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Una News: शिक्षण परिसरों के पास नशे की बिक्री पर कार्रवाई सुस्त
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स्कूलों में आसपास दोबारा बिकने लगे नशीले पदार्थ
कई संस्थानों के आसपास बिखरी पड़ी है नशा सामग्री के पैकेट
प्रशासन ने संस्थानों के आसपास के क्षेत्र को नशा मुक्त बनाने की चलाई मुहिम
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले के शिक्षण संस्थानों के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने और क्षेत्र को नशा मुक्त घोषित करने के उद्देश्य से बीते दिनों एक विशेष मुहिम चलाई गई थी। इसके तहत स्कूल प्रबंधन और प्रशासनिक टीमों ने स्कूलों के आसपास स्थित दुकानों पर दबिश देकर नशीले पदार्थों की बिक्री पर सख्ती की। इस मुहिम का प्रारंभिक असर भी देखने को मिला और दुकानदारों ने ऐसे पदार्थों की बिक्री व सेवन कराना बंद कर दिया।
हालांकि अब स्कूल प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारी इस मुहिम को लेकर धीरे-धीरे असक्रिय होते नजर आ रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि स्कूलों के आसपास एक बार फिर नशीले पदार्थों की बिक्री और उनका सेवन शुरू हो गया है।
जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने सभी शिक्षण संस्थानों को नशा मुक्त क्षेत्र घोषित करने के आदेश जारी किए थे। आदेशों के तहत स्कूल परिसर और उसके आसपास नशीले पदार्थों के पैकेट तक दिखाई नहीं देने चाहिए। साथ ही कोई भी व्यक्ति स्कूल के आसपास धूम्रपान या अन्य किसी प्रकार के नशे का सेवन करता हुआ नहीं पाया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
शुरुआती दिनों में इन आदेशों का सख्ती से पालन किया गया, लेकिन वर्तमान में यह मुहिम ढीली पड़ती नजर आ रही है। जिले के सभी पांच उपमंडलों में कई स्कूलों के पास स्थित दुकानों पर गुपचुप तरीके से नशीले पदार्थों की बिक्री हो रही है। इनमें गुटखा, बीड़ी, सिगरेट सहित अन्य निकोटिन युक्त पदार्थ शामिल हैं।
इस संदर्भ में अभिभावक राजकुमार, अनीता देवी, अच्छर सिंह, रविंद्र कुमार और विवेक कुमार का कहना है कि युवाओं को नशे से बचाना वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से इस पर सख्ती से कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि बच्चों पर इन वस्तुओं का प्रभाव बहुत तेजी से पड़ता है और इसकी बिक्री पर पूर्ण रोक ही इसका एकमात्र समाधान है।
जिला उच्च शिक्षा विभाग के उपनिदेशक अनिल कुमार ने बताया कि सभी शिक्षण संस्थानों को अपने आसपास के क्षेत्रों को नशा मुक्त बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधकों से अपील की कि वे विशेष रूप से ध्यान रखें कि उनके आसपास किसी भी प्रकार का नशीला पदार्थ न बिके। यदि कोई दुकानदार नियमों का उल्लंघन करता है तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस प्रशासन को दी जाए।
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कई संस्थानों के आसपास बिखरी पड़ी है नशा सामग्री के पैकेट
प्रशासन ने संस्थानों के आसपास के क्षेत्र को नशा मुक्त बनाने की चलाई मुहिम
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले के शिक्षण संस्थानों के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने और क्षेत्र को नशा मुक्त घोषित करने के उद्देश्य से बीते दिनों एक विशेष मुहिम चलाई गई थी। इसके तहत स्कूल प्रबंधन और प्रशासनिक टीमों ने स्कूलों के आसपास स्थित दुकानों पर दबिश देकर नशीले पदार्थों की बिक्री पर सख्ती की। इस मुहिम का प्रारंभिक असर भी देखने को मिला और दुकानदारों ने ऐसे पदार्थों की बिक्री व सेवन कराना बंद कर दिया।
हालांकि अब स्कूल प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारी इस मुहिम को लेकर धीरे-धीरे असक्रिय होते नजर आ रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि स्कूलों के आसपास एक बार फिर नशीले पदार्थों की बिक्री और उनका सेवन शुरू हो गया है।
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जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने सभी शिक्षण संस्थानों को नशा मुक्त क्षेत्र घोषित करने के आदेश जारी किए थे। आदेशों के तहत स्कूल परिसर और उसके आसपास नशीले पदार्थों के पैकेट तक दिखाई नहीं देने चाहिए। साथ ही कोई भी व्यक्ति स्कूल के आसपास धूम्रपान या अन्य किसी प्रकार के नशे का सेवन करता हुआ नहीं पाया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
शुरुआती दिनों में इन आदेशों का सख्ती से पालन किया गया, लेकिन वर्तमान में यह मुहिम ढीली पड़ती नजर आ रही है। जिले के सभी पांच उपमंडलों में कई स्कूलों के पास स्थित दुकानों पर गुपचुप तरीके से नशीले पदार्थों की बिक्री हो रही है। इनमें गुटखा, बीड़ी, सिगरेट सहित अन्य निकोटिन युक्त पदार्थ शामिल हैं।
इस संदर्भ में अभिभावक राजकुमार, अनीता देवी, अच्छर सिंह, रविंद्र कुमार और विवेक कुमार का कहना है कि युवाओं को नशे से बचाना वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से इस पर सख्ती से कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि बच्चों पर इन वस्तुओं का प्रभाव बहुत तेजी से पड़ता है और इसकी बिक्री पर पूर्ण रोक ही इसका एकमात्र समाधान है।
जिला उच्च शिक्षा विभाग के उपनिदेशक अनिल कुमार ने बताया कि सभी शिक्षण संस्थानों को अपने आसपास के क्षेत्रों को नशा मुक्त बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधकों से अपील की कि वे विशेष रूप से ध्यान रखें कि उनके आसपास किसी भी प्रकार का नशीला पदार्थ न बिके। यदि कोई दुकानदार नियमों का उल्लंघन करता है तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस प्रशासन को दी जाए।