  

पोस्टमार्टम के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी: डीएसपी

डीएसपी राजीव मिगलानी ने बताया कि डिलीवरी के दौरान जच्चा बच्चा का आरोप है। बॉडी का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। उसके बाद जैसी कार्रवाई होगी अमल में लाई जाएगी। फिलहाल परिजनों को शांत कराया। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।

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