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Bilaspur News: पूर्व सैनिकों के भरोसे होगी अब एम्स के इन, आउट गेट की सुरक्षा
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सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तैनात किए हैं पूर्व सैनिक
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। एम्स बिलासपुर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व सैनिकों को संस्थान के इन और आउट गेट पर तैनात कर दिया है। भर्ती की औपचारिकताएं पूरी होने के तुरंत बाद पूर्व सैनिकों ने ड्यूटी संभाल ली है।
एम्स जैसे राष्ट्रीय महत्व के स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षा मानकों पर किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जा सकती। पूर्व सैनिकों के अनुभव, अनुशासन और त्वरित निर्णय क्षमता को देखते हुए उन्हें सुरक्षा व्यवस्था की कमान सौंपी गई है। इनके तैनात होने से प्रवेशद्वारों पर निगरानी न केवल मजबूत हुई है। बताते चलें कि कुछ दिन पहले एम्स के हॉस्टल में रह रहे दो प्रशिक्षु डॉक्टर रात 10 बजे के बाद बिना अनुमति हॉस्टल से बाहर निकल गए थे। देर रात फोरलेन पर हुए दर्दनाक हादसे में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल होकर वर्तमान में अपोलो अस्पताल चंडीगढ़ में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। इस घटना ने हॉस्टल सुरक्षा और निगरानी में मौजूद खामियों को उजागर किया लेकिन अब सुरक्षा नियमों को और कड़ा कर दिया है। अब निर्धारित समय के बाद हॉस्टल से बाहर जाने पर सख्त पाबंदी होगी। बिना अनुमति परिसर से बाहर निकलने की मनाही है और किसी भी तरह की लापरवाही पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रबंधन का कहना है कि स्टाफ, मरीजों, तीमारदारों और विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। भविष्य में सुरक्षा मजबूत करने के लिए और भी कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि संस्थान का वातावरण सुरक्षित, अनुशासित और व्यवस्थित बना रहे।
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बिलासपुर। एम्स बिलासपुर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व सैनिकों को संस्थान के इन और आउट गेट पर तैनात कर दिया है। भर्ती की औपचारिकताएं पूरी होने के तुरंत बाद पूर्व सैनिकों ने ड्यूटी संभाल ली है।
एम्स जैसे राष्ट्रीय महत्व के स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षा मानकों पर किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जा सकती। पूर्व सैनिकों के अनुभव, अनुशासन और त्वरित निर्णय क्षमता को देखते हुए उन्हें सुरक्षा व्यवस्था की कमान सौंपी गई है। इनके तैनात होने से प्रवेशद्वारों पर निगरानी न केवल मजबूत हुई है। बताते चलें कि कुछ दिन पहले एम्स के हॉस्टल में रह रहे दो प्रशिक्षु डॉक्टर रात 10 बजे के बाद बिना अनुमति हॉस्टल से बाहर निकल गए थे। देर रात फोरलेन पर हुए दर्दनाक हादसे में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल होकर वर्तमान में अपोलो अस्पताल चंडीगढ़ में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। इस घटना ने हॉस्टल सुरक्षा और निगरानी में मौजूद खामियों को उजागर किया लेकिन अब सुरक्षा नियमों को और कड़ा कर दिया है। अब निर्धारित समय के बाद हॉस्टल से बाहर जाने पर सख्त पाबंदी होगी। बिना अनुमति परिसर से बाहर निकलने की मनाही है और किसी भी तरह की लापरवाही पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रबंधन का कहना है कि स्टाफ, मरीजों, तीमारदारों और विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। भविष्य में सुरक्षा मजबूत करने के लिए और भी कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि संस्थान का वातावरण सुरक्षित, अनुशासित और व्यवस्थित बना रहे।
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