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CJI: 'न्यायाधीशों पर हमला लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ', सीजेआई पर जूता उछालने की घटना पर क्या बोले नेता
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 07 Oct 2025 09:06 AM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि 'इस वकील ने प्रचार पाने के लिए यह सब किया है और मैं मीडिया और सोशल मीडिया से विनती करता हूं कि इस वकील को प्रचार न दें क्योंकि उसका पूरा उद्देश्य प्रचार पाना है।'
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सीजेआई बी.आर. गवई
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
देश के मुख्य न्यायाधीश पर जूता उछालने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि सीजेआई ने एक जनहित याचिका पर जो टिप्पणी की, जिस पर पूरा विवाद हुआ, उसे हद से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। उन्होंने इसके लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया। वहीं सीजेआई पर जूता उछालने की घटना पर राजनीति भी शुरू हो गई है और शिवसेना यूबीटी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
सीजेआई की टिप्पणी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि 'इन दिनों सोशल मीडिया की भूमिका पर भी विचार करने की जरूरत है। सोशल मीडिया पर चीजों को हद से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। यह मूल मामला एक जनहित याचिका थी, जिसमें कोई व्यक्ति चाहता था कि एक खंडित हिंदू देवता की मूर्ति का निर्माण कराया जाए। मुख्य न्यायाधीश ने सही कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारी ही कुछ कर सकते हैं, क्योंकि अगर यह एक पुरातात्विक संरचना है, तो एएसआई से जुड़ा मामला है और धार्मिक मुद्दा भी। इसलिए, याचिका खारिज कर दी गई। याचिका खारिज करते हुए सीजेआई के बयान को सोशल मीडिया द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया ताकि ऐसा लगे कि मुख्य न्यायाधीश ने देवता का अपमान किया है।'
वकील के खिलाफ कार्रवाई करेगा बार एसोसिएशन
विकास सिंह ने सीजेआई पर हमले की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। उन्होंने कहा कि 'इस वकील ने प्रचार पाने के लिए यह सब किया है और मैं मीडिया और सोशल मीडिया से विनती करता हूं कि इस वकील को प्रचार न दें क्योंकि उसका पूरा उद्देश्य प्रचार पाना है। भले ही मुख्य न्यायाधीश को लगता हो कि कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है और उन्होंने बड़ा दिल दिखाया है, लेकिन मुझे लगता है कि बार एसोसिएशन के रूप में हम इस संस्थान के प्रति और बार काउंसिल ऑफ इंडिया इस पेशे के प्रति अपना कर्तव्य निभाए। इसलिए, हमारी कार्यकारिणी समिति इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के बाद कार्रवाई करने का फैसला करेगी। और मुझे पूरा विश्वास है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया को इस तरह के आचरण के लिए कोई कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि यह पूरी तरह से अनुचित है। इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।'
ये भी पढ़ें- CJI: 'मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज', पीएम मोदी ने सीजेआई गवई से फोन पर की बात
घटना पर राजनीति
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की कोशिश पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, 'मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता न तो फेंका गया है और न ही फेंकने का प्रयास किया गया है, बल्कि यह भारत के संविधान पर जूता फेंकने का प्रयास था। सत्ता में बैठे लोग भारत के संविधान का पालन करने को तैयार नहीं हैं और उनके समर्थक इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।'
'ये देश की न्यायपालिका पर हमला'
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सीजेआई पर जूता उछालने की कोशिश को देश की न्यायपालिका पर हमला बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश सिर्फ एक न्यायाधीश पर नहीं बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है, इस देश की न्यायपालिका पर हमला है। दलित बेटा मेहनत और ईमानदारी से देश की सर्वोच्च कुर्सी तक पहुंचे, ये इन लोगों को बर्दाश्त नहीं। इनकी हिम्मत तो देखो। इनके समर्थक खुले आम सीजेआई को सोशल मीडिया पर धमकियां दे रहे हैं। इस तरह की राजनीति और गुंडागर्दी ये देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।'
'यह घटना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण'
वकील द्वारा मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता उछालने की कोशिश पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने मुख्य न्यायाधीश से बात की और घटना को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की और घटना की निंदा भी की। सरकार की ओर से उन्होंने घटना पर पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना देश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी घटनाओं की सभी को निंदा करनी चाहिए।'
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 'यह घटना निंदनीय है। कोई भी भारतीय इसका समर्थन नहीं कर सकता। जब यह घटना घटी, तब अदालत की कार्यवाही चल रही थी। हम इसकी निंदा करते हैं। हम मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिखाए गए संयम की भी सराहना करते हैं।'
'यह संविधान का अपमान'
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर एक वकील द्वारा जूता उछालने की कोशिश की घटना पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, 'ये संविधान का अपमान है, पहली बार ऐसी घटना घटी है। हम इसकी निंदा करते हैं। जिस वकील ने ऐसा किया है उसपर अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।'
'प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई महाराष्ट्र के गौरव'
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने की कोशिश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वकील द्वारा सीजेआई पर हमला करने का प्रयास निंदनीय है तथा लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। राकांपा प्रमुख ने कहा, 'न्यायपालिका या न्यायाधीशों पर हमला लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर हमला है। हमारे लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखना हर भारतीय की नैतिक जिम्मेदारी है। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है।' उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह 'महाराष्ट्र के गौरव' प्रधान न्यायाधीश गवई पर हमले की कोशिश की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
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सीजेआई की टिप्पणी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि 'इन दिनों सोशल मीडिया की भूमिका पर भी विचार करने की जरूरत है। सोशल मीडिया पर चीजों को हद से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। यह मूल मामला एक जनहित याचिका थी, जिसमें कोई व्यक्ति चाहता था कि एक खंडित हिंदू देवता की मूर्ति का निर्माण कराया जाए। मुख्य न्यायाधीश ने सही कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारी ही कुछ कर सकते हैं, क्योंकि अगर यह एक पुरातात्विक संरचना है, तो एएसआई से जुड़ा मामला है और धार्मिक मुद्दा भी। इसलिए, याचिका खारिज कर दी गई। याचिका खारिज करते हुए सीजेआई के बयान को सोशल मीडिया द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया ताकि ऐसा लगे कि मुख्य न्यायाधीश ने देवता का अपमान किया है।'
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वकील के खिलाफ कार्रवाई करेगा बार एसोसिएशन
विकास सिंह ने सीजेआई पर हमले की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। उन्होंने कहा कि 'इस वकील ने प्रचार पाने के लिए यह सब किया है और मैं मीडिया और सोशल मीडिया से विनती करता हूं कि इस वकील को प्रचार न दें क्योंकि उसका पूरा उद्देश्य प्रचार पाना है। भले ही मुख्य न्यायाधीश को लगता हो कि कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है और उन्होंने बड़ा दिल दिखाया है, लेकिन मुझे लगता है कि बार एसोसिएशन के रूप में हम इस संस्थान के प्रति और बार काउंसिल ऑफ इंडिया इस पेशे के प्रति अपना कर्तव्य निभाए। इसलिए, हमारी कार्यकारिणी समिति इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के बाद कार्रवाई करने का फैसला करेगी। और मुझे पूरा विश्वास है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया को इस तरह के आचरण के लिए कोई कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि यह पूरी तरह से अनुचित है। इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।'
ये भी पढ़ें- CJI: 'मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज', पीएम मोदी ने सीजेआई गवई से फोन पर की बात
घटना पर राजनीति
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की कोशिश पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, 'मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता न तो फेंका गया है और न ही फेंकने का प्रयास किया गया है, बल्कि यह भारत के संविधान पर जूता फेंकने का प्रयास था। सत्ता में बैठे लोग भारत के संविधान का पालन करने को तैयार नहीं हैं और उनके समर्थक इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।'
#WATCH | Mumbai | On a lawyer attempting to throw an object at CJI BR Gavai, Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "The shoe has not been thrown or attempted to be thrown at CJI BR Gavai, but rather it was an attempt to throw the shoe at the Constitution of India. The people in… pic.twitter.com/rQObXpRYfY
— ANI (@ANI) October 7, 2025
'ये देश की न्यायपालिका पर हमला'
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सीजेआई पर जूता उछालने की कोशिश को देश की न्यायपालिका पर हमला बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश सिर्फ एक न्यायाधीश पर नहीं बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है, इस देश की न्यायपालिका पर हमला है। दलित बेटा मेहनत और ईमानदारी से देश की सर्वोच्च कुर्सी तक पहुंचे, ये इन लोगों को बर्दाश्त नहीं। इनकी हिम्मत तो देखो। इनके समर्थक खुले आम सीजेआई को सोशल मीडिया पर धमकियां दे रहे हैं। इस तरह की राजनीति और गुंडागर्दी ये देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।'
'यह घटना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण'
वकील द्वारा मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता उछालने की कोशिश पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने मुख्य न्यायाधीश से बात की और घटना को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की और घटना की निंदा भी की। सरकार की ओर से उन्होंने घटना पर पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना देश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी घटनाओं की सभी को निंदा करनी चाहिए।'
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 'यह घटना निंदनीय है। कोई भी भारतीय इसका समर्थन नहीं कर सकता। जब यह घटना घटी, तब अदालत की कार्यवाही चल रही थी। हम इसकी निंदा करते हैं। हम मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिखाए गए संयम की भी सराहना करते हैं।'
'यह संविधान का अपमान'
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर एक वकील द्वारा जूता उछालने की कोशिश की घटना पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, 'ये संविधान का अपमान है, पहली बार ऐसी घटना घटी है। हम इसकी निंदा करते हैं। जिस वकील ने ऐसा किया है उसपर अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।'
'प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई महाराष्ट्र के गौरव'
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता उछालने की कोशिश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वकील द्वारा सीजेआई पर हमला करने का प्रयास निंदनीय है तथा लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। राकांपा प्रमुख ने कहा, 'न्यायपालिका या न्यायाधीशों पर हमला लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर हमला है। हमारे लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखना हर भारतीय की नैतिक जिम्मेदारी है। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है।' उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह 'महाराष्ट्र के गौरव' प्रधान न्यायाधीश गवई पर हमले की कोशिश की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
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