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बदलते मौसम में आम के पेड़ों के बौर का विशेष ध्यान रखें बागवान : परमार
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Sun, 02 Mar 2025 07:52 AM IST
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हमीरपुर। उद्यान विभाग ने बागवानों से बदलते मौसम में आम के पेड़ों के बौर का विशेष ध्यान रखने की अपील की है। बौर आने के समय अधिक नमी हो जाने से कीट एवं बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है, जिससे फसल प्रभावित हो सकती है। उद्यान विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने कहा कि इस अवस्था में आम का पर्ण फुदका कीट (हॉपर) और सफेद चूर्ण रोग (पाउडरी मिल्ड्यू) फसल को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। सफेद चूर्ण फंफूद रोग के लक्षण बौरों, पुष्पक्रमों की डंडियों, पत्तियों व नए फलों पर देखे जा सकते हैं। इससे नई पत्तियों पर अनियमित भूरे धब्बे दिखाई देने लगते हैं। फूलों, फलों और पत्तियों पर सफेद चूर्ण जैसी फंफूद उत्पन्न होती है। बौर निकलने के समय कवकनाशी दवा हेक्साकोनाजोल का मात्रा 0.5 मिलिलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर या बेटेबल सल्फर मात्रा पांच ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना लाभदायक होता है। संक्रमण अधिक होने पर दवाई का दूसरा छिड़काव 15-20 दिनों के अंतराल पर करना चाहिए। आम का पर्ण फुदका फीट हॉपर छोटे आकार के रस चूसक कीट होते हैं। इससे बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल दवाई मात्रा 0.25 मिलिलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि बागवान रसायनों का उपयोग सुरक्षित तरीकों से करें। यदि तेज हवा चल रही हो तो इनका छिड़काव न करें।
