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Himachal News: जेबीटी प्रशिक्षुओं को मिलेगा रोजगार, निजी स्कूलों में पढ़ाएंगे

संवाद न्यूज एजेंसी, सोलन। Published by: अंकेश डोगरा Updated Tue, 30 Dec 2025 12:46 PM IST
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सार

प्रशिक्षु जेबीटी करने के बाद कई वर्षों तक सरकारी नौकरी को लेकर घर पर बैठ जाते हैं। जिनके लिए डाइट सोलन ने एक पहल की है। पढ़ें पूरी खबर...

Himachal News JBT trainees will get employment, they will teach in private schools
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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जेबीटी प्रशिक्षुओं को निजी शिक्षण संस्थानों में भी नौकरी मिल सकेगी। इसके लिए डाइट सोलन ने एक पहल की है। इसमें डाइट की ओर से निजी शिक्षण संस्थानों के लिए कैंपस इंटरव्यू  करवा प्रशिक्षुओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है।  वर्तमान में प्रशिक्षु जेबीटी करने के बाद कई वर्षों तक सरकारी नौकरी को लेकर घर पर बैठ जाते हैं। अब उनके इस इंतजार के बीच में उन्हें रोजगार से भी जोड़ा जा रहा है।

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इसमें वेतनमान के साथ उन्हें बच्चों को पढ़ाने का अनुभव भी मिलेगा। हाल ही में डाइट सोलन के 34 प्रशिक्षुओं का चयन सोलन के निजी शिक्षण संस्थानों के लिए हुआ है। इसमें कुछ प्रशिक्षुओं को आउटऑफ स्कूल के लिए और नौ का एक निजी स्कूल के लिए चयन हुआ है।  इसमें उन्हें संस्था और विभाग की ओर से भी अच्छा पैकेज दिया गया है। इस प्लेसमेंट ड्राइव के तहत 34 प्रशिक्षुओं को सोलन के विभिन्न निजी विद्यालयों में रोजगार प्राप्त हुआ है। इसमें 9 प्रशिक्षुओं को एक निजी स्कूल सोलन, कुनिहार में प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है।

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इसके अतिरिक्त समग्र शिक्षा अभियान में कार्यरत प्रथम फाउंडेशन में सोलन के 10 प्रशिक्षु शैक्षणिक गतिविधियों में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। वहीं एनआरएसटी सेंटर के तहत 15 प्रशिक्षु आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों की शिक्षा से संबंधित कार्यों में सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए कार्यरत माइंड स्पार्क संस्था में भी  प्रशिक्षु को रोजगार प्राप्त हुआ है।

डाइट सोलन के प्रिंसिपल डॉ. शिव कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षु अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी पाने के लिए अपनी बारी के इंतजार में कई वर्ष घर पर ही लगा देते हैं। इस बीच न तो उनकी पाठन प्रक्रिया का विकास होता है, और नहीं उनके पास कोई अपना अनुभव रहता है। इस मुहिम में वह कैंपस इंटरव्यू में भाग लेकर निजी शिक्षण संस्थानों में भी बच्चों को पढ़ा सकते है। जिससे उनका अनुभव भी बढ़ेगा।

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