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बिना वेंटिलेशन वाले कमरों में न जलाएं आग और कोयला : डॉ. कल्याण
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Wed, 03 Dec 2025 05:56 AM IST
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सर्दी के मौसम में बरतें विशेष एहतियात, इस दौरान बढ़ जाती है मृत्यु दर
बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ख्याल, उन्हें घर पर अकेला न छोड़ें
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। सर्दी के मौसम में विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता रहती है। इस मौसम में मृत्यु दर में एकाएक इजाफा हो जाता है। इसमें अधिक संख्या में शून्य से पांच साल के बच्चे, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखना आवश्यक है। यह बात क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. कल्याण ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में पहाड़ी इलाकों में मृत्यु दर बढ़ जाती है। लोग स्वयं को एहतियातन सर्दी के लिए तैयार रखें और एक-दूसरे की मदद करें। बिना वेंटिलेशन वाले कमरे में आग या कोयला न जलाएं। इससे सांस की समस्या से जूझ रहे मरीज की मौत होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा सर्दी में हृदयघात, अधरंग के मामलों में भी इजाफा हो जाता है। वहीं, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश ने कहा कि सर्दी के मौसम में हर वर्ग के लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि क्षय रोग से ग्रसित मरीज बढ़ने का खतरा भी इसी मौसम में रहता है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने से यातायात का माध्यम कट जाता है। मरीज अस्पताल तक या डॉट्स केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते हैं और सैंपलिंग तथा स्क्रीनिंग न होने की वजह से मरीज क्षय रोग की चपेट में आ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मानकों के अनुसार दस बाई दस फीट के कमरे में दो लोगों से ज्यादा न रहें और हर दस घंटे दस मिनट के लिए दरवाजे और खिड़कियां खोलें, ताकि ताजी हवा मिल सके। इस दौरान जन शिक्षा एवं संप्रेक्षण अधिकारी निर्मला महंत उपस्थित रहीं।
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संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। सर्दी के मौसम में विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता रहती है। इस मौसम में मृत्यु दर में एकाएक इजाफा हो जाता है। इसमें अधिक संख्या में शून्य से पांच साल के बच्चे, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखना आवश्यक है। यह बात क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. कल्याण ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में पहाड़ी इलाकों में मृत्यु दर बढ़ जाती है। लोग स्वयं को एहतियातन सर्दी के लिए तैयार रखें और एक-दूसरे की मदद करें। बिना वेंटिलेशन वाले कमरे में आग या कोयला न जलाएं। इससे सांस की समस्या से जूझ रहे मरीज की मौत होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा सर्दी में हृदयघात, अधरंग के मामलों में भी इजाफा हो जाता है। वहीं, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश ने कहा कि सर्दी के मौसम में हर वर्ग के लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि क्षय रोग से ग्रसित मरीज बढ़ने का खतरा भी इसी मौसम में रहता है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने से यातायात का माध्यम कट जाता है। मरीज अस्पताल तक या डॉट्स केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते हैं और सैंपलिंग तथा स्क्रीनिंग न होने की वजह से मरीज क्षय रोग की चपेट में आ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मानकों के अनुसार दस बाई दस फीट के कमरे में दो लोगों से ज्यादा न रहें और हर दस घंटे दस मिनट के लिए दरवाजे और खिड़कियां खोलें, ताकि ताजी हवा मिल सके। इस दौरान जन शिक्षा एवं संप्रेक्षण अधिकारी निर्मला महंत उपस्थित रहीं।