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HP High Court: स्कॉलरशिप घोटाले के मुख्य आरोपी अरविंद की जमानत याचिका खारिज, SC भी कर चुका है राहत से इनकार

दीपक मेहता, संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला Published by: अंकेश डोगरा Updated Sun, 23 Nov 2025 11:36 AM IST
सार

हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के मुख्य आरोपी अरविंद राज्टा की नियमित याचिका खारिज कर दी। ईडी ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च 2025 को उसकी जमानत खारिज कर चुका है।

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HP High Court Bail plea of Arvind the main accused in the scholarship scam, rejected
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के मुख्य आरोपी अरविंद राज्टा को कोर्ट से राहत नहीं मिली। विशेष न्यायाधीश (पीएमएलए) दविंदर कुमार की अदालत ने उनकी नियमित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि एक वर्ष से ज्यादा की हिरासत अपने आप में जमानत का आधार नहीं बन सकती, खासकर तब जब आरोप गंभीर हों। अदालत ने पीएमएलए की धारा 45 के ट्विन कंडीशंस (दोहरी कसौटी) पूरी न होने को जमानत खारिज करने का मुख्य कारण बताया।

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ईडी जांच के अनुसार अरविंद शिक्षा विभाग में स्कॉलरशिप शाखा में डीलिंग असिस्टेंट रहते हुए केसी ग्रुप, एचजीपीआई, एजीपीआई, आईसीएल और आईटीएफटी संस्थानों के फर्जी दावों को बिना जांच मंजूर करता रहा। गलत जाति प्रमाणपत्र, बदले हुए कोर्स और अधूरे दस्तावेजों के बावजूद स्कॉलरशिप जारी करवाई गई। जांच में पता चला कि आरोपी ने पत्नी और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर शेल कंपनियों एएसए मार्केटिंग सॉल्यूशंस और स्किल्स डेवलपमेंट सोसायटी खड़ी कर करोड़ों की स्कॉलरशिप राशि फर्जी छात्रों के नाम पर हासिल की। फिर उसे भूमि, होटल प्रोजेक्ट और कारोबारी निवेशों में लगाकर छिपाया।
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ईडी ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च 2025 को उसकी जमानत खारिज कर चुका है। हाईकोर्ट दो बार जमानत अस्वीकार कर चुका है। बचाव पक्ष ने अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों से जुड़े अहम फैसले विजय मदनलाल चौधरी, अमित कुमार, सेंथिल बालाजी और मनीष सिसोदिया का हवाला दिया। लेकिन, अदालत ने कहा कि मामले की गंभीरता, आरोपों की प्रकृति और सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्व निर्णयों को देखते हुए इस चरण पर रिहाई उचित नहीं है।

मामले में अब तक क्या-क्या हुआ
2013–2018 के बीच कई निजी संस्थानों ने एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों की स्कॉलरशिप फर्जी दस्तावेज के आधार पर हड़प ली। शिकायत के बाद सबसे पहले सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की। इसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। सीबीआई अब तक 22 में से 12 संस्थानों के चालान दायर कर चुकी है। 6 संस्थानों की जांच जारी है। ईडी ने चार शिकायतें दायर की हैं। इसमें 44 आरोपी, करीब 70,000 दस्तावेज और 107 से अधिक गवाह शामिल हैं। चार्ज फ्रेमिंग पर बहस आरोपियों की अनुपस्थिति और स्थगन मांगों के कारण अभी तक लंबित है।
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