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Solan News: बघाट बैंक घोटाले पर विवेकानंद वेलफेयर सोसायटी ने मोर्चा खोला

Shimla Bureau शिमला ब्यूरो
Updated Wed, 03 Dec 2025 11:52 PM IST
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8 दिसंबर को सोलन में जनरल हाउस, बैंक के खिलाफ रणनीति बनेगी
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सरकार एसआई या स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग
भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ हो एफआईआर
शेयर होल्डर, खाताधारक इकट्ठे होकर बनाएंगे इसकी रणनीति
सरकार नहीं सुनेगी तो सड़कों पर उतरेंगे और हाईकोर्ट भी जाएंगे
संवाद न्यूज एजेंसी
सोलन। बघाट बैंक मामले को लेकर अब विवेकानंद वेलफेयर सोसायटी ने मोर्चा खोल दिया है। सोसायटी 8 दिसंबर को सोलन के पुराने विश्राम गृह में जनरल हाउस करेगी। इसमें बघाट बैंक के सभी शेयर होल्डरों और खाताधारकों को बुलाया जाएगा। बैठक में बैंक के खिलाफ रणनीति तैयार की जाएगी।
सोलन में पत्रकार वार्ता में सोसायटी के पदाधिकारी विवेक डोभाल ने कहा कि बघाट बैंक में कुप्रबंधन नहीं, बल्कि सीधे-सीधे भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक में लोन वितरण में किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया। जमीन की कीमतें मनमाने ढंग से बढ़ाकर दिखाई गईं। डोभाल ने कहा कि स्थिति यह है कि बैंक की 26 संपत्तियों की नीलामी में कोई खरीदार नहीं पहुंचा क्योंकि वास्तविक कीमतें पहले दिखाए गए मूल्यांकन से काफी कम निकल रही हैं।
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उन्होंने मांग की कि एसआईटी या स्वतंत्र एजेंसी से इसकी जांच करवाई जाए। साथ ही सरकार बैंक के शेयर खरीदे, बैंक को किसी अन्य बैंक में मर्ज किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। सोसायटी का कहना है कि वह इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा सांसदों सहित प्रदेश के मंत्रियों को ज्ञापन सौंपेगी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को भी ज्ञापन भेजा जाएगा। यदि सरकार ने कदम नहीं उठाए तो सोसायटी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी और सड़कों पर उतरकर विरोध भी करेगी। पत्रकारवार्ता में पार्षद मनीष सोपाल, अधिवक्ता अभिषेक ठाकुर, अनिल चौहान, रचित साहनी, रिपू धवन आदि मौजूद रहे।
75 हजार खाताधारकों पर संकट
डोभाल ने कहा कि तत्कालीन बीओडी की लापरवाही ने लगभग 75 हजार खाताधारकों को मुश्किल में डाल दिया है। कई लोग अपनी जरूरत का पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। हाल ही में एक खाताधारक शादी का रिसेप्शन तक नहीं कर पाया क्योंकि बैंक ने समय पर पैसा देने से इनकार कर दिया। उसे होटल बुकिंग तक रद्द करनी पड़ी।
सरकार और मंत्री भी मौन
सोसायटी ने आरोप लगाया कि पूरे मामले पर प्रदेश सरकार चुप्पी साधे है। स्थानीय मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने भी अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया है। सोसायटी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि अधिकतर खाताधारक सोलन क्षेत्र से हैं और मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। यदि सरकार और मंत्री मौन रहे तो सोसायटी आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
रसूकदार या रसूखदार डिफाल्टरों के नाम सार्वजनिक करें
सोसायटी ने कहा कि बैंक प्रबंधन रसूखदारों को बचाने में लगा है। सहायक पंजीयक की अदालत में चल रही कार्यवाही के दौरान कई प्रभावशाली डिफाल्टर उपस्थित तक नहीं हुए। सोसायटी ने मांग की कि ऐसे सभी रसूखदार डिफाल्टरों के नाम सार्वजनिक किए जाएं और उन्हें गिरफ्तार किया जाए ताकि उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके और बकाया की वसूली हो सके।
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