Bangladesh: एक और हिंदू युवक की हत्या से कटघरे में बांग्लादेश सरकार, विहिप ने यूनुस के इरादों पर जताया संदेह
बांग्लादेश में लगातार बिगड़ते हालात और हिंदू अल्पसंख्यकों की हत्या को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। देश के दुर्दशा के लिए लगातार युनूस सरकार को जिम्मेदावर ठहराया जा रहा है।
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बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक अमृत मंडल उर्फ सम्राट मंडल की बुधवार रात मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी गई। इससे बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस सरकार कटघरे में आ गई है। उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यक हिंदुओं को सुरक्षा देने की मांग की है। सरकार को घरेलू स्तर पर भी विपक्षी दलों की तरफ से हिंसा को बढ़ावा देने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि हिंसा को बढ़ावा देकर मोहम्मद युनूस सरकार चुनाव टालना चाहती है। बांग्लादेश में फरवरी महीने में चुनाव होने हैं। मारे गए इस्लामी कट्टरपंथी छात्र नेता उस्मान हादी के भाई ने भी आरोप लगाया है कि उसके भाई की हत्या कराने में सरकार के ही कुछ लोग जिम्मेदार हैं। इन आरोपों से मोहम्मद यूनुस के इरादों पर संदेह गहराने लगे हैं।
बुधवार रात को बांग्लादेश के राजबाड़ी जिले के होसनडांगा गांव में 29 वर्षीय युवक अमृत मंडल उर्फ सम्राट मंडल को रात के अंधेरे में उसके घर से जबरदस्ती निकाल लिया गया। उसे भरे चौराहे पर तब तक मारा गया जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। इसके पहले 18 दिसंबर को दीपू दास की भी इसी तरह मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी गई थी। विश्व हिंदू परिषद ने आशंका जताई है कि बड़े विरोध के बाद भी जिस तरह बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं की हत्याएं हो रही हैं, उससे यही साबित होता है कि इन घटनाओं के पीछे मोहम्मद युनूस सरकार की मौन सहमति है।
मोहम्मद यूनूस सरकार के इरादे पर संदेह- विहिप
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं, हिंदुओं को लगातार मारा जा रहा है, उनकी मॉब लिंचिंग की जा रही है और उनके घरों को जलाया जा रहा है। जिस तरह बांग्लादेश की सेना-पुलिस इसे रोक पाने में असफल साबित हो रही है, उससे यही लगता है कि मोहम्मद युनूस सरकार की भी इन घटनाओं में सहमति है और उसकी सहमति से ही हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।
विहिप ने 23 दिसंबर को बांग्लादेश दूतावास के बाहर हिंदुओं पर हो रही हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया था। संगठन ने बांग्लादेश सरकार से मांग की थी कि अल्पसंख्यक हिंदुओं को सुरक्षा दी जाए। विहिप, बजरंग दल और हिंदू युवा वाहिनी समेत अनेक हिंदू संगठनों ने भी हिंदुओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया था।
इन विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश प्रशासन ने वादा किया था कि वह ईश निंदा के आरोप में मारे गए हिंदू युवक दीपू दास के परिवार की देखभाल करेगी। दीपू दास की हत्या के मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन प्रशासन की हिंदुओं को सुरक्षा देने की बात केवल बयानबाजी साबित हुई और दीपू दास की हत्या के एक सप्ताह के अंदर ही एक अन्य हिंदू युवक सम्राट मंडल की मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी गई।