Jairam Thakur: नेता विपक्ष जयराम ठाकुर बोले- ठेकेदारों को नोटिस देने पर हो रहे अफसरों के तबादले
शुक्रवार को जारी प्रेस बयान में जयराम ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला के एक परियोजना अधिकारी द्वारा सोलर प्रोजेक्ट के मामले में ठेकेदार से सख्ती दिखाने पर सरकार द्वारा ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बजाय अधिकारी का ही चंबा तबादला कर दिया गया।
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नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में पेखुबेला पार्ट दो की तैयारी चल रही है। जिस तरह से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार के भ्रष्टाचार का प्रतीक बनी पेखुबेला की परियोजना प्रदेश के एक चीफ इंजीनियर के स्तर के अधिकारी की मौत की वजह बनी। अब इसी तरह से धर्मशाला के एक परियोजना अधिकारी द्वारा सोलर प्रोजेक्ट के मामले में ठेकेदार से सख्ती दिखाने पर सरकार द्वारा ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बजाय अधिकारी का ही चंबा तबादला कर दिया गया।
शुक्रवार को जारी प्रेस बयान में जयराम ठाकुर ने कहा इस मामले में भले ही हाईकोर्ट ने अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार के स्थानांतरण फैसले को रद्द कर दिया हो, लेकिन समय पर प्रोजेक्ट पूरा न कर रहे ठेकेदार को एक नोटिस देना किसी भी अधिकारी को कितना भारी हो सकता है, यह मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को बता दिया है।
उन्होंने कहा कि कार्य समय से पूरा नहीं होता है तो अधिकारी नोटिस देते हैं, बदले में ठेकेदार को काम समय से पूरा करना होता है और उस पर पेनल्टी लगाई जाती है, यह व्यवस्था की बात है। लेकिन व्यवस्था परिवर्तन में यदि परियोजना से जुड़े अधिकारी ठेकेदार को काम सही से और समय से करने को कहें तो ठेकेदार मुख्यमंत्री को सीधे पत्र लिखकर कहता है कि इस अधिकारी को सबक सिखाओ और अगले दिन अधिकारी को दूर दराज के जिलों में भेज कर सबक सिखा दिया जाता है। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश को ऐसा व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए जो भ्रष्टाचार को न सिर्फ जन्म देता हो बल्कि उसका पालन पोषण और संरक्षण करता हो।
जयराम ठाकुर ने लोकसभा और राज्यसभा से बीवी जी राम जी विधेयक के पारित होने का स्वागत करते हुए इसे देश और समाज के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सुशासन को मजबूत करने, व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
केंद्रीय हाटी समिति गिरिपार के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को नेता विपक्ष जयराम ठाकुर से मुलाकात की। हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने के विषय में उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई में हो रही देरी को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने अमीचंद कमल के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की। समिति ने हाटियों को जनजातीय दर्जा दिलाने के लिए किए गए प्रयास के लिए उनका आभार जताया। साथ ही इस पूरे प्रकरण के न्यायालय में जाने की वजह से हाटी समुदाय को हो रहे नुकसान के बारे में अवगत कराया।
प्रतिनिधिमंडल ने अपनी समस्याओं से अवगत करवाते हुए नेता विपक्ष से मांग की कि इस मुद्दे को वह केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाएं। जिससे इस मामले में उपयुक्त पैरवी के साथ-साथ हाटियों की समस्या का समाधान हो सके। दो लाख से ज्यादा की आबादी इस केस की वजह से प्रभावित हो रही है। संवैधानिक संशोधन द्वारा केंद्र सरकार द्वारा दिए गए इस अधिकार का लाभ वर्षों से उपेक्षित हाटी समुदाय को नहीं मिल पा रहा है। प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय समिति के पदाधिकारी सुरेंद्र हिंदुस्तानी, ओपी चौहान, शिवानंद, रमेश सिंगटा, विजय पुंडीर सहित कई शामिल रहे।