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Hamirpur (Himachal) News: हवा में झूलीं घोषणाएं, टूटने लगीं तांदी की उम्मीदें
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Thu, 13 Nov 2025 11:16 AM IST
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बंजार का तांदी गांव।-संवाद
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गौरीशंकर
कुल्लू। उपमंडल बंजार के तांदी गांव में 31 दिसंबर की रात को आग की भीषण घटना में 17 घर पूरी तरह से राख हो गए थे। इस त्रासदी के बाद 13 जनवरी को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू गांव में पहुंचे और प्रभावितों को बड़ी राहत देने की घोषणा की थी। 11 महीने बीतने के बाद भी ग्रामीणों की उम्मीदें अब घोषणाओं के हवा में झूलने से टूटने लगी हैं।
मुख्यमंत्री ने गांव तक 500 मीटर से अधिक नई सड़क के लिए 75 लाख रुपये और गांव के नीचे की 4.5 किलोमीटर शाच-तांदी सड़क के विस्तारीकरण के लिए 1 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की थी। दुर्भाग्य से घटना को 10 महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन न तो 500 मीटर नई सड़क बनी है और न ही पुरानी सड़क का विस्तारीकरण हो पाया है।
ग्रामीण किशन नेगी सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री के गांव में आकर घोषणा करने से उम्मीद जागी थी कि अब उनके गांव के नीचे तक जो सड़क बनी है, उसकी हालत में सुधार आएगा। साथ में गांव तक नई सड़क बनने से उनके घरों तक सामान पहुंच जाएगा। मगर इतना ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी उनके लिए वही पुरानी संकरी सड़क ही मौजूद है।
उन्होंने आग की भेंट चढ़े घरों के पुनर्निर्माण के लिए उन्हें सामग्री लानी पड़ रही है। सड़क की खस्ता हालत के कारण निर्माण सामग्री को सड़क से गांव तक पीठ पर या मजदूरों के सहारे लाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें काफी ज्यादा भाड़ा देना पड़ रहा है, जिससे पहले से ही आपदाग्रस्त परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
बजट और जमीन की प्रक्रिया में फंसा काम
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता कीर्तिमान ठाकुर ने बताया कि सड़क के विस्तारीकरण के लिए भेजी गई डीपीआर पर आपत्तियां लगने के बाद इसे दोबारा भेजा गया है। सड़क की टारिंग के लिए 45 लाख रुपये विभाग के पास पहुंच चुके हैं, जिसका कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। गांव तक बनने वाली 500 मीटर नई सड़क का मामला इसलिए लटका है, क्योंकि इसके लिए जमीन की गिफ्ट डीड अभी तक पूरी नहीं हो पाई है और बजट भी नहीं आया है।
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कुल्लू। उपमंडल बंजार के तांदी गांव में 31 दिसंबर की रात को आग की भीषण घटना में 17 घर पूरी तरह से राख हो गए थे। इस त्रासदी के बाद 13 जनवरी को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू गांव में पहुंचे और प्रभावितों को बड़ी राहत देने की घोषणा की थी। 11 महीने बीतने के बाद भी ग्रामीणों की उम्मीदें अब घोषणाओं के हवा में झूलने से टूटने लगी हैं।
मुख्यमंत्री ने गांव तक 500 मीटर से अधिक नई सड़क के लिए 75 लाख रुपये और गांव के नीचे की 4.5 किलोमीटर शाच-तांदी सड़क के विस्तारीकरण के लिए 1 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की थी। दुर्भाग्य से घटना को 10 महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन न तो 500 मीटर नई सड़क बनी है और न ही पुरानी सड़क का विस्तारीकरण हो पाया है।
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ग्रामीण किशन नेगी सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री के गांव में आकर घोषणा करने से उम्मीद जागी थी कि अब उनके गांव के नीचे तक जो सड़क बनी है, उसकी हालत में सुधार आएगा। साथ में गांव तक नई सड़क बनने से उनके घरों तक सामान पहुंच जाएगा। मगर इतना ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी उनके लिए वही पुरानी संकरी सड़क ही मौजूद है।
उन्होंने आग की भेंट चढ़े घरों के पुनर्निर्माण के लिए उन्हें सामग्री लानी पड़ रही है। सड़क की खस्ता हालत के कारण निर्माण सामग्री को सड़क से गांव तक पीठ पर या मजदूरों के सहारे लाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें काफी ज्यादा भाड़ा देना पड़ रहा है, जिससे पहले से ही आपदाग्रस्त परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
बजट और जमीन की प्रक्रिया में फंसा काम
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता कीर्तिमान ठाकुर ने बताया कि सड़क के विस्तारीकरण के लिए भेजी गई डीपीआर पर आपत्तियां लगने के बाद इसे दोबारा भेजा गया है। सड़क की टारिंग के लिए 45 लाख रुपये विभाग के पास पहुंच चुके हैं, जिसका कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। गांव तक बनने वाली 500 मीटर नई सड़क का मामला इसलिए लटका है, क्योंकि इसके लिए जमीन की गिफ्ट डीड अभी तक पूरी नहीं हो पाई है और बजट भी नहीं आया है।