Dharmendra Life Mantra: क्या 89 वर्षीय धर्मेंद्र जेन-जी की भी प्रेरणा? उनके बेशकीमती मंत्र पढ़कर खुद तय करें
89 साल की आयु तक जिंदगी को भरपूर जिंदादिली के साथ जीने वाले दिग्गज कलाकार धर्मेंद्र को अलविदा कहने के इस मौके पर कुछ ऐसी बातें जहां उन्होंने हंसते मुस्कुराते जीवन के ऐसे फलसफे बताए। उन्होंने जो बताया, इन बातों के सहारे जिंदगी की पहेलियां सुलझानी आसान हो सकती हैं। नेटिजन्स के लिए धर्मेंद्र की ये बातें वैसी ही हैं, मानो किसी गुत्थी को सुलझाने का फॉर्मूला... आप भी पढ़ें
विस्तार
सोशल मीडिया के इस दौर में इंसान अपने जीवन में आम और खास के बीच का जरूरी अंतर भूलते जा रहे हैं। पेचीदा रास्तों और उलझन भरे हालात से जूझते रहने के बीच कई बार हम ये फर्क नहीं कर पाते कि किन बातों को पूरी दुनिया के सामने कहा जाए और किन बातों को परदे में रहने दिया जाए। ऐसे जटिल चौराहों पर अनुभव जीवन का सबसे बड़ा गुरु बनकर सामने आता है।
आज हर वो आंखें नम हैं, जिन्हें मोहब्बत और करुणा पर अखंड भरोसा...
89 साल की इंद्रधनुषी जिंदगी में धर्मेंद्र रुपहले परदे के ऐसे सितारे हैं, जिनकी विदाई से हर वो आंखें नम हैं, जिन्हें मोहब्बत और करुणा पर अखंड भरोसा है। जाने कितने ऐसे किरदारों को उन्होंने अपनी अद्वितीय प्रतिभा से अमर कर दिया, जिनसे आज की युवा पीढ़ी भी सीखती है। बात सोशल मीडिया के दौर में 'जेन-जी' श्रेणी से लोकप्रिय होने वाले लोगों की करें तो धर्मेंद्र का जीवन मार्गदर्शन पाने का जरिया भी है...
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जीवन के गूढ़ पहलुओं के बीच बारीक अंतरों को समझने का हुनर
भले ही धर्मेंद्र की भौतिक देह बीत चुकी है, लेकिन उनके जीवन से जुड़ी अनगिनत और अविस्मरणीय स्मृतियां एक देदीप्यमान प्रकाश पुंज की तरह हैं। कैसे जीवन के पहलुओं के बारीक अंतरों को समझते हुए आप जीवन को सार्थक बना सकते हैं। उन्होंने इसका गुरुमंत्र कुछ यूं दिया था;

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ऐसी ही असंख्य स्मृतियां धर्मेंद्र को अलविदा कहने के भावुक मौके पर कौंध रही हैं। इन बातों का सरोकार उनके जीवन के साथ-साथ हमसे भी है क्योंकि उन्होंने वैसा ही जीवन जीया, जिसका हम आप सपना देखते हैं- मासूम, छलरहित और मोहब्बत से भरपूर...
कहते हैं कि बुजुर्गों के चेहरे की एक-एक झुर्रियों पर हजार-हजार अनुभव लिखे होते हैं। ये बात धर्मेंद्र के जीवन से भी चरितार्थ होती है।
जीवन के लगभग नौ दशकों तक जमीन से जुड़े रहते हुए उन्होंने जो अनुभव हासिल किए उसे उन्होंने एक नज्म में बयां किया। ये नज्म उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान सुनाई थी। इन पंक्तियों में धर्मेंद्र युवाओं को पूरे हौसले और जज्बे के साथ संघर्ष करने का सबक देते नजर आते हैं...