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Rampur Bushahar News: गिरि में छोड़ा जा रहा एप्पल प्रोसेसिंग प्लांट का गंदा पानी, लाखों लोगों की सेहत से खिलवाड़
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सरकार और प्रशासन से जल्द समस्या हल करने की उठाई मांग
समस्या हल न होने पर आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे लोग
संवाद न्यूज एजेंसी
ठियोग (रामपुर बुशहर)। ठियोग उपमंडल की कई पंचायतों की जनता की प्यास बुझाने वाली गिरि नदी एक बार फिर गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। ठियोग के सैंज स्थित पराला मंडी में करोड़ों की लागत से बने एप्पल प्रोसेसिंग प्लांट से सीधे नदी में गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। प्लांट से निकलने वाले दूषित पानी को पाइप के माध्यम से दो हिस्सों में बने टैंक में डाला जाता है। इन टैंकों के चारों तरफ कंटीली तार लगाई गई है लेकिन बारिश के दिनों में बिना छत के टैंकों के ओवरफ्लोर होने के चलते गंदा पानी सीधा नदी में मिल जाता है। इसके अलावा प्लांट से निकलने वाले दूषित पदार्थ को सीधे नाले से गिरि में मिलने के लिए छोड़ा जाता है। ठियोग, शिमला और सोलन जैसे बड़े शहरों के लिए गिरि नदी पेयजल का प्रमुख स्रोत है। ऐसे में प्रदूषण के फैलने से लाखों लोगों की सेहत पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। नदी किनारे रहने वाली महिलाओं रीता और वंदना ने बताया कि गंदे पानी और बदबू ने जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने आशंका जताई कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो डायरिया, पीलिया और अन्य जलजनित बीमारियां महामारी का रूप ले सकती हैं। पिछले साल भी प्रदूषण पदार्थ गिरि में मिलाए जाने से नदी में झाग भर जाने की शिकायत सामने आई थी। उस समय विधायक कुलदीप सिंह राठौर और शिमला के मेयर ने संज्ञान लेते हुए मौके का दौरा किया था और प्लांट प्रबंधन को नदी में प्रदूषण फैलाने से रोकने के लिए कहा था लेकिन इस वर्ष सेब सीजन शुरू होते ही वही लापरवाही दोहराई जा रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह मामला केवल एक गांव तक सीमित नहीं है, बल्कि गिरि नदी पर निर्भर लाखों लोगों की सेहत दांव पर है। अगर जल्द कोई ठोस समाधान नहीं निकला, तो स्थिति भयावह हो सकती है। रीता, वंदना और प्रदीप रोगंटा ने बताया कि कई बार प्लांट अधिकारियों को शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। वहीं व्यापार मंडल सैंज के अध्यक्ष भोपाल चौहान ने प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार और प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
उधर, ठियोग के एसडीएम शशांक गुप्ता ने बताया कि शिकायत मिलने पर संयुक्त निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं। इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग शामिल होंगे। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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समस्या हल न होने पर आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे लोग
संवाद न्यूज एजेंसी
ठियोग (रामपुर बुशहर)। ठियोग उपमंडल की कई पंचायतों की जनता की प्यास बुझाने वाली गिरि नदी एक बार फिर गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। ठियोग के सैंज स्थित पराला मंडी में करोड़ों की लागत से बने एप्पल प्रोसेसिंग प्लांट से सीधे नदी में गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। प्लांट से निकलने वाले दूषित पानी को पाइप के माध्यम से दो हिस्सों में बने टैंक में डाला जाता है। इन टैंकों के चारों तरफ कंटीली तार लगाई गई है लेकिन बारिश के दिनों में बिना छत के टैंकों के ओवरफ्लोर होने के चलते गंदा पानी सीधा नदी में मिल जाता है। इसके अलावा प्लांट से निकलने वाले दूषित पदार्थ को सीधे नाले से गिरि में मिलने के लिए छोड़ा जाता है। ठियोग, शिमला और सोलन जैसे बड़े शहरों के लिए गिरि नदी पेयजल का प्रमुख स्रोत है। ऐसे में प्रदूषण के फैलने से लाखों लोगों की सेहत पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। नदी किनारे रहने वाली महिलाओं रीता और वंदना ने बताया कि गंदे पानी और बदबू ने जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने आशंका जताई कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो डायरिया, पीलिया और अन्य जलजनित बीमारियां महामारी का रूप ले सकती हैं। पिछले साल भी प्रदूषण पदार्थ गिरि में मिलाए जाने से नदी में झाग भर जाने की शिकायत सामने आई थी। उस समय विधायक कुलदीप सिंह राठौर और शिमला के मेयर ने संज्ञान लेते हुए मौके का दौरा किया था और प्लांट प्रबंधन को नदी में प्रदूषण फैलाने से रोकने के लिए कहा था लेकिन इस वर्ष सेब सीजन शुरू होते ही वही लापरवाही दोहराई जा रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह मामला केवल एक गांव तक सीमित नहीं है, बल्कि गिरि नदी पर निर्भर लाखों लोगों की सेहत दांव पर है। अगर जल्द कोई ठोस समाधान नहीं निकला, तो स्थिति भयावह हो सकती है। रीता, वंदना और प्रदीप रोगंटा ने बताया कि कई बार प्लांट अधिकारियों को शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। वहीं व्यापार मंडल सैंज के अध्यक्ष भोपाल चौहान ने प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार और प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
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उधर, ठियोग के एसडीएम शशांक गुप्ता ने बताया कि शिकायत मिलने पर संयुक्त निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं। इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग शामिल होंगे। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।