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Una News: आलू पर दोहरी मार, कम पैदावार और गिरते दाम से किसान चिंतित
संवाद न्यूज एजेंसी, ऊना
Updated Thu, 20 Nov 2025 08:17 AM IST
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ऊना। जिला में तैयार आलू की फसल अब मंडियों में पहुंचनी शुरू हो गई है, लेकिन इस बार फसल की कम पैदावार किसानों के बीच चिंता का विषय बनी हुई है। किसानों को इस बार पर्याप्त बारिश और अनुकूल मौसम के कारण अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन पैदावार बीते वर्षों के मुकाबले घट गई है।
जानकारी के अनुसार आलू की पैदावार इस बार प्रति कनाल में छह से सात क्विंटल तक हो रही है, जबकि इसकी सामान्य पैदावार आठ से नौ क्विंटल के बीच रहती है। किसानों का कहना है कि एक तरफ फसल की पैदावार गिर गई है, वहीं दूसरी तरफ मंडियों में आलू के दाम भी तेजी से नीचे आ रहे हैं। इससे उन्हें आने वाले समय में दोहरा नुकसान होने की आशंका है।
वर्तमान में आलू के भाव 1500 से लेकर 1800 रुपये प्रति क्विंटल तक हैं। किसानों के अनुसार शुरुआत में दाम 3800 रुपये तक थे, जो अब तेजी से 2000 रुपये तक नीचे आ चुके हैं। किसान रोहन सैनी, अजय कुमार, विपिन सैनी और अन्य ने बताया कि जिस प्रकार से भाव नीचे गिरे हैं, उससे उन्हें डर है कि आने वाले दिनों में जब अन्य राज्यों से आलू की अच्छी आमद मंडी में होगी तो दाम और भी गिर सकते हैं, जिससे कम पैदावार और दाम गिरने का नुकसान असहनीय हो जाएगा।
बता दें कि जिला में करीब 2000 हेक्टेयर में आलू की फसल तैयार की गई है, जिसे किसान अब मंडियों में पहुंचा रहे हैं। 20 नवंबर के बाद बड़े स्तर पर आलू की फसल मंडियों में पहुंचेगी।
आलू की फसल के लिए मौसम की परिस्थितियां अनुकूल रही हैं। कुछ किसान समय से पहले फसल मंडी में पहुंचा रहे हैं, उनकी पैदावार कम है। वहीं, जिन किसानों ने दो माह से अधिक समय लेकर फसल की खुदाई करनी होगी, उनके लिए पैदावार बेहतर साबित हो सकती है।
-डॉ. कुलभूषण धीमान, कृषि उपनिदेशक ऊना
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जानकारी के अनुसार आलू की पैदावार इस बार प्रति कनाल में छह से सात क्विंटल तक हो रही है, जबकि इसकी सामान्य पैदावार आठ से नौ क्विंटल के बीच रहती है। किसानों का कहना है कि एक तरफ फसल की पैदावार गिर गई है, वहीं दूसरी तरफ मंडियों में आलू के दाम भी तेजी से नीचे आ रहे हैं। इससे उन्हें आने वाले समय में दोहरा नुकसान होने की आशंका है।
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वर्तमान में आलू के भाव 1500 से लेकर 1800 रुपये प्रति क्विंटल तक हैं। किसानों के अनुसार शुरुआत में दाम 3800 रुपये तक थे, जो अब तेजी से 2000 रुपये तक नीचे आ चुके हैं। किसान रोहन सैनी, अजय कुमार, विपिन सैनी और अन्य ने बताया कि जिस प्रकार से भाव नीचे गिरे हैं, उससे उन्हें डर है कि आने वाले दिनों में जब अन्य राज्यों से आलू की अच्छी आमद मंडी में होगी तो दाम और भी गिर सकते हैं, जिससे कम पैदावार और दाम गिरने का नुकसान असहनीय हो जाएगा।
बता दें कि जिला में करीब 2000 हेक्टेयर में आलू की फसल तैयार की गई है, जिसे किसान अब मंडियों में पहुंचा रहे हैं। 20 नवंबर के बाद बड़े स्तर पर आलू की फसल मंडियों में पहुंचेगी।
आलू की फसल के लिए मौसम की परिस्थितियां अनुकूल रही हैं। कुछ किसान समय से पहले फसल मंडी में पहुंचा रहे हैं, उनकी पैदावार कम है। वहीं, जिन किसानों ने दो माह से अधिक समय लेकर फसल की खुदाई करनी होगी, उनके लिए पैदावार बेहतर साबित हो सकती है।
-डॉ. कुलभूषण धीमान, कृषि उपनिदेशक ऊना