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Himachal News: नदी नालों से एक लाख करोड़ टन रेता, बजरी निकाल सकती है हिमाचल सरकार, उद्योग मंत्री ने दी जानकारी
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Wed, 17 Sep 2025 05:00 AM IST
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सार
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि नदी-नालों में 7 लाख करोड़ टन रेता, बजरी, पत्थर और गाद है। इसमें से एक लाख करोड़ टन रेता-बजरी को निकाला जा रहा है।

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
नदी-नालों में 7 लाख करोड़ टन रेता, बजरी, पत्थर और गाद है। इसमें से एक लाख करोड़ टन रेता-बजरी को निकाला जा रहा है। नदियों में पानी का लेबल ऊपर आ गया है। ऐसे में यह पानी बाढ़ का कारण बन रहा है। यह जानकारी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दी है।

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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक प्रदेश को 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 409 लोगों की मौत हो चुकी है। कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बारिश से खड्डों और नालों में बनीं सरकारी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है। नदी-नालों के साथ सरकारी और गैर सरकारी भवन निर्माण पर रोक लगा दी गई है। मंडी के धर्मपुर बस अड्डे को भी नुकसान पहुंचा है। जिन लोगों को हानि हुई है, उन्हें रिलीफ मैनुअल के तहत मुआवजा दिया जाएगा।
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मंत्री ने कहा कि सेब सीजन पर भी बारिश का असर पड़ा है। कई क्षेत्रों में सेब की निकासी नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां सेब खराब हो रहा है, उसे एचपीएमसी खरीदे। प्रदेश में इस मानसून के दौरान अब तक करीब 60 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। चौहान ने कहा कि कुल्लू-मनाली की सड़कें लगातार खतरे में हैं, क्योंकि वह नदी किनारे बनी हुई हैं।