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Ayodhya Ram Temple: 'प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करनी चाहिए'; पूर्व CM उद्धव ने दिया बयान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Sat, 13 Jan 2024 08:23 PM IST
सार
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां जारी हैं। हालांकि, 22 जनवरी को होने वाले ऐतिहासिक अनुष्ठान से पहले राजनीतिक टिप्पणियों का दौर भी जारी है। ताजा घटनाक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे ने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा पीएम मोदी के बदले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों करानी चाहिए।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (फाइल)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भगवान राम के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसी बीच महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू के हाथों कराई जानी चाहिए। उद्धव ने कहा, यह 'राष्ट्रीय गौरव और देश के स्वाभिमान' का मामला है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नासिक के कालाराम मंदिर में आमंत्रित करेंगे।
गुजरात का उदाहरण दिया, सोमनाथ मंदिर जीर्णोद्धार और डॉ राजेंद्र प्रसाद की मौजूदगी
गौरतलब है कि ठाकरे 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन ऐतिहासिक कालाराम मंदिर जाने का एलान कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वह अपनी पार्टी के नेताओं के साथ गोदावरी नदी के तट पर 'महा आरती' करेंगे। ठाकरे ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर में आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की मौजूदगी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था, उस समय देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने समारोह की अध्यक्षता की थी।
तीन दशक पुरानी कारसेवा में शामिल शिवसैनिकों का सम्मान
बकौल ठाकरे, अयोध्या का राम मंदिर राष्ट्रीय गौरव का विषय है। देश के स्वाभिमान से जुड़े इस स्थान पर प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होनी चाहिए। समारोह की अध्यक्षता भी उन्हें ही करनी चाहिए। ठाकरे ने यह भी कहा कि 1992 में रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान 'कारसेवा' का हिस्सा रहे कुछ शिवसेना कार्यकर्ताओं को नासिक में सम्मानित किया जाएगा।
22 जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सियासी बातें
बता दें कि अयोध्या के समारोह को लेकर राजनीति किए जाने के आरोप भी लग रहे हैं। न्योता न मिलने की बातें कई दलों की तरफ से कही जा चुकी है। कांग्रेस के तीन शीर्ष नेता समारोह में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की तीखी आलोचना भी की है। हालांकि, यह भी दिलचस्प है कि खुद पीएम मोदी अयोध्या में कानून-व्यवस्था और प्रोटोकॉल जैसी बाध्यता के कारण श्रद्धालुओं से 22 जनवरी के बाद अयोध्या दर्शन की अपील कर चुके हैं।
अयोध्या आने का न्योता देने पहुंचे राम मंदिर से जुड़े पदाधिकारी
राष्ट्रपति को निमंत्रण न भेजे जाने की मीडिया रिपोर्ट्स पर चर्चा के बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता राम लाल और राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को मुर्मू से मुलाकात की। उन्हें अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है।
भाजपा ने कहा- संजय राउत का लिखा पढ़ रहे उद्धव; चुनाव लड़ने की चुनौती भी दी
ठाकरे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा, उद्धव ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत की स्क्रिप्ट पढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को ऐसी टिप्पणी करने से पहले राष्ट्रपति मुर्मू को निमंत्रण दिए जाने के बारे में विहिप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर जारी संदेश पढ़ना चाहिए था। शेलार ने ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को लोकसभा चुनाव लड़ने और निर्वाचित होने की भी चुनौती दी। बता दें कि आदित्य भी महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं।
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तीन दशक पुरानी कारसेवा में शामिल शिवसैनिकों का सम्मान
बकौल ठाकरे, अयोध्या का राम मंदिर राष्ट्रीय गौरव का विषय है। देश के स्वाभिमान से जुड़े इस स्थान पर प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होनी चाहिए। समारोह की अध्यक्षता भी उन्हें ही करनी चाहिए। ठाकरे ने यह भी कहा कि 1992 में रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान 'कारसेवा' का हिस्सा रहे कुछ शिवसेना कार्यकर्ताओं को नासिक में सम्मानित किया जाएगा।
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बता दें कि अयोध्या के समारोह को लेकर राजनीति किए जाने के आरोप भी लग रहे हैं। न्योता न मिलने की बातें कई दलों की तरफ से कही जा चुकी है। कांग्रेस के तीन शीर्ष नेता समारोह में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की तीखी आलोचना भी की है। हालांकि, यह भी दिलचस्प है कि खुद पीएम मोदी अयोध्या में कानून-व्यवस्था और प्रोटोकॉल जैसी बाध्यता के कारण श्रद्धालुओं से 22 जनवरी के बाद अयोध्या दर्शन की अपील कर चुके हैं।
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राष्ट्रपति को निमंत्रण न भेजे जाने की मीडिया रिपोर्ट्स पर चर्चा के बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता राम लाल और राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को मुर्मू से मुलाकात की। उन्हें अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है।
भाजपा ने कहा- संजय राउत का लिखा पढ़ रहे उद्धव; चुनाव लड़ने की चुनौती भी दी
ठाकरे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा, उद्धव ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत की स्क्रिप्ट पढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को ऐसी टिप्पणी करने से पहले राष्ट्रपति मुर्मू को निमंत्रण दिए जाने के बारे में विहिप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर जारी संदेश पढ़ना चाहिए था। शेलार ने ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को लोकसभा चुनाव लड़ने और निर्वाचित होने की भी चुनौती दी। बता दें कि आदित्य भी महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं।