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संयुक्त कमांडर सम्मेलन: PM के सामने पेश किए जाएंगे एयर डिफेंस सिस्टम-रडार, ऑपरेशन सिंदूर में दिखाया था पराक्रम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Wed, 10 Sep 2025 10:17 PM IST
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सार

ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल की गई वायु रक्षा प्रणालियां अब कोलकाता में आयोजित होने वाले संयुक्त कमांडर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने दिखाई जाएंगी। यह सम्मेलन भारत की रक्षा क्षमताओं को दिखाने, भविष्य की चुनौतियों के लिए सेना की तैयारी और सुधारों पर चर्चा के लिए आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री 15 सितंबर को इसका उद्घाटन करेंगे और तीनों सेनाओं के अफसरों से जमीनी अनुभवों और सुझावों पर बातचीत भी की जाएगी।

Air Defence systems, radars used in Op Sindoor against Pakistan to be showcased to PM at top military meet
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी - फोटो : वीडियो ग्रैब/एक्स/नरेंद्र मोदी
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विस्तार
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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हवाई हमलों को नाकाम करने के लिए जिन वायु रक्षा प्रणालियों और रडार का सफलतापूर्व इस्तेमाल किया गया, उनको अब कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने पेश किया जाएगा। इनमें स्वदेशी आकाश मिसाइल रोहिणी रडार भी शामिल हैं। यह प्रदर्सन 15 से 17 सितंबर तक होने वाले तीन दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन के दौरान किया जाएगा। 
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रक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह तीन दिवसीय सम्मेलन तीनों सेनाओं द्वारा इस्तेमाल की गईं उन वायु रक्षा प्रणालियों पर केंद्रित रहेगा, जिनका उपयोग ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मिसाइलों, विमानों और ड्रोन को गिराने के लिए किया गया था। 
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इन प्रणालियों को कोलकाता के फोर्ट विलियम में स्थित सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय में प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रदर्शन का मकसद भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को दिखाना है। भारत हाल के वर्षों में कई आधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों को विकसित कर रहा है। फिलहाल 'प्रोजेक्ट कुश' के तहत एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली पर काम चल रहा है। इसके अलावा, 'क्यूआरएसएएम' और 'आकाश-एनजी' जैसी सामरिक प्रणालियां भी विकसित की जा रही हैं। 

इस बार की संयुक्त कमांडर सम्मेलन का विषय 'सुधारों का वर्ष: भविष्य के लिए परिवर्तन' है। प्रधानमंत्री मोदी 15 सितंबर को इस सम्मेलन का शुभारंब करेंगे। संयुक्त कमांडर कॉन्फ्रेंस 2025 का फोकस सुधार, रुपांतरण, बदलाव और ऑपरेशन तैयारियों पर होगा। यह भारत के सशस्त्र बलों में संस्थागत सुधारों, तकनीकी आधुनिकीकरण और बहु-आयामी ऑपरेशनल तैयारियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

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बातचीत का मकसद हमारे सशस्त्र बलों को और मजबूत बनाना है, जो बदले वैश्विक रणनीतिक माहौल में तेज और निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम हों। पिछल वर्षों की तरह इस बार भी सभी स्तरों के अधिकारियों और सैनिकों से बातचीत होगी, जिससे जमीनी अनुभव और सुझाव शीर्ष स्तर पर होने वाली बातचीत को और बेहतर बना सकें। यह सम्मेलन सशस्त्र बलों का सर्वोच्च विचार-मंच है, जिसमें देश के शीर्ष सैन्य और नागरिक नेतृत्व रणनीतिक मुद्दों पर आपस में विचार-विमर्श करते हैं।

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