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Namansh Syal Funeral: पंचतत्व में विलीन हुए नामांश स्याल, सैन्य सम्मान के साथ नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा। Published by: अंकेश डोगरा Updated Sun, 23 Nov 2025 04:16 PM IST
सार

Wing Commander Namansh Syal Funeral: रविवार को बलिदानी विंग कमांडर नामांश स्याल की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पटियालकड़ लाई गई। जहां सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। 

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Last rites of martyred pilot Namnash Syal at Patialakad village in Kangra Himachal Pradesh
बलिदानी विंग कमांडर नामांश स्याल की पार्थिव देह पैतृक गांव लाई गई। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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शुक्रवार को दुबई में एयर शो के दौरान तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से पायलट विंग कमांडर नामांश स्याल बलिदान हो गए थे। रविवार दोपहर करीब एक बजे उनकी पार्थिव देह एयरफोर्स के विशेष विमान से गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डे पर लाई गई। नामांश स्याल के माता-पिता, पत्नी व बेटी भी पार्थिव देह के साथ आए। कांगड़ा एयरपोर्ट पर उनकी पत्नी विंग कमांडर अफशां एयरफोर्स की वर्दी में पति की पार्थिव देह के साथ पहुंची। यहां से पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव पटियालकड़ ले जाया गया। यहां मोक्षधाम में सैन्य सम्मान के साथ नामांश स्याल की अंत्येष्टि की गई। 

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पिता बोले- देश ने एक बेहतरीन पायलट खोया
स्वर्गीय विंग कमांडर नमांश स्याल के पिता जगन नाथ स्याल ने कहा कि देश ने एक बेहतरीन पायलट खो दिया है, और मैंने एक जवान बेटा खो दिया है। उसकी जिंदगी में कभी कोई पल बोरिंग नहीं रहा और उसने हर उस कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की जिसमें उसने हिस्सा लिया। भारत सरकार अपनी जांच कर रही है, जबकि दुबई सरकार अपने लेवल पर जांच कर रही है।





दुबई एयर शो के दौरान एलसीए तेजस क्रैश में जान गंवाने वाले विंग कमांडर नामांश स्याल का पार्थिव शरीर रविवार को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में उनके पैतृक गांव पटियालकर लाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।



शुक्रवार को दुबई एयर शो 2025 में तेजस एयरक्राफ्ट के क्रैश होने और उसमें आग लगने के बाद इंडियन एयर फोर्स ने उनके निधन की पुष्टि की। गांव वाले उनके निधन पर शोक मना रहे हैं और उनके अंतिम संस्कार से पहले इकट्ठा हुए हैं। स्थानीय निवासी संदीप कुमार ने कहा कि हम नामांश पटियालकड़ के ही गांव से हैं। हमारे गांव में हर कोई दुखी है। वह हमारे छोटे भाई जैसा था। ऐसा नहीं होना चाहिए था। हमारे पास शब्द नहीं हैं। हम उससे 3-4 महीने पहले मिले थे जब वह हमारे गांव आया था

पंकज चड्ढा जो विंग कमांडर स्याल के ही स्कूल में पढ़े थे ने कहा कि उन्होंने एक रत्न खो दिया है। मैंने भी नामांश के ही स्कूल, सैनिक स्कूल सुजानपुर टीरा में पढ़ाई की है। चड्ढा ने बताया कि हमने अपना एक हीरा खो दिया। वह हमारे स्कूल का गौरव था। हम उसके पैतृक गांव पटियालकड़ जाएंगे। उसने हम सभी को बहुत गर्व महसूस कराया।




नामांश स्याल की चिता को मुखाग्नि उनके चचेरे भाई देंगे। नामांश का कोई सगा भाई नहीं है। उनकी इकलौती बेटी है। नामांश स्याल के ताया जोगिंद्र स्याल व रिश्तेदार उनके घर में हैं। इन दिनों नामांश की पोस्टिंग कोयंबटूर के सैलूर में थी। उनकी पत्नी अफशां एयरफोर्स में पायलट हैं और इन दिनों कोलकाता में प्रशिक्षण पर थीं। उनकी सात वर्षीय बेटी की देखभाल के लिए नामांश के माता-पिता सैलूर में ही थे। जोगिंद्र स्याल ने बताया कि रविवार को करीब नौ बजे कोयंबटूर से एयरफोर्स के विशेष विमान में नामांश की पार्थिव देह को लाया गया। इसके बाद दिल्ली से गगल एयरपोर्ट के लिए उड़ान होगी। नामांश के घर में सुबह से शोक व्यक्त करने के लिए लोग पहुंच गए हैं।


 



नामांश ताया-तायी का भी लाडला था। उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। भतीजे की पार्थिव देह के इंतजार में दोनों की आंखें पथरा गई हैं। स्कूल शिक्षक उनकी बहन प्रिया भी दुखद समाचार को सुनकर बेहद टूट चुकी हैं। ताया जोगिंद्र स्याल ने कहा कि उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि समूचे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। बता दें कि नामांश स्याल के घर में अभी कोई नहीं रहता है। उनके ताया-तायी जोगिंद्र स्याल और मधु बाला धर्मशाला के पास सिद्धबाड़ी में रहते हैं जो निधन की खबर के बाद पैतृक गांव पहुंच गए हैं। घर में सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। माहौल गमगीन है।




पटियालकर के एक गांव वाले प्रताप चंद कहते हैं कि नामांश की दुबई में जान चली गई, और हम सब उसे श्रद्धांजलि देने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। उसके पिता आर्मी में थे, और उसकी मां हाउसवाइफ हैं। उसकी पत्नी भी इंडियन एयर फोर्स में विंग कमांडर हैं। सभी गांव वाले नामांश को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं।
 

बहुत ही ईमानदार और सीधा-सादा लड़का था- मदन लाल
विंग कमांडर नामांश स्याल के चाचा मदन लाल ने कहा कि उनका पार्थिव शरीर आज यहां आने वाला है। सभी गांव वाले यहां इंतजार कर रहे हैं। हमारे कुछ रिश्तेदार भी आए हैं। उनका अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा। यह देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। वह बहुत ही ईमानदार और सीधा-सादा लड़का था।
 
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