{"_id":"68bea9ddf8dbeabb2407f992","slug":"arunachal-pradesh-cm-pema-khandu-supreme-court-action-alleging-pil-for-giving-government-contracts-to-kin-2025-09-08","type":"story","status":"publish","title_hn":"Supreme Court: अरुणाचल के CM पेमा खांडू पर रिश्तेदारों को ठेका देने का आरोप, कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Supreme Court: अरुणाचल के CM पेमा खांडू पर रिश्तेदारों को ठेका देने का आरोप, कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Mon, 08 Sep 2025 03:33 PM IST
विज्ञापन
सार
सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू पर लगे आरोपों पर केंद्र से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया कि सरकारी ठेके उनके रिश्तेदारों को दिए गए। प्रशांत भूषण ने यह मामला उठाया, जबकि राज्य सरकार ने आरोपों को खारिज किया। सीएजी रिपोर्ट में भी ठेकों का जिक्र है।

सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई
विज्ञापन
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम सुनवाई में केंद्र सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह मामला अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू से जुड़ा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी ठेके अपने परिवारजनों को दिए। यह याचिका गैर सरकारी संगठनों 'सेव मॉन रीजन फेडरेशन' और 'वॉलंटरी अरुणाचल सेना' ने दायर की है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश की सरकार सभी ठेके मुख्यमंत्री खांडू के करीबी रिश्तेदारों को दे रही है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि केंद्र का पक्ष भी जरूरी है और गृह मंत्रालय व वित्त मंत्रालय को विस्तृत हलफनामा दाखिल करना चाहिए।
प्रशांत भूषण ने रखी दलील
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा कि यह मामला राज्य सरकार के ठेकों में पारदर्शिता की कमी से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने मार्च 18 को दिए आदेश के बावजूद अब तक हलफनामा दाखिल नहीं किया।
ये भी पढ़ें- भारत-यूरोपीय संघ का मुक्त व्यापार समझौता निर्णायक मोड़ पर, रक्षा समेत कई क्षेत्रों में होगी अहम साझेदारी
राज्य सरकार का विरोध
अरुणाचल सरकार की ओर से पेश वकील ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता पुराने मामलों को खींचकर सामने ला रहे हैं। राज्य का कहना है कि कई ठेके 2010 और 2011 के हैं और मौजूदा सरकार पर इनका आरोप लगाना गलत है।
सीएजी रिपोर्ट और पारिवारिक नाम
याचिका में दावा किया गया है कि खांडू की सौतेली मां रिनचिन ड्रेमा की फर्म 'ब्रैंड ईगल्स' को बड़े ठेके मिले। साथ ही खांडू के भतीजे त्सेरिंग ताशी का भी नाम इसमें शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सीएजी की रिपोर्ट को भी महत्वपूर्ण माना है।
ये भी पढ़ें- 'घुसपैठियों के मुद्दे पर विपक्षी नेता देते हैं धमकियां', तेजाब और कब्र वाले बयान पर BJP का पलटवार
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि तकनीकी कारण बताकर देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केंद्र को तीन हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करना होगा। कोर्ट ने कहा कि यह मामला जनता के विश्वास और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही से जुड़ा है। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।

Trending Videos
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश की सरकार सभी ठेके मुख्यमंत्री खांडू के करीबी रिश्तेदारों को दे रही है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि केंद्र का पक्ष भी जरूरी है और गृह मंत्रालय व वित्त मंत्रालय को विस्तृत हलफनामा दाखिल करना चाहिए।
विज्ञापन
विज्ञापन
प्रशांत भूषण ने रखी दलील
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा कि यह मामला राज्य सरकार के ठेकों में पारदर्शिता की कमी से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने मार्च 18 को दिए आदेश के बावजूद अब तक हलफनामा दाखिल नहीं किया।
ये भी पढ़ें- भारत-यूरोपीय संघ का मुक्त व्यापार समझौता निर्णायक मोड़ पर, रक्षा समेत कई क्षेत्रों में होगी अहम साझेदारी
राज्य सरकार का विरोध
अरुणाचल सरकार की ओर से पेश वकील ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता पुराने मामलों को खींचकर सामने ला रहे हैं। राज्य का कहना है कि कई ठेके 2010 और 2011 के हैं और मौजूदा सरकार पर इनका आरोप लगाना गलत है।
सीएजी रिपोर्ट और पारिवारिक नाम
याचिका में दावा किया गया है कि खांडू की सौतेली मां रिनचिन ड्रेमा की फर्म 'ब्रैंड ईगल्स' को बड़े ठेके मिले। साथ ही खांडू के भतीजे त्सेरिंग ताशी का भी नाम इसमें शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सीएजी की रिपोर्ट को भी महत्वपूर्ण माना है।
ये भी पढ़ें- 'घुसपैठियों के मुद्दे पर विपक्षी नेता देते हैं धमकियां', तेजाब और कब्र वाले बयान पर BJP का पलटवार
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि तकनीकी कारण बताकर देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केंद्र को तीन हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करना होगा। कोर्ट ने कहा कि यह मामला जनता के विश्वास और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही से जुड़ा है। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन