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Shimla: फर्जी प्रमाणपत्र पर गरीबों का मकान हड़पने पर सरकारी कर्मी पर केस, विभागीय जांच में सामने आई थी गड़बड़ी

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Sun, 14 Sep 2025 10:14 AM IST
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सार

नगर निगम शिमला की विभागीय जांच में एक गड़बड़झाला सामने आया है। शिमला में एक महिला सरकारी कर्मचारी ने आशियाना-2 प्रोजेक्ट के तहत झूठा बीपीएल प्रमाण पत्र दिखाकर मकान प्राप्त किया। वहीं, आरोपी महिला के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। 
 

Shimla Case filed against government employee for usurping houses of poor on the basis of fake certificate
फ्रॉड। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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शिमला शहर में गरीबों के लिए बने आवास फर्जी बीपीएल प्रमाणपत्र पर हासिल करने के मामले में पुलिस ने सरकारी विभाग में तैनात एक महिला कर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। नगर निगम शिमला की विभागीय जांच में यह गड़बड़झाला सामने आया है। अब निगम ने इस संबंध में ढली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने संतोष कुमारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्जकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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पुलिस को दी शिकायत में नगर निगम के अतिरिक्त एसई कम प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभियंता धीरज कुमार ने बताया कि संतोष कुमारी ने आशियाना-2 ढली में सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद फर्जी बीपीएल प्रमाणपत्र के आधार पर मकान आवंटित करवाया है। नगर निगम की जांच में यह बात सामने आई है। इसके बाद महिला को नोटिस जारी कर मकान खाली करने के निर्देश भी जारी किए थे लेकिन उसने मकान खाली नहीं किया। इसके बाद नगर निगम की ओर से इस बारे में ढली पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी है। इसमें फर्जी बीपीएल प्रमाणपत्र के आधार गरीबों के लिए बने आवास हासिल करने की शिकायत दी है।
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इसी आधार पर पुलिस ने अब मामले में आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। गौरतलब है कि बीपीएल प्रमाण पत्र जारी करने में वार्डों में तैनात नगर निगम के वार्ड सचिव की अहम भूमिका रहती है। वहीं बीपीएल के लिए 35 हजार आय सीमा का प्रमाण पत्र पटवारी और तहसीलदार के सत्यापन के बाद ही जारी हो सकता है। ऐसे में पुलिस की जांच में आने वाले दिनों में इसको लेकर भी जांच की जाएगी कि महिला को किस तरह से नियमों के विरुद्ध बीपीएल प्रमाणपत्र जारी कर दिया।

गरीबों के लिए शहर में बने थे 90 आवास
केंद्र सरकार के आशियाना-2 प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने शिमला के ढली में गरीब परिवारों के लिए पक्के मकान बनाए हैं। यहां पर 90 से अधिक आवास बने हैं। इनका वर्ष 2016 से 2020 के बीच आवंटन किया है। इन आवासों के लिए गरीब परिवारों से आवेदन मांगे थे। इसमें ऐसे बीपीएल परिवार जिनके पास न जमीन है न ही रहने के लिए अपना घर, उन्हें आवास आवंटित किए जाने थे। आवासों के आवंटन के बाद नगर निगम को इस बारे में कई शिकायतें मिली हैं कि कई रसूखदारों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आवास हासिल किए हैं। इन सभी मामलों की नगर निगम जांच कर रहा है। इसी तरह के एक मामले में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद निगम प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। नगर निगम के एसई कम प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभियंता धीरज कुमार ने बताया कि विभागीय जांच में फर्जी बीपीएल प्रमाणपत्र से आवास हासिल करने की बात सामने आई है। ढली पुलिस स्टेशन में इस बारे में शिकायत दी है।

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