ठाकरे परिवार में कौन-कौन?: 20 साल बाद साथ आए उद्धव-राज, जानें बाला साहेब के कुनबे के सदस्यों का कहां दबदबा
Bal Thackeray family tree: इस वक्त ठाकरे परिवार के कितने सदस्य ऐसे हैं जो राजनीति में संक्रिय हैं? कितने सदस्य राजनीति से इतर काम कर रहे हैं? बाला साहेब के राजनीति में आने से पहले परिवार की क्या पहचान थी? आइये जानते हैं...
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ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर ठाकरे परिवार के कितने सदस्य ऐसे हैं जो राजनीति में संक्रिय हैं? कितने सदस्य राजनीति से इतर सक्रिय हैं? ठाकरे परिवार का महाराष्ट्र की राजनीति में इतिहास कितना पुराना है? बाला साहेब के राजनीति में आने से पहले परिवार की क्या पहचान थी? आइये जानते हैं…
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सबसे पहले बात उन स्मिता ठाकरे की जिनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात सुर्खियों में हैं। स्मिता ठाकरे उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे की दूसरी पत्नी रही हैं। स्मिता समाजसेवी और फिल्म निर्माता हैं। वह राहुल प्रोडक्शंस और मुक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष और संस्थापक हैं। उनकी संस्था महिला सुरक्षा, एचआईवी/एड्स जागरूकता और शिक्षा के क्षेत्र में काम करती है।
स्मिता बॉलीवुड की पार्टियों में भी अक्सर नजर आती हैं। स्मिता और जयदेव के दो बेटे राहुल और एश्वर्य हैं। हालांकि स्मिता और जयदेव का 2004 में तलाक हो चुका है। स्मिता से तलाक के बाद जयदेव और बाला साहेब ठाकरे के रिश्ते खराब हो गए थे।
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आमतौर पर सुर्खियों से दूर रहने वाले जयदेव ठाकरे पिता के निधन के वक्त सार्वजनिक तौर पर नजर आए थे। इसके बाद परिवार से संपत्ति विवाद के चलते सुर्खियों में रहे थे। हालांकि, बाद में उन्होंने ये केस वापस ले लिया था। दरअसल बाला साहेब ने अपनी वसीयत में जयदेव को कुछ भी नहीं दिया था। जयदेव ने वसीयत को गलत बताते हुए कहा कि उनके पिता की ‘मानसिक स्थिति ठीक नहीं’ थी और भाई उद्धव ठाकरे का उन पर प्रभाव था।
बाला साहेब के सबसे बड़े बेटे बिन्दुमाधव ठाकरे थे। 20 अप्रैल 1996 को बिन्दु माधव का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। उस वक्त उनकी उम्र महज 42 साल थी। घटना के वक्त बिन्दुमाधव, उनकी पत्नी माधवी, बेटे निहाल, बेटी नेहा लोनावाल से छुट्टियां मनाकर लौट रहे थे। उनके साथ दो बॉडीगार्ड और ड्राइवर भी थे।
बिन्दुमाधव फिल्म निर्माता थे। उनकी राजनीति में रुचि नहीं थी। बिन्दुमाधव के बेटे निहाल की शादी पिछले साल ही महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल की बेटी से हुई थी। वहीं, नेहा के पति डॉ. मनन ठक्कर मुंबई के मशहूर डॉक्टर हैं।
अब बात उन चेहरों की जो इस वक्त सुर्खियों में हैं। इनमें बाला साहेब के सबसे छोटे बेटे उद्धव ठाकरे हैं। जो एक महीने पहले तक राज्य के मुख्यमंत्री थे। पार्टी बचाने के लिए जूझ रहे उद्धव की पत्नी रश्मि ठाकरे भी शिवसेना के संगठन में सक्रिय रही हैं। वहीं, उद्धव के बड़े बेटे आदित्य ठाकरे उनकी सरकार के दौरान मंत्री थे। आदित्य वर्ली के विधायक भी हैं।
आदित्य के छोटे भाई तेजस अपने पिता की ही तरह फोटोग्राफी के शौकीन हैं। तेजस की भी राजनीति में आने की अटकलें कफी अर्से से चल रही हैं। उद्धव जब अपना इस्तीफा राज्यपाल को देने जा रहे थे, उस वक्त उद्धव के साथ उनके दोनों बेटे भी थे।
ठाकरे परिवार के चर्चित नामों में राज ठाकरे का नाम भी आता है। राज ने 16 साल पहले शिवसेना से अलग होकर नई पार्टी मनसे बना ली थी। राज के पिता श्रीकांत ठाकरे थे। श्रीकांत बाला साहेब के भाई थे। राज की पत्नी शर्मिला ठाकरे हैं। राज और शर्मिला के दो बच्चे हैं। बेटे अमित ठाकरे जिनके एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री बनने की अकटकलें लग रही हैं। अमित राजनीतिक मंचों पर नजर भी आ चुके हैं। राज ठकारे की बेटी उर्वशी बॉलीवुड में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम कर चुकी हैं।
आठ भाई-बहन थे बाला साहेब ठाकरे
चलते-चलते बात इस परिवार की जड़ों की भी कर लेते हैं। बाला साहेब ठाकरे आठ भाई बहन थे। बाला साहेब और श्रीकांत के अलावा उनके एक और भाई का नाम रमेश है। बाला साहेब की पत्नी मीना ताई और उनके भाई श्रीकांत की पत्नी कुंदा आपस में बहनें थीं। बाला साहेब की पांच बहनें संजीवनी, प्रेमा, सुधा, सरला और सुशीला भी हैं। बाला साहेब के पिता प्रबोधनकर ठाकरे और मां रमा बाई ठाकरे थीं।
प्रबोधनकर ठाकरे का असली नाम केशव सीताराम ठाकरे था। उन्होंने अंधविश्वास, छुआछूत, बाल विवाह और दहेज के खिलाफ अभियान चलाया था। वह संयुक्त महाराष्ट्र समिति के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जिसने महाराष्ट्र के भाषाई राज्य के लिए सफल अभियान चलाया था। इसके साथ ही प्रबोधनकर एक लेखक भी थे।
