Himachal News: छात्राओं से सुनाई आपबीती, स्कूल के रास्ते में छेड़छाड़ कर रहे युवक, चाकू दिखाकर देते हैं धमकी
शिमला जिले के उपमंडल ठियोग के एक सरकारी की छात्राओं के साथ पिछले कई दिनों से चल रहीं छेड़छाड़ की घटनाओं ने क्षेत्र में दहशत फैला दी है। पढ़ें पूरी खबर...

विस्तार
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के उपमंडल ठियोग में एक सरकारी की छात्राओं के साथ पिछले कई दिनों से चल रहीं छेड़छाड़ की घटनाओं ने क्षेत्र में दहशत फैला दी है। अभिभावक छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं। उन्होंने ऐसे मनचले युवकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मामला उस समय सामने आया, जब क्षेत्र की एक महिला ने गांव के साथ लगते जंगल में कुछ संदिग्ध लोगों का एक वीडियो वायरल किया था। वीडियो के सामने आने पर स्कूल की कई छात्राओं ने हिम्मत करते हुए आपबीती अध्यापिका को बताई। स्कूल प्रबंधन ने इसकी सूचना परिजनों और पुलिस को दी। एक छात्रा के पिता ने बताया कि कुछ युवक जंगल के रास्ते में बच्चियों को टॉफी और चॉकलेट का लालच देकर बुलाते हैं। लड़कियों को गलत तरीके से स्पर्श करते हैं और उन्हें चाकू दिखाकर धमकी देते हैं कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देंगे। कई अन्य छात्राएं भी सामने आने लगी हैं। वहीं, प्रधानाचार्य ने बताया कि प्रबंधन ने छात्राओं का मनोबल बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाए हैं।
कुछ लोगों से की जा रही पूछताछ : डीएसपी सिद्धार्थ
डीएसपी ठियोग सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि शनिवार को पुलिस को सूचना मिलने के बाद ठियोग थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम तत्काल मझार स्कूल पहुंची। टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। मामले में कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जंगल के रास्तों पर पुलिस गश्त बढ़ाई जाए और स्कूल समय में निगरानी के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
सोमवार को स्कूल में पुलिस ने जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। ठियोग के डीएसपी सिद्धार्थ शर्मा ने स्कूल में छात्राओं का मनोबल बढ़ाने के लिए जरूरी टिप्स दिए। उन्होंने छात्राओं को आत्मरक्षा की जानकारी दी और उन्हें थाना पुलिस व महिला थाना शिमला के आवश्यक फोन नंबर भी उपलब्ध करवाए।
जिला जनवादी महिला समिति अध्यक्षा पूजा कंवर ने कहा कि युवाओं में नशे का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। स्कूली छात्राओं के साथ इस तरह युवक कोई भी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। अभिभावकों को अपनी बेटियों की हौसला अफजाई करनी चाहिए। अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन को इस तरह के मामलों के प्रति संवेदनशील रुख अपनाना चाहिए।