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Manoj Tiwary: 'कोहली-रोहित टेस्ट क्रिकेट को बचाना चाहते थे, मगर माहौल ने बाहर किया', मनोज तिवारी का बड़ा आरोप

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: स्वप्निल शशांक Updated Thu, 20 Nov 2025 09:41 AM IST
सार

मनोज तिवारी का यह दावा कि कोहली–रोहित को माहौल ने बाहर किया, भारतीय क्रिकेट में नई बहस छेड़ता है। क्या यह सच है कि दो महान खिलाड़ी टीम के वातावरण के कारण पीछे हटे? या यह सिर्फ ट्रांजिशन बहस का राजनैतिक रूप? आने वाले समय में इस मुद्दे पर और बयान सामने आना तय है।

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Virat and Rohit Wanted to Continue in Tests But Quit Due to Toxic Team Atmosphere: Manoj Tiwary
रोहित-कोहली, मनोज और गंभीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने टीम इंडिया के टेस्ट क्रिकेट सेटअप पर बड़ा बयान दिया है। तिवारी के मुताबिक विराट कोहली और रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट को बचाना चाहते थे, लेकिन टीम के अंदर के खराब माहौल और अनावश्यक ट्रांजिशन की वजह से दोनों को मजबूर होकर संन्यास लेना पड़ा। दोनों दिग्गजों ने इसी साल इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज से ठीक पहले एक सप्ताह के अंतर में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी।
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ट्रांजिशन की बात को बताया बेबुनियाद
गौतम गंभीर द्वारा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में हार के बाद टीम ट्रांजिशन की बात कहने पर मनोज तिवारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि भारतीय क्रिकेट में ट्रांजिशन की कोई आवश्यकता ही नहीं है। तिवारी ने कहा, 'न्यूजीलैंड या जिम्बाब्वे जैसी टीमों को ट्रांजिशन चाहिए। भारत जैसे देश में, जहां घरेलू क्रिकेट में टैलेंट की लाइन लगी है, ट्रांजिशन शब्द का कोई मतलब नहीं।' उन्होंने आरोप लगाया कि 'अनावश्यक ट्रांजिशन के नाम पर विराट और रोहित जैसे खिलाड़ी, जो टेस्ट क्रिकेट की पवित्रता बनाए रखना चाहते थे, धीरे-धीरे किनारे कर दिए गए।'
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'कोहली-रोहित खेलना चाहते थे, मगर माहौल बिगड़ गया'
तिवारी के मुताबिक दोनों दिग्गजों का मनोबल टीम के अंदर के वातावरण ने गिराया। उन्होंने कहा कि माहौल ऐसा बनाया गया कि कोहली-रोहित जो खेलना चाहते थे, वे भी पीछे हट गए। माहौल में नकारात्मकता आने लगी। यह बयान स्वाभाविक रूप से भारतीय क्रिकेट में चल रही अंदरूनी राजनीति की ओर इशारा करता है, खासकर उस समय जब टीम दो बड़े खिलाड़ियों को एक साथ खो चुकी है।

कोच गंभीर पर भी तिवारी का निशाना
तिवारी ने गौतम गंभीर की आलोचना करते हुए कहा कि हार के बाद खिलाड़ियों की तकनीक पर सवाल उठाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, 'एक कोच का काम सिखाना है, दोष देना नहीं। अगर खिलाड़ियों का डिफेंस कमजोर था, तो मैच से पहले क्यों नहीं सुधारा गया? गंभीर खुद स्पिन के अच्छे खिलाड़ी थे, उन्हें और ट्रेनिंग देनी चाहिए थी।' यह टिप्पणी गंभीर की योजनाओं और कोचिंग शैली पर सीधे सवाल खड़े करती है।

उल्टा पड़ा रैंक टर्नर का दांव
पहले टेस्ट में कोलकाता में हार के बाद भारत 0-1 से पीछे है। अब गुवाहाटी में होने वाले दूसरे टेस्ट में टीम को किसी भी हाल में जीत की जरूरत है, वरना लगातार दूसरी घरेलू सीरीज हाथ से निकल सकती है। पहले टेस्ट में रैंक टर्नर का दांव उलटा पड़ गया था। अब क्रिकेट जगत यह देखना चाहता है कि दूसरे टेस्ट में भारत किस तरह की पिच चुनता है। 
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