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Una News: व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर हो रही मोबाइल हैकिंग
संवाद न्यूज एजेंसी, ऊना
Updated Tue, 14 Oct 2025 06:51 AM IST
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कई प्रतिष्ठित संस्थानों और विभागों के नाम पर भेजी जा रही फाइल
फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करते ही हैक हो रहा फोन
लोगों की नकदी सहित अन्य निजी जानकारी पर लग रही सेंध
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले में साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। फोन और मैसेज के माध्यम से लिंक और ओटीपी शेयर कर होने वाली धोखाधड़ी का सिलसिला अब एपीके फाइलों तक जा पहुंचा है। इन फाइलों को व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से भेजा जा रहा। इसमें एपीके फाइल को डाउनलोड कर इंस्टॉल करते ही फोन हैक हो रहे हैं। इसके बाद फोन के माध्यम से लोगों की जमा पूंजी से लेकर उनकी निजी जानकारी चोरी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार एपीके फाइलों को किसी प्रतिष्ठित संस्थान, विभाग या संस्था के मान पर भेजा जा रहा है। इसमें एपीके फाइल का नाम भी किसी बैंक, सरकारी विभाग और बीमा कंपनियों के नाम पर रखा जा रहा। उदाहरण के तौर पर आरटीओ कार्यालय के नाम पर व्हाट्सएप पर चालान के संदेश भेजे जा रहे। इसमें चालान पढ़ते ही लोग जल्दबाजी में उसे डाउनलोड कर रहे। अनजाने में डाउनलोड की गई फाइल को खोलते ही फोन हैक हो रहे हैं। इससे फोन पर होने वाले ऑनलाइन लेनदेन, बैंकिंग एप सहित अन्य निजी जानकारी लीक हो रही है। इससे कई लोगों को लाखों रुपये का चूना तक लग चुका है। वहीं साइबर पुलिस के लिए भी ऐसे मामले सुलझाने मुश्किल हो रहे हैं। क्योंकि फोन हैक होने के बाद उसे कहां से ऑपरेट किया गया और कहां पैसे का लेनदेन हुआ, उसे ट्रैक करना अन्य साइबर अपराधों के अधिक मुश्किल। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि एपीके फाइलों को डाउनलोड करने से बचना ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प है।
साइबर अपराध में कैसे काम करती है एपीके फाइल
व्हाट्सएप के जरिये एपीके एप्लिकेशन को इंस्टॉल करने से मैलवेयर मोबाइल में प्रवेश कर जाता है। यह मैलवेयर एक कुछ दिन तक शांत रहकर आपका डेटा हैकर के क्लाउड पर भेजता रहता है। आपकी निजी जानकारी को इकट्ठा करता है और अधिकतर रात के समय ये एक एक अन्य एप को इंस्टॉल कर देते हैं। वह एप बिना आइकन वाला होता है, जो मोबाइल में दिखाई नहीं देता। वह एप मोबाइल को पूरी तरह से हैक कर कई पाबंदियां लगा देता है। एक आपके मोबाइल पर आने वाले संदेशों को पढ़ता है। आपके व्हाट्सएप को हैक कर अपने सिस्टम में शुरू कर देता है। आपके सभी संपर्कों और ग्रुप में अश्लील वीडियो और फोटो भेजते हैं। यह मैलवेयर आपका बैंकिंग एप्लिकेशन में सेंध लगाने की शक्ति रखता है। यह मैलवेयर यूजर के बैंक खाते में धनराशि को स्थानांतरित कर सकता है।
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एपीके फाइल फ्रॉड से बचने के लिए मोबाइल का सॉफ्टवेयर हमेशा अपडेट रखें। अनवांछित एप को हटाएं। अपने डिवाइस से उन सभी एप को हटाएं जो आपने न इंस्टॉल किए हों या जो संदेहपूर्ण लगते हों। अपने एप को सिर्फ गूगल प्ले स्टोर से ही इंस्टॉल करें और सतर्कता बरतें। किसी भी अज्ञात स्रोत से आने वाले मैसेजों या लिंक्स को खोलने से बचें और व्यक्तिगत जानकारी को किसी के साथ साझा न करें। नियमित रूप से अपने डेटा का बैकअप बनाएं ताकि यदि कोई समस्या हो, तो आप अपनी जानकारी को वापस प्राप्त कर सकें। कहा कि व्हाट्सएप पर टू स्टेप वेरिफिकेशन ऑन रखें और ऑटो डाउनलोड का विकल्प बंद रखें। -अमित यादव, पुलिस अधीक्षक ऊना
फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करते ही हैक हो रहा फोन
लोगों की नकदी सहित अन्य निजी जानकारी पर लग रही सेंध
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले में साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। फोन और मैसेज के माध्यम से लिंक और ओटीपी शेयर कर होने वाली धोखाधड़ी का सिलसिला अब एपीके फाइलों तक जा पहुंचा है। इन फाइलों को व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से भेजा जा रहा। इसमें एपीके फाइल को डाउनलोड कर इंस्टॉल करते ही फोन हैक हो रहे हैं। इसके बाद फोन के माध्यम से लोगों की जमा पूंजी से लेकर उनकी निजी जानकारी चोरी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार एपीके फाइलों को किसी प्रतिष्ठित संस्थान, विभाग या संस्था के मान पर भेजा जा रहा है। इसमें एपीके फाइल का नाम भी किसी बैंक, सरकारी विभाग और बीमा कंपनियों के नाम पर रखा जा रहा। उदाहरण के तौर पर आरटीओ कार्यालय के नाम पर व्हाट्सएप पर चालान के संदेश भेजे जा रहे। इसमें चालान पढ़ते ही लोग जल्दबाजी में उसे डाउनलोड कर रहे। अनजाने में डाउनलोड की गई फाइल को खोलते ही फोन हैक हो रहे हैं। इससे फोन पर होने वाले ऑनलाइन लेनदेन, बैंकिंग एप सहित अन्य निजी जानकारी लीक हो रही है। इससे कई लोगों को लाखों रुपये का चूना तक लग चुका है। वहीं साइबर पुलिस के लिए भी ऐसे मामले सुलझाने मुश्किल हो रहे हैं। क्योंकि फोन हैक होने के बाद उसे कहां से ऑपरेट किया गया और कहां पैसे का लेनदेन हुआ, उसे ट्रैक करना अन्य साइबर अपराधों के अधिक मुश्किल। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि एपीके फाइलों को डाउनलोड करने से बचना ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प है।
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साइबर अपराध में कैसे काम करती है एपीके फाइल
व्हाट्सएप के जरिये एपीके एप्लिकेशन को इंस्टॉल करने से मैलवेयर मोबाइल में प्रवेश कर जाता है। यह मैलवेयर एक कुछ दिन तक शांत रहकर आपका डेटा हैकर के क्लाउड पर भेजता रहता है। आपकी निजी जानकारी को इकट्ठा करता है और अधिकतर रात के समय ये एक एक अन्य एप को इंस्टॉल कर देते हैं। वह एप बिना आइकन वाला होता है, जो मोबाइल में दिखाई नहीं देता। वह एप मोबाइल को पूरी तरह से हैक कर कई पाबंदियां लगा देता है। एक आपके मोबाइल पर आने वाले संदेशों को पढ़ता है। आपके व्हाट्सएप को हैक कर अपने सिस्टम में शुरू कर देता है। आपके सभी संपर्कों और ग्रुप में अश्लील वीडियो और फोटो भेजते हैं। यह मैलवेयर आपका बैंकिंग एप्लिकेशन में सेंध लगाने की शक्ति रखता है। यह मैलवेयर यूजर के बैंक खाते में धनराशि को स्थानांतरित कर सकता है।
एपीके फाइल फ्रॉड से बचने के लिए मोबाइल का सॉफ्टवेयर हमेशा अपडेट रखें। अनवांछित एप को हटाएं। अपने डिवाइस से उन सभी एप को हटाएं जो आपने न इंस्टॉल किए हों या जो संदेहपूर्ण लगते हों। अपने एप को सिर्फ गूगल प्ले स्टोर से ही इंस्टॉल करें और सतर्कता बरतें। किसी भी अज्ञात स्रोत से आने वाले मैसेजों या लिंक्स को खोलने से बचें और व्यक्तिगत जानकारी को किसी के साथ साझा न करें। नियमित रूप से अपने डेटा का बैकअप बनाएं ताकि यदि कोई समस्या हो, तो आप अपनी जानकारी को वापस प्राप्त कर सकें। कहा कि व्हाट्सएप पर टू स्टेप वेरिफिकेशन ऑन रखें और ऑटो डाउनलोड का विकल्प बंद रखें। -अमित यादव, पुलिस अधीक्षक ऊना