अमृता फडणवीस रिश्वत मामला: गिरफ्तारी के खिलाफ अनिल जयसिंघानी की याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- दलील में दम नहीं
अनिल जयसिंघानी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें 19 मार्च को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उन्हें कानून के अनुसार 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया।
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बंबई उच्च न्यायलय ने संदिग्ध सट्टेबाज अनिल जयसिघानी की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता को ब्लैकमेल करने और रिश्वत देने के कथित प्रयास के मामले में 'अवैध' गिरफ्तारी को अदालत में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि याचिका को बिना योग्यता के खारिज किया जाता है, इसमें कोई दम नहीं है। गिरफ्तारी को अवैध नहीं कहा जा सकता है। अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी के चौबीस घंटे के भीतर मुंबई में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीस के समक्ष पेश किया गया।
दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल पुलिस थाने ने 20 फरवरी को अनिल जयसिंघानी और उनकी बेटी अनिक्षा जयसिंघानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन पर कुछ ऑडियो और वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने की धमकी देने का आरोप है। अनिल जयसिंघानी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें 19 मार्च को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उन्हें कानून के अनुसार 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया।
हालांकि, पीठ ने कहा कि अनिल जयसिंघानी को 19 मार्च को तड़के हिरासत में लिया गया था और गुजरात के वेजलपुर पुलिस थाने ले जाया गया था। पीठ ने कहा, हमने 21 मार्च, 2023 की रिमांड रिपोर्ट का अवलोकन किया है, जिसमें कहा गया है कि आरोपियों को 20 मार्च, 2023 को शाम पांच बजे गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी/तलाशी पंचनामा दर्ज किया गया और आरोपी को गिरफ्तारी के कारणों के बारे में सूचित किया गया। उनकी गिरफ्तारी के समय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया गया था। आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना उसके रिश्तेदार और परिचित को दी गई थी।
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अनिल जयसिंघानी और उनकी बेटी अनिक्षा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 385 (जबरन वसूली) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 8 (भ्रष्ट साधनों का उपयोग करके लोक सेवक को उकसाना) और 12 (उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अनिक्षा को 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और सत्र अदालत ने 27 मार्च को उसे जमानत दे दी थी। मुंबई पुलिस द्वारा गुजरात से गिरफ्तार अनिल जयसिंघानी फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
जयसिंघानी के वकील मृगेंद्र सिंह ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तारी के 36 घंटे बाद मुंबई की अदालत में पेश किया गया। सिंह ने कहा था कि मामले में हर चीज की निगरानी शिकायतकर्ता के पति द्वारा की जा रही है जो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं। राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि पुलिस ने सभी प्रक्रियाओं का ठीक से पालन किया और रिमांड के लिए अनिल जयसिंघानी को अदालत के समक्ष पेश करने में कोई देरी नहीं हुई।
सराफ ने कहा कि पुलिस ने 19 मार्च को अनिल जयसिंघानी को ही अपने कब्जे में ले लिया था और वे उसे मुंबई में सक्षम अदालत में पेश करना चाहते थे। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी ज्ञापन के अनुसार अनिल जयसिंघानी को 20 मार्च को शाम पांच बजे गिरफ्तार किया गया और 5 मार्च को सत्र अदालत में पेश किया गया।
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