Bharat Jodo Yatra: पंजाब में यात्रा का हरियाणा से है कड़ा मुकाबला! क्या सूबे में कुछ कमाल दिखा पाएगी कांग्रेस?
Bharat Jodo Yatra: पंजाब कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पंजाब में किसी भी तरीके के मनमुटाव और नेताओं के यहां रहने या न रहने का कोई भी असर नहीं पड़ने वाला। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में पिछले सभी राज्यों में मिले जनसमर्थन का रिकॉर्ड पंजाब में टूटेगा...

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) इन दिनों पंजाब में है। कांग्रेस के लिए पंजाब बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ समय में जिस तरीके से पंजाब के एक से बढ़कर एक बड़े कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर चले गए और जो नेता बचे भी उनमें से या तो कुछ जेल में हैं, या ज्यादातर देश से बाहर रहते हैं। जो नेता बचे भी हैं उनमें आपस में इतनी रार मची हुई है कि पार्टी के लिए पंजाब में संगठन को मजबूत कर पाना बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पंजाब के पुराने कांग्रेसी नेता यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कम से कम यहां पर संगठन को एक मजबूत आधार मिलेगा। वहीं पंजाब में राहुल गांधी की भारत यात्रा का कड़ा मुकाबला हरियाणा में इस यात्रा को मिले मजबूत जनाधार और भारी भीड़ से भी हो रहा है।

आठ महीने बाद विदेश से भारत आए चन्नी
पंजाब की राजनीति को करीब से समझने वाले बलविंदर सिंह पन्नू कहते हैं कि दरअसल इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि बीते कुछ समय में पंजाब में कांग्रेस की जो दशा हुई है वह किसी से छुपी नहीं है। पंजाब की राजनीति में कई बड़े कांग्रेसी दिग्गजों जिसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह से लेकर सुनील जाखड़ जैसे बड़े-बड़े नेता पार्टी को छोड़कर चले गए। इसके अलावा पार्टी के भीतर इतनी अंदरूनी लड़ाई मची कि विधानसभा का चुनाव ही कांग्रेस हार गई। पार्टी ने दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन चुनाव हारने के बाद चन्नी विदेश चले गए। पंजाब की सियासत में चर्चा यही है कि जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पंजाब पहुंचने वाली थी, तब चन्नी आठ महीने बाद विदेश से भारत आए हैं। ऐसे हालात में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा जब पंजाब में गुजर रही है, तो उसके सियासी मायने और राज्य में पार्टी की मजबूती का एक बड़ा जनाधार राहुल गांधी की इस यात्रा से जोड़ा जा रहा है।

पंजाब में टूटेगा जनसमर्थन का रिकॉर्ड!
पन्नू कहते हैं कि कांग्रेस के प्रमुख नेता नवजोत सिंह सिद्धू इस वक्त जेल में हैं। जबकि कई कांग्रेसी नेता खुलेआम आपसी विरोध में दिल्ली दरबार तक अपनी फरियाद लेकर पहुंच चुके हैं। वह कहते हैं कि वैसे तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भीड़ भी ठीक हो रही है और लोग भी जुड़ रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या पंजाब में राहुल गांधी की इस यात्रा में जुटने वाली भीड़ सही मायने में पार्टी का जनाधार मजबूत कर पाएगी या नहीं। इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है। राजनीतिक विश्लेषक तरुण पाल कहते हैं कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा हाल के दिनों में जिन राज्यों से गुजर कर आई है उसमें उत्तर प्रदेश को छोड़ दिया जाए, तो ज्यादातर उन्हीं राज्यों से निकली है जहां पर कांग्रेस के भीतर जबरदस्त मनमुटाव चल रहा है। इस मनमुटाव का असर भारत जोड़ो यात्रा पर बिल्कुल नहीं पड़ा। इसे लेकर पंजाब कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पंजाब में किसी भी तरीके के मनमुटाव और नेताओं के यहां रहने या न रहने का कोई भी असर नहीं पड़ने वाला। उनका कहना है कि आठ दिनों तक पंजाब से गुजरने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में पिछले सभी राज्यों में मिले जनसमर्थन का रिकॉर्ड पंजाब में टूटेगा।
यात्रा सफल बनाने के लिए सभी नेता एक मंच पर जुटे
वहीं सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी हो रही है कि जिस तरीके से हरियाणा में तमाम राजनीतिक उठापटक के बीच यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी नेता एक मंच पर जुट गए, तो क्या पंजाब में भी ऐसा ही होने वाला है। इसे लेकर पंजाब कांग्रेस कमेटी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि यहां पर एकजुटता की कमी तो तब होगी, जब कहीं कोई विवाद होगा। जो नेता विवादित थे पहले ही पार्टी से निकल चुके हैं। बाकी जो संगठन है मजबूती से अपने नेता की भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने में लगा हुआ है।
वहीं पंजाब में सियासी पैतरेबाजी भी उसी तरीके से चल रही है जैसी राजस्थान और हरियाणा में है। ऐसे में तमाम अंदरूनी विरोध के बाद क्या पंजाब में भारत जोड़ो यात्रा को राजस्थान, हरियाणा की तरह ही सफल बनाया जा सकेगा या नहीं। पंजाब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि कितने भी अंदरूनी मसले या आपसी गतिरोध हों, लेकिन बात जब पार्टी और नेता के इतने बड़े संकल्प को सफल बनाने की है, तो सभी लोग एकजुट हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पंजाब में सबसे सफल यात्रा के तौर पर देखी जाएगी।