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गूगल पर निर्भरता से युवाओं की सोच नहीं हो पा रही विकसित : डॉ. रेणू
संवाद न्यूज एजेंसी, ऊना
Updated Wed, 24 Dec 2025 06:10 AM IST
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अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय सलोह में आयोजित अपराजिता कार्यक्रम के द
- फोटो : poni news
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सलोह (ऊना)। गूगल से किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए आज के युवा पूरी तरह से निर्भर हो गए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर निर्भरता होने से मानसिक विकास नहीं हो रहा है और बच्चाें की सोच भी विकसित नहीं हो रही है। 99 प्रतिशत निर्भरता सोशल मीडिया के प्रति बढ़ गई है। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय सलोह में अपराजिता 100 मिलियन स्माइल कार्यक्रम में जिला रेडक्रॉस सोसायटी ऊना की अध्यक्ष एवं डीसी जतिन लाल की पत्नी प्रो. डॉ. रेणू सहरावत ने बतौर मुख्यातिथि ये शब्द कहे।
इस अवसर पर उन्होंने लड़कियों को सोशल मीडिया से दूरी बनाकर पढ़ाई पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लड़कियों से स्कूल गतिविधियों के अलावा एक घंटा अपनी फिटनेस पर देने का आह्वान किया। इस अवसर पर लड़कियों से संवाद भी हुआ और उनके सवालों का बखूबी जवाब भी दिया गया। डॉ. रेणू ने कॅरिअर के टिप्स भी इस अवसर पर छात्राओं को दिए। स्कूल प्रिंसिपल नीलम गुलेरिया ने यौन उत्पीड़न को सहन न करके उसके खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया ताकि अपराध को शुरुआती दौर में ही बढ़ने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि अमर उजाला फाउंडेशन के कार्यक्रम से युवाओं की सोच में बदलाव आता है और समाज में एक नया बदलाव लाने की दिशा में यह कार्यक्रम कारगर सिद्ध होंगे। उन्होंने बच्चों से कार्यक्रम में जो सीखा है, उसे अपने व्यावहारिक जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।
छात्रा मान्या का कहना है कि कार्यक्रम में सोशल मीडिया से दूरी बनाने की प्रेरणा मिली है और अपना ध्यान पढ़ाई पर फोकस करने के लिए की जानकारी दी गई। छात्रा अर्शिता राणा का कहना है कि कार्यक्रम में शिक्षा के साथ-साथ अपनी फिटनेस पर भी ध्यान करने के लिए जागरूक किया गया।
छात्रा साधिका का कहना है कि कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर आपस में संवाद करने के लिए जागरूक किया गया ताकि विचारों का आपसी आदान प्रदान होने से नए कुछ नया सीखने को मिल सके।
छात्रा दिवनीत का कहना है कि कार्यक्रम में यौन उत्पीड़न को सहन न करके इसके खिलाफ शुरूआत में आवाज उठाने के लिए जागरूक किया गया ताकि अपराध को बढ़ने से रोका जा सके।
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इस अवसर पर उन्होंने लड़कियों को सोशल मीडिया से दूरी बनाकर पढ़ाई पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लड़कियों से स्कूल गतिविधियों के अलावा एक घंटा अपनी फिटनेस पर देने का आह्वान किया। इस अवसर पर लड़कियों से संवाद भी हुआ और उनके सवालों का बखूबी जवाब भी दिया गया। डॉ. रेणू ने कॅरिअर के टिप्स भी इस अवसर पर छात्राओं को दिए। स्कूल प्रिंसिपल नीलम गुलेरिया ने यौन उत्पीड़न को सहन न करके उसके खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया ताकि अपराध को शुरुआती दौर में ही बढ़ने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि अमर उजाला फाउंडेशन के कार्यक्रम से युवाओं की सोच में बदलाव आता है और समाज में एक नया बदलाव लाने की दिशा में यह कार्यक्रम कारगर सिद्ध होंगे। उन्होंने बच्चों से कार्यक्रम में जो सीखा है, उसे अपने व्यावहारिक जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।
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छात्रा मान्या का कहना है कि कार्यक्रम में सोशल मीडिया से दूरी बनाने की प्रेरणा मिली है और अपना ध्यान पढ़ाई पर फोकस करने के लिए की जानकारी दी गई। छात्रा अर्शिता राणा का कहना है कि कार्यक्रम में शिक्षा के साथ-साथ अपनी फिटनेस पर भी ध्यान करने के लिए जागरूक किया गया।
छात्रा साधिका का कहना है कि कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर आपस में संवाद करने के लिए जागरूक किया गया ताकि विचारों का आपसी आदान प्रदान होने से नए कुछ नया सीखने को मिल सके।
छात्रा दिवनीत का कहना है कि कार्यक्रम में यौन उत्पीड़न को सहन न करके इसके खिलाफ शुरूआत में आवाज उठाने के लिए जागरूक किया गया ताकि अपराध को बढ़ने से रोका जा सके।