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Kullu News: सेब गिरा, हौसला नहीं... खुद तुड़ान करने में जुटे बागवान
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Sun, 14 Sep 2025 10:53 PM IST
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मजदूरों की कमी के बीच तुड़ान करने के साथ खुद ही भर रहे सेब की पेटियां
मंडियों में भी लौटी रौनक, देश भर की मंडियों में पहुंचने लगा कुल्लू का सेब
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। सेब पेड़ों से गिरने लगे लेकिन बागवानों का हौसला नहीं गिरा। बारिश, भूस्खलन और मजदूरों की कमी के बावजूद बागवानों ने हार नहीं मानी। बागवानों की मेहनत से घाटियों के भीतर से तुड़ान की रफ्तार फिर तेज हो गई है।
बागवान खुद ही बाग में उतरकर तुड़ान से लेकर पेटियां भरना और इन्हें मंडियों तक पहुंचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इससे बंदरोल, भुंतर और पतलीकूहल मंडियों में अब सेब की खेप दोगुनी रफ्तार से पहुंच रही है और देशभर की मंडियों में कुल्लू का सेब फिर छा रहा है। खराहल, ऊझी घाटी के बागवानों ने तुड़ान तेज कर दिया है।
मजदूर न मिलने पर बागवान खुद ही तुड़ान कर रहे हैं। तुड़ान की गति बढ़ने से सितंबर के दूसरे सप्ताह में सब्जी मंडियों में सेब की दोगुना खेप आ रही है। बंदरोल, भुंतर और पतलीकूहल सब्जी मंडी में रौनक बढ़ गई है। सब्जी मंडी बंदरोल से करीब 100 गाड़ियां प्रतिदिन देशभर की विभिन्न मंडियों के लिए जा रही हैं। भुंतर और पतलीकूहल से हजारों सेब पेटियां बाहर जा रही हैं। दुर्गम इलाकों में सेब अभी काफी है। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार अक्तूबर में होने वाले दशहरा के दौरान भी सीजन चलेगा।
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बागवानों के लिए मुश्किल भरा रहा सेब सीजन
बागवान पूरनदेव शर्मा, जय बिहारी लाल, मनोहर शर्मा, दिले राम ठाकुर, प्रेम सिंह और चमन लाल ने कहा कि सेब का सीजन इस बार बागवानों के लिए मुश्किल भरा रहा है। कई बारिश ने सेब सीजन की रफ्तार रोकी तो भूस्खलन से बंद सड़कों ने। उन्होंने कहा कि बगीचों में सेब को मंडियों को पहुंचाने का क्रम जारी है। सेब के दाम कम होने से भी घाटी के बागवानों को नुकसान उठाना पड़ा है। सब्जी मंडी बंदरोल में आढ़ती यूनियन के अध्यक्ष नारायण ठाकुर ने कहा कि मंडी में सेब आने का सिलसिला जारी है। 15 अक्तूबर तक सीजन के निपटने की उम्मीद है।
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संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। सेब पेड़ों से गिरने लगे लेकिन बागवानों का हौसला नहीं गिरा। बारिश, भूस्खलन और मजदूरों की कमी के बावजूद बागवानों ने हार नहीं मानी। बागवानों की मेहनत से घाटियों के भीतर से तुड़ान की रफ्तार फिर तेज हो गई है।
बागवान खुद ही बाग में उतरकर तुड़ान से लेकर पेटियां भरना और इन्हें मंडियों तक पहुंचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इससे बंदरोल, भुंतर और पतलीकूहल मंडियों में अब सेब की खेप दोगुनी रफ्तार से पहुंच रही है और देशभर की मंडियों में कुल्लू का सेब फिर छा रहा है। खराहल, ऊझी घाटी के बागवानों ने तुड़ान तेज कर दिया है।
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मजदूर न मिलने पर बागवान खुद ही तुड़ान कर रहे हैं। तुड़ान की गति बढ़ने से सितंबर के दूसरे सप्ताह में सब्जी मंडियों में सेब की दोगुना खेप आ रही है। बंदरोल, भुंतर और पतलीकूहल सब्जी मंडी में रौनक बढ़ गई है। सब्जी मंडी बंदरोल से करीब 100 गाड़ियां प्रतिदिन देशभर की विभिन्न मंडियों के लिए जा रही हैं। भुंतर और पतलीकूहल से हजारों सेब पेटियां बाहर जा रही हैं। दुर्गम इलाकों में सेब अभी काफी है। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार अक्तूबर में होने वाले दशहरा के दौरान भी सीजन चलेगा।
बागवानों के लिए मुश्किल भरा रहा सेब सीजन
बागवान पूरनदेव शर्मा, जय बिहारी लाल, मनोहर शर्मा, दिले राम ठाकुर, प्रेम सिंह और चमन लाल ने कहा कि सेब का सीजन इस बार बागवानों के लिए मुश्किल भरा रहा है। कई बारिश ने सेब सीजन की रफ्तार रोकी तो भूस्खलन से बंद सड़कों ने। उन्होंने कहा कि बगीचों में सेब को मंडियों को पहुंचाने का क्रम जारी है। सेब के दाम कम होने से भी घाटी के बागवानों को नुकसान उठाना पड़ा है। सब्जी मंडी बंदरोल में आढ़ती यूनियन के अध्यक्ष नारायण ठाकुर ने कहा कि मंडी में सेब आने का सिलसिला जारी है। 15 अक्तूबर तक सीजन के निपटने की उम्मीद है।