Delhi: लालकिला बम विस्फोट और वायु प्रदूषण से बचने की चुनौती, दिल्ली के लिए कैसा रहा 2025 का साल
2025 दिल्ली के लिए काफी उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा। चुनावों के बाद दिल्ली में सरकार बदलने से लेकर लाल किले पर विस्फोट तक। साल में दिल्ली से बहुत कुछ देखा। चलिए जानते है 2025 दिल्ली के लिए कैसा रहा।
विस्तार
2025 का साल दिल्ली के लिए कई मायनों में इतिहास रचने वाला रहा है। एक समय वैकल्पिक राजनीति के प्रेरणा स्रोत बनकर उभरे अरविंद केजरीवाल की इसी साल के फरवरी में दिल्ली में हुए चुनावों में करारी हार हुई। शराब घोटाले में जेल गए और अपने सरकारी आवास पर भारी पैसा खर्च कर विवादों में घिरे केजरीवाल स्वयं अपनी सीट नहीं बचा सके। भाजपा 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी कर सकी और उसने दिल्ली में बुनियादी बदलाव करने का वादा किया है। साल बीतते-बीतते दिल्ली को लालकिले बम विस्फोट ने आहत कर दिया। दिल्ली की सरकार और प्रशासन के सामने इस बात की बड़ी चुनौती रहेगी कि वह दिल्ली को आतंकी खतरों से कैसे सुरक्षित रखती है।
अरविंद केजरीवाल की हार, भाजपा की प्रचंड जीत
वर्ष 2025 दिल्ली की स्थानीय राजनीति में बड़े बदलाव पैदा करने वाला साल रहा। इसी साल की शुरुआत में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए और आम आदमी पार्टी सरकार की करारी हार हुई। शराब घोटाले में कई महीने जेल के अंदर रहे अरविंद केजरीवाल की करारी हार हुई और वे अपनी सीट तक हार गए। सरकार में नंबर दो रहे मनीष सिसोदिया भी अपनी सीट नहीं बचा सके। केजरीवाल की हार का अर्थ केवल एक राजनीतिक दल की एक चुनाव में हार तक सीमित नहीं है। उनकी हार ने आम आदमी पार्टी की भविष्य की राजनीतिक यात्रा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। केजरीवाल की हार के बाद दिल्ली में भाजपा ने 27 साल बाद सरकार बनाने में सफलता हासिल की। पार्टी ने एक महिला रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाते हुए महिला मतदाताओं को विशेष संदेश दिया।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दुर्घटना में 18 की मौत
भीड़ प्रबंधन न कर पाने के कारण दिल्ली में अनेक बार बड़ी दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। इन दुर्घटनाओं में अनेक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 2025 भी इस मामले में अछूता नहीं रहा। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के लिए 16 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्री पहुंचे। भीड़ का सही प्रबंधन न कर पाने के कारण भगदड़ मची और इसमें 18 लोगों की दुखद मौत हो गई।
दिल्ली के सामने चुनौती- वायु प्रदूषण से बचाव
वायु प्रदूषण केंद्र और दिल्ली सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। इस वर्ष वायु प्रदूषण का स्तर 500-600 अंक को पार करता रहा है। 400 पार एक्यूआई वाले दिनों की संख्या लगातार बढ़ती रही है। वायु प्रदूषण पर स्थाई लगाम न लगा पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई भी की है। आने वाले समय में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए स्थाई उपाय कर पाना रेखा गुप्ता सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाली है।
बाढ़ से कैसे बचेगी दिल्ली
हर साल बारिश के सीजन में दिल्ली में बाढ़ बड़ा संकट बन जाती है। इस बार भी जुलाई से लेकर सितंबर तक कई बार दिल्ली अपनी ही बारिश के पानी में डूबती रही। नालों की सही समय से सफाई न हो पाना, यमुना और नालों की डिसिल्टिंग से बारिश के पानी का निस्तारण नहीं हो पाता जो दिल्ली के लिए बड़ी समस्या बनता है। इससे बचने के लिए ठोस योजना बना पाना दिल्ली सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगा।
अन्य चुनौतियां भी लेंगी रेखा गुप्ता सरकार का टेस्ट
दिल्ली में जाम से मुक्ति पाना, गरीबों के लिए आवास का निर्माण, स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति, शिक्षा के अवसरों में वृद्धि, रोजगार के पर्याप्त अवसरों का सृजन दिल्ली सरकार के सामने बड़ी चुनौती रहने वाली है। वायु प्रदूषण से बचने के लिए कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को बंद करने या उनके उपयोग को बदलने की मांग हो रही है। यदि ऐसा कदम उठाया जाता है तो दिल्ली की बिजली मांग को पूरा कर पाना भी सरकार के लिए चुनौती बन सकता है।