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Assam: असम के पत्रकार को जमानत मिलने के बाद दूसरे मामले में किया गया गिरफ्तार, सीएम बोले- वह पत्रकार नहीं है
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 27 Mar 2025 11:03 PM IST
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सार
Assam Journalist Arrested: गौहाटी प्रेस क्लब के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी दिलवर हुसैन मोजुमदार को एक दूसरे केस में उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया। जब उन्हें एक मामले में जमानत मिली थी। वहीं इस मामले में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वो कोई पत्रकार नहीं है।

हिमंत बिस्वा सरमा, सीएम, असम
- फोटो : ANI
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विस्तार
असम के पत्रकार दिलवर हुसैन मोजुमदार को गुरुवार को एक और मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि इससे पहले उन्हें जमानत मिल चुकी थी। उन्हें 25 मार्च को असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक से वित्तीय अनियमितताओं पर सवाल पूछने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, दिलवर हुसैन मोजुमदार 'द क्रॉस करंट' नाम की डिजिटल न्यूज पोर्टल के मुख्य रिपोर्टर और गौहाटी प्रेस क्लब के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी हैं। उन्हें कीमती बैंक दस्तावेज चुराने की कोशिश करने के आरोप में फिर से गिरफ्तार किया गया। बैंक के एमडी डंबरू सैकिया ने 25 मार्च को उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन यह जानकारी पहले उनके परिवार और वकीलों को नहीं दी गई थी।
यह भी पढ़ें - Supreme Court: जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR की मांग, सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की पीठ करेगी सुनवाई
शिकायत के अनुसार, दिलवर हुसैन मोजुमदार जब बैंक में दाखिल हुए तो कर्मचारियों ने उन्हें देख लिया और शोर मचाया, जिससे वे भाग गए। उन पर बैंक के काम में बाधा डालने, कर्मचारियों को धमकाने और एक सुरक्षाकर्मी (जो एसटी समुदाय से है) के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी करने का भी आरोप है। पुलिस ने उनके खिलाफ आपराधिक घुसपैठ, नुकसान पहुंचाने, धमकाने और लूटपाट की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
पहली गिरफ्तारी और दोबारा गिरफ्तारी कैसे हुई?
मंगलवार रात को उन्हें पहली बार नौ घंटे तक हिरासत में रखने के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन पर क्रिमिनल इंटिमिडेशन और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को कामरूप की अदालत ने उन्हें 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। लेकिन औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण वे जेल में ही रहे। गुरुवार को उनके वकील कागजी कार्रवाई पूरी कर ही रहे थे कि पुलिस ने उन्हें दूसरे केस में गिरफ्तार कर लिया और गुवाहाटी सेंट्रल जेल से पानबाजार थाने ले गई।
यह भी पढ़ें - कर्नाटक: आंतरिक आरक्षण के लिए एससी समुदायों का सर्वेक्षण करेगी सिद्धारमैया सरकार, आयोग की रिपोर्ट स्वीकार
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बयान
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिलवर हुसैन मोजुमदार को सरकार पत्रकार नहीं मानती, क्योंकि केवल प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोगों को ही पहचान पत्र दिए जाते हैं। उन्होंने कहा, 'कोई भी लिखने के लिए गिरफ्तार नहीं हुआ है। पत्रकार मेरे खिलाफ लिखते रहते हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वह बिजनेसमैन हैं या पार्ट-टाइम पत्रकार।'
मामले की शुरुआत कैसे हुई?
मंगलवार को दिलवर हुसैन मोजुमदार ने असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक के एमडी से उनके खिलाफ लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर सवाल किया था। उसी दिन असम जातीय परिषद की युवा इकाई जातीय युवा शक्ति (जेवाईएस) ने बैंक के बाहर धरना दिया था। इसी दौरान दिलवर हुसैन मोजुमदार को थाने बुलाकर हिरासत में ले लिया गया।

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बता दें कि, दिलवर हुसैन मोजुमदार 'द क्रॉस करंट' नाम की डिजिटल न्यूज पोर्टल के मुख्य रिपोर्टर और गौहाटी प्रेस क्लब के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी हैं। उन्हें कीमती बैंक दस्तावेज चुराने की कोशिश करने के आरोप में फिर से गिरफ्तार किया गया। बैंक के एमडी डंबरू सैकिया ने 25 मार्च को उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन यह जानकारी पहले उनके परिवार और वकीलों को नहीं दी गई थी।
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शिकायत के अनुसार, दिलवर हुसैन मोजुमदार जब बैंक में दाखिल हुए तो कर्मचारियों ने उन्हें देख लिया और शोर मचाया, जिससे वे भाग गए। उन पर बैंक के काम में बाधा डालने, कर्मचारियों को धमकाने और एक सुरक्षाकर्मी (जो एसटी समुदाय से है) के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी करने का भी आरोप है। पुलिस ने उनके खिलाफ आपराधिक घुसपैठ, नुकसान पहुंचाने, धमकाने और लूटपाट की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
पहली गिरफ्तारी और दोबारा गिरफ्तारी कैसे हुई?
मंगलवार रात को उन्हें पहली बार नौ घंटे तक हिरासत में रखने के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन पर क्रिमिनल इंटिमिडेशन और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को कामरूप की अदालत ने उन्हें 20 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। लेकिन औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण वे जेल में ही रहे। गुरुवार को उनके वकील कागजी कार्रवाई पूरी कर ही रहे थे कि पुलिस ने उन्हें दूसरे केस में गिरफ्तार कर लिया और गुवाहाटी सेंट्रल जेल से पानबाजार थाने ले गई।
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मामले की शुरुआत कैसे हुई?
मंगलवार को दिलवर हुसैन मोजुमदार ने असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक के एमडी से उनके खिलाफ लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर सवाल किया था। उसी दिन असम जातीय परिषद की युवा इकाई जातीय युवा शक्ति (जेवाईएस) ने बैंक के बाहर धरना दिया था। इसी दौरान दिलवर हुसैन मोजुमदार को थाने बुलाकर हिरासत में ले लिया गया।
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