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Tripura: 1971 जंग में PAK को धूल चटाने वाली सैन्य बटालियन त्रिपुरा में तैनात, मुक्ति वाहिनी को दी थी ट्रेनिंग

एजेंसी, अगरतला। Published by: निर्मल कांत Updated Mon, 22 Dec 2025 05:07 AM IST
सार

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने जानकारी दी कि 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय सेना की बटालियन राज्य में तैनात है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बांग्लादेश की जमीनी स्थिति की रिपोर्ट दिल्ली भेज रहे हैं। 

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army battalion that defeated Pakistan in 1971 war is stationed in Tripura cm manik saha
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बांग्लादेश में अशांति के बीच 1971 जंग में पाकिस्तान को धूल चटाने वाली सैन्य बटालियन को पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में तैनात किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रविवार को भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में यह जानकारी दी। साहा ने कहा, मैं बांग्लादेश में हो रही घटनाओं और उसके संभावित असर के बारे में जमीनी हकीकत की रिपोर्ट दिल्ली भेज रहा हूं। भारतीय सेना की 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाली और मुक्ति वाहिनी को प्रशिक्षण देने वाली सैन्य बटालियन अब राज्य में है।
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1971 की जंग के दौरान भारतीय सेना की माउंटेन डिवीजनों, खासकर 20 माउंटेन डिवीजन (33 कोर) और 8वीं, 6वीं और 4वीं माउंटेन डिवीजनों के कुछ हिस्सों ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में अहम भूमिका निभाई थी। साहा ने कहा, लोग कह रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कोई सेना नहीं है। आजकल, लड़ाई के लिए शारीरिक मौजूदगी की जरूरत नहीं होती। दुश्मनों को खत्म करने के लिए एक क्लिक ही काफी है, जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा गया था।
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उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में अशांति के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। यह आशंका थी कि चुनी हुई प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर करने के बाद कट्टरपंथी सक्रिय हो जाएंगे। हजारों कट्टरपंथी, अपराधी और चोर बांग्लादेश की जेलों से बाहर निकल गए, जबकि पुलिस और सेना चुप रही। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के रूप में मुहम्मद यूनुस की नियुक्ति भारत की तरक्की में बाधा डालने वाली शक्तियों की एक सोची-समझी चाल थी।  

उन्होंने कहा, हमें खुशी है कि हमारा देश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षित हाथों में है,जो आगे बढ़कर हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं।

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