सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   AG’s nod sought to initiate contempt action Rakesh Kishore for trying to hurl shoe at CJI

CJI Shoe Hurl Case: राकेश किशोर के खिलाफ शुरू होगी अवमानना की कार्रवाई, अटॉर्नी जनरल से मांगी गई अनुमति

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Wed, 08 Oct 2025 02:41 PM IST
सार

CJI Shoe Hurl Case: इस मामले में अगर अटॉर्नी जनरल से मंजूरी मिलती है तो सुप्रीम कोर्ट में राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज हो सकता है। दोषी पाए जाने पर अदालत सख्त सजा भी दे सकती है, जिसमें जेल और जुर्माना दोनों शामिल हैं।

विज्ञापन
AG’s nod sought to initiate contempt action Rakesh Kishore for trying to hurl shoe at CJI
राकेश किशोर के खिलाफ शुरू होगी अवमानना की कार्रवाई - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई एक बड़ी सुरक्षा चूक के बाद अब इस पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। एक अधिवक्ता ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से अनुरोध किया है कि वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी दी जाए। दरअसल, 71 वर्षीय वकील ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की थी और नारे लगाए, 'सनातन का अपमान नहीं सहेंगे'। यह घटना खुली अदालत में हुई, जिससे वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने किशोर का बार लाइसेंस तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया।
Trending Videos


यह भी पढ़ें - ED: ईडी में नहीं चलेगा 'स्पेशल 26' का खेल, अब यूं पकड़े जाएंगे फर्जी समन से जबरन वसूली करने वाले ठग
विज्ञापन
विज्ञापन


कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की मांग
अधिवक्ता सुभाष चंद्रन केआर ने अटॉर्नी जनरल को लिखे पत्र में कहा कि किशोर का यह कृत्य न केवल न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंचाता है बल्कि न्याय प्रशासन में 'गंभीर हस्तक्षेप' भी है। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा को 'कमजोर करने और संविधान का अपमान करने की कोशिश' बताया। कानून के मुताबिक, अगर अदालत खुद किसी अवमानना की घटना को देखती है तो वह सीधे कार्रवाई कर सकती है। लेकिन अगर कोई अन्य व्यक्ति यह कार्रवाई शुरू करना चाहता है तो उसे अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल से अनुमति लेनी होती है।

घटना के बाद भी कोई पछतावा नहीं
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि घटना के बाद किशोर ने मीडिया में मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं और अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं जताया। अधिवक्ता का कहना है कि यह रवैया अदालत को बदनाम करने और जनता का भरोसा कमजोर करने की मंशा दिखाता है।

यह भी पढ़ें - शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद: उद्धव गुट की याचिका पर 12 नवंबर को होगी सुनवाई, निकाय चुनाव से पहले आ सकता है फैसला

अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की मांग
इससे पहले 'मिशन अंबेडकर' के संस्थापक ने भी अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखकर धार्मिक वक्ता अनिरुद्धाचार्य (अनिरुद्ध राम तिवारी) और यूट्यूबर अजीत भारती के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग की थी। आरोप है कि उन्होंने इस हमले के लिए माहौल भड़काने में भूमिका निभाई।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed