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Hamirpur (Himachal) News: डाटा की गुणवत्ता और उपयोगिता बढ़ाने पर जोर
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Thu, 13 Nov 2025 11:09 AM IST
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कुल्लू। कार्यशालाएं न केवल विभागीय समन्वय को मजबूत करती हैं, बल्कि डाटा की गुणवत्ता और उपयोगिता में भी वृद्धि करती हैं। यह बात सचिव (वित्त, अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी, योजना) डॉ. अभिषेक जैन ने बुधवार को कुल्लू में आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में कही।
आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा सांख्यिकीय सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत यह कार्यशाला बहुउद्देश्यीय भवन कुल्लू में आयोजित की गई। इसका विषय था सांख्यिकीय गतिविधियों में समन्वय और दोहराव से बचाव। डॉ. अभिषेक जैन ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे आंकड़ों के संग्रह, विश्लेषण और प्रसार में पारदर्शिता एवं सटीकता बनाए रखें। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य की सांख्यिकीय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना और साक्ष्य-आधारित नीति निर्धारण एवं सुशासन को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा प्रस्तुत आंकड़े राज्य की आर्थिक गतिविधियों और जीडीपी से सीधे जुड़े होते हैं, इसलिए आंकड़ों को सही और अद्यतन रूप में प्रस्तुत करना आवश्यक है। किसी भी जानकारी को लेकर संदेह होने पर उसे अपलोड करने से पहले संबंधित अधिकारी से परामर्श लेने की सलाह दी।
इससे पहले आर्थिक सलाहकार डॉ. विनोद राणा ने सांख्यिकीय आंकड़ों की बढ़ती उपयोगिता और विश्वसनीय डाटा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के युग में डाटा ही आधुनिक विश्व का ईंधन है। वहीं, उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश ने कहा कि आंकड़े प्रभावी निर्णय-निर्माण का आधार हैं। डाटा पर आधारित निर्णय सटीक, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन सुनिश्चित करते हैं।
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आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा सांख्यिकीय सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत यह कार्यशाला बहुउद्देश्यीय भवन कुल्लू में आयोजित की गई। इसका विषय था सांख्यिकीय गतिविधियों में समन्वय और दोहराव से बचाव। डॉ. अभिषेक जैन ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे आंकड़ों के संग्रह, विश्लेषण और प्रसार में पारदर्शिता एवं सटीकता बनाए रखें। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य की सांख्यिकीय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना और साक्ष्य-आधारित नीति निर्धारण एवं सुशासन को बढ़ावा देना है।
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उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा प्रस्तुत आंकड़े राज्य की आर्थिक गतिविधियों और जीडीपी से सीधे जुड़े होते हैं, इसलिए आंकड़ों को सही और अद्यतन रूप में प्रस्तुत करना आवश्यक है। किसी भी जानकारी को लेकर संदेह होने पर उसे अपलोड करने से पहले संबंधित अधिकारी से परामर्श लेने की सलाह दी।
इससे पहले आर्थिक सलाहकार डॉ. विनोद राणा ने सांख्यिकीय आंकड़ों की बढ़ती उपयोगिता और विश्वसनीय डाटा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के युग में डाटा ही आधुनिक विश्व का ईंधन है। वहीं, उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश ने कहा कि आंकड़े प्रभावी निर्णय-निर्माण का आधार हैं। डाटा पर आधारित निर्णय सटीक, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन सुनिश्चित करते हैं।