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Bhargavastra: ड्रोन के झुंड का मुकाबला करेगा हमारा 'भार्गवास्त्र', गोपालपुर फायरिंग रेंज में हुआ सफल परीक्षण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: बशु जैन
Updated Wed, 14 May 2025 03:17 PM IST
सार
भार्गवास्त्र 2.5 किमी तक की दूरी तक आने वाले छोटे ड्रोन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। इसमें लगा माइक्रो रॉकेट 20 मीटर तक की घातक त्रिज्या वाले ड्रोन के झुंड को बेअसर कर सकता है। भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में 13 मई 2025 को गोपालपुर में रॉकेट के तीन परीक्षण किए गए। एक-एक रॉकेट दागकर दो परीक्षण किए गए।
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भार्गवास्त्र
- फोटो : ANI
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विस्तार
ड्रोन के झुंड का मुकाबला करने के लिए अब भारत ने भार्गवास्त्र विकसित कर लिया है। इसे सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड ने तैयार किया है। हार्ड किल मोड में तैयार हुआ कम लागत वाला यह काउंटर ड्रोन सिस्टम दुश्मन के ड्रोन का मुकाबला करेगा। काउंटर-ड्रोन सिस्टम में इस्तेमाल किए गए माइक्रो रॉकेटों का गोपालपुर के सीवर्ड फायरिंग रेंज में कठोर परीक्षण किया गया। यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा।
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में 13 मई 2025 को गोपालपुर में रॉकेट के तीन परीक्षण किए गए। एक-एक रॉकेट दागकर दो परीक्षण किए गए। इसके बाद एक परीक्षण दो सेकंड के भीतर साल्वो मोड में दो रॉकेट दागकर किया गया। सभी चार रॉकेटों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया और बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को कम करने में तकनीक की बड़ी भूमिका निभाते हुए आवश्यक लॉन्च मापदंडों को हासिल किया।
ये भी पढ़ें: ISIS से संबंध रखने के आरोपी अम्मार रहमान की जमानत रद्द करने से इनकार, कोर्ट का 'सुप्रीम' फैसला
जानिए भार्गवास्त्र की खासियत
भार्गवास्त्र 2.5 किमी तक की दूरी तक आने वाले छोटे ड्रोन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। इसमें लगा माइक्रो रॉकेट 20 मीटर तक की घातक त्रिज्या वाले ड्रोन के झुंड को बेअसर कर सकता है। जबकि इसकी दूसरी परत में लगी माइक्रो मिसाइल प्वाइंट सटीकता के लिए है। एसडीएएल ने इसमें मॉड्यूलर प्रणाली का उपयोग किया है। इसके चलते उपयोगकर्ता इसके सेंसर और शूट को नियंत्रित कर सकते हैं। नई C4I तकनीकी से बने इस हथियार का रडार छह से 10 किमी दूर से छोटे हवाई खतरों का पता लगा सकता है। यह ड्रोन मेक इन इंडिया मिशन के लिए एक और उपलब्धि है।
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#WATCH | A new low-cost Counter Drone System in Hard Kill mode 'Bhargavastra', has been designed and developed by Solar Defence and Aerospace Limited (SDAL), signifying a substantial leap in countering the escalating threat of drone swarms. The micro rockets used in this… pic.twitter.com/qM4FWtEF43
— ANI (@ANI) May 14, 2025
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भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में 13 मई 2025 को गोपालपुर में रॉकेट के तीन परीक्षण किए गए। एक-एक रॉकेट दागकर दो परीक्षण किए गए। इसके बाद एक परीक्षण दो सेकंड के भीतर साल्वो मोड में दो रॉकेट दागकर किया गया। सभी चार रॉकेटों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया और बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को कम करने में तकनीक की बड़ी भूमिका निभाते हुए आवश्यक लॉन्च मापदंडों को हासिल किया।
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जानिए भार्गवास्त्र की खासियत
भार्गवास्त्र 2.5 किमी तक की दूरी तक आने वाले छोटे ड्रोन का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। इसमें लगा माइक्रो रॉकेट 20 मीटर तक की घातक त्रिज्या वाले ड्रोन के झुंड को बेअसर कर सकता है। जबकि इसकी दूसरी परत में लगी माइक्रो मिसाइल प्वाइंट सटीकता के लिए है। एसडीएएल ने इसमें मॉड्यूलर प्रणाली का उपयोग किया है। इसके चलते उपयोगकर्ता इसके सेंसर और शूट को नियंत्रित कर सकते हैं। नई C4I तकनीकी से बने इस हथियार का रडार छह से 10 किमी दूर से छोटे हवाई खतरों का पता लगा सकता है। यह ड्रोन मेक इन इंडिया मिशन के लिए एक और उपलब्धि है।
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