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Hamirpur (Himachal) News: हमारी रसोई से जन्मी महामारी, ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में फैल रहा मोटापा
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Thu, 13 Nov 2025 11:12 AM IST
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डाॅक्टर कल्याण ठाकुर।-स्वयं
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कुल्लू। जन स्वास्थ्य अधिवक्ता एवं क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के एमडी डॉ. कल्याण सिंह ने कहा कि मोटापा एक ऐसी महामारी है जिसे हमने स्वयं पैदा किया है। अन्य महामारियों के बारे में सोचते समय अक्सर वायरस और टीके की छवि उभरती है। मोटापा एक ऐसी महामारी है जो हमारी अपनी रसोई और आधुनिक तौर-तरीकों से पनपती है।
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में एक जन जागरूकता कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मोटापा रातों-रात नहीं आता, बल्कि साल-दर-साल बढ़ता जाता है, जब तक कि चिकित्सक यह न कह दें कि आपका मधुमेह और रक्तचाप बढ़ गया है। पूरे भारत में यह महामारी हर घर में मौजूद है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़े दर्शाते हैं कि देश में 24 फीसदी पुरुष और 23 फीसदी महिलाएं अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं। पांच साल से कम उम्र के 35 फीसदी बच्चे बौने या कम वजन की चपेट में हैं।
डॉ. कल्याण सिंह ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि बचपन में मोटापा दस गुना से भी ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि कभी कुपोषण के लिए जाने जाने वाले कई एशियाई देश अब पोषण परिवर्तन का सामना कर रहे हैं। चीन, थाईलैंड और भारत जैसे देशों में मशीनी जीवनशैली, कैलोरी युक्त आहार और कम शारीरिक गतिविधि के कारण मोटापे में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।
भारत में आश्चर्यजनक बात यह है कि यह समस्या अब सिर्फ शहरों तक ही सीमित नहीं रही। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के हालिया आंकड़ों के अनुसार हिमाचल, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों के ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में भी मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में ही पांच में से एक से ज्यादा वयस्क अब अधिक वजन वाले हैं। यह आंकड़ा सिर्फ एक दशक में दोगुना हो गया है।
शरीर को नुकसान पहुंचाता है मोटापा
मोटापा कैसे शरीर को पहुंचाता है नुकसान
मोटापा तब शुरू होता है जब शरीर दिन-व-दिन जितनी कैलोरी जलाता है, उससे ज्यादा कैलोरी ग्रहण करता है। ये बची हुई कैलोरी पहले त्वचा के नीचे और बाद में लिवर, अग्न्याशय और हृदय जैसे महत्वपूर्ण अंगों के आसपास वसा (फैट) के रूप में जमा हो जाती हैं। यह छिपी हुई या आंतरिक वसा एक सक्रिय अंग की तरह व्यवहार करती है, जो हानिकारक रसायन छोड़ती है और पूरे शरीर को बाधित करती है।
स्वस्थ रहने के लिए पांच आदतें अपनाएं
समझदारी से खाएं : अपनी आधी प्लेट सब्जियां और फल, आधा प्रोटीन व आधा अनाज शामिल करें।
ज्यादा सक्रिय रहें : रोजाना कम से कम 30 मिनट तेज चलें।
अच्छी नींद लें : प्रतिदिन कम से कम सात से आठ घंटे की नींद पूरी करें।
धीरे-धीरे चलें : क्रैश डाइट (तेजी से वजन घटाने के प्रयास) काम नहीं करती। लगातार वजन कम करना ही कारगर है।
चिकित्सक से सलाह : मधुमेह होने पर या आपका बॉडी मास इंडेक्स 27 या 30 होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
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क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में एक जन जागरूकता कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मोटापा रातों-रात नहीं आता, बल्कि साल-दर-साल बढ़ता जाता है, जब तक कि चिकित्सक यह न कह दें कि आपका मधुमेह और रक्तचाप बढ़ गया है। पूरे भारत में यह महामारी हर घर में मौजूद है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़े दर्शाते हैं कि देश में 24 फीसदी पुरुष और 23 फीसदी महिलाएं अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं। पांच साल से कम उम्र के 35 फीसदी बच्चे बौने या कम वजन की चपेट में हैं।
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डॉ. कल्याण सिंह ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि बचपन में मोटापा दस गुना से भी ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि कभी कुपोषण के लिए जाने जाने वाले कई एशियाई देश अब पोषण परिवर्तन का सामना कर रहे हैं। चीन, थाईलैंड और भारत जैसे देशों में मशीनी जीवनशैली, कैलोरी युक्त आहार और कम शारीरिक गतिविधि के कारण मोटापे में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।
भारत में आश्चर्यजनक बात यह है कि यह समस्या अब सिर्फ शहरों तक ही सीमित नहीं रही। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के हालिया आंकड़ों के अनुसार हिमाचल, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों के ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में भी मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। हिमाचल प्रदेश में ही पांच में से एक से ज्यादा वयस्क अब अधिक वजन वाले हैं। यह आंकड़ा सिर्फ एक दशक में दोगुना हो गया है।
शरीर को नुकसान पहुंचाता है मोटापा
मोटापा कैसे शरीर को पहुंचाता है नुकसान
मोटापा तब शुरू होता है जब शरीर दिन-व-दिन जितनी कैलोरी जलाता है, उससे ज्यादा कैलोरी ग्रहण करता है। ये बची हुई कैलोरी पहले त्वचा के नीचे और बाद में लिवर, अग्न्याशय और हृदय जैसे महत्वपूर्ण अंगों के आसपास वसा (फैट) के रूप में जमा हो जाती हैं। यह छिपी हुई या आंतरिक वसा एक सक्रिय अंग की तरह व्यवहार करती है, जो हानिकारक रसायन छोड़ती है और पूरे शरीर को बाधित करती है।
स्वस्थ रहने के लिए पांच आदतें अपनाएं
समझदारी से खाएं : अपनी आधी प्लेट सब्जियां और फल, आधा प्रोटीन व आधा अनाज शामिल करें।
ज्यादा सक्रिय रहें : रोजाना कम से कम 30 मिनट तेज चलें।
अच्छी नींद लें : प्रतिदिन कम से कम सात से आठ घंटे की नींद पूरी करें।
धीरे-धीरे चलें : क्रैश डाइट (तेजी से वजन घटाने के प्रयास) काम नहीं करती। लगातार वजन कम करना ही कारगर है।
चिकित्सक से सलाह : मधुमेह होने पर या आपका बॉडी मास इंडेक्स 27 या 30 होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।