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Akhilesh Yadav on Constitution Day 2025: Akhilesh Yadav played this big card on Constitution Day
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Akhilesh Yadav ON Constitution Day 2025: अखिलेश यादव ने संविधान दिवस पर खेल दिया ये बड़ा कार्ड
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Wed, 26 Nov 2025 04:48 PM IST
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "यहां हम देखते हैं कि भाजपा ने संविधान दिवस मनाया और इन्होंने सबसे ज्यादा ठेस बाबा साहब अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को पहुंचाया है। SIR के बहाने वे(भाजपा) करोड़ों लोगों को मताधिकार से वंचित करना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोग रहते हैं. संविधान तभी मजबूत होगा जब हमारे वोट का अधिकार सुरक्षित बचेगा
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है और संविधान के मूल्यों की रक्षा करने पर जोर दिया है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर द्वारा दिया गया सबसे बड़ा अधिकार, वोट का अधिकार, आज खतरे में है। उनका कहना है कि भाजपा लाखों लोगों को अलग-अलग बहानों से उनके वोट के अधिकार से वंचित करने की कोशिश कर रही है और यूपी में लाखों लोगों के वोट काटने की साजिशें की जा रही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जाति के आधार पर अधिकारियों की नियुक्तियाँ की जा रही हैं।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर दोहरापन दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करती है, वहीं दूसरी ओर संविधान दिवस का दिखावा भी करती है। उनके अनुसार, संविधान को मानना और उसके दिखाए रास्ते पर चलना ही सबसे बड़ा उत्सव है, न कि केवल सालाना जलसा मनाना। उन्होंने यह भी कहा कि जहाँ संविधान का हर दिन तिरस्कार और अपमान हो रहा है, वहाँ उत्सव मनाना सिद्धांतों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में सोशलिज्म (समाजवाद) और सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) के सिद्धांत खतरे में हैं और वे इन शब्दों का असली मतलब नहीं समझते। उनका कहना है कि संविधान की शपथ लेने वाले लोगों में निष्ठा का पूर्ण अभाव दिखाई देता है, और उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि संविधान को परतंत्र बनाकर जो लोग राज करना चाहते हैं, उनके लिए आजादी का अमृत काल सिर्फ एक जुमला है।
अखिलेश यादव ने संविधान दिवस को संविधान और लोकतंत्र पर कथित हमलों के विरोध के रूप में मनाया, बाबा साहेब अम्बेडकर को श्रद्धांजलि दी और यह दोहराया कि "संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा"। उन्होंने संविधान को बचाने और उसके मूल्यों को बनाए रखने के लिए एकजुट होने का आह्वान भी किया है।
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