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OBC Quota: 'अगर छगन भुजबल को लगता है कि ओबीसी के साथ अन्याय हुआ तो दे दें इस्तीफा'; संजय राउत ने बोला हमला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: पवन पांडेय Updated Thu, 04 Sep 2025 04:16 PM IST
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सार

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा अब न केवल आरक्षण की राजनीति, बल्कि सरकार के भीतर शक्ति संतुलन का खेल भी बन गया है। वहीं संजय राउत के बयान से छगन भुजबल पर दबाव बढ़ गया है कि वह अपने पद और समुदाय के बीच चुनाव करें, जबकि राज्य सरकार को अब ओबीसी और मराठा दोनों समुदायों को साधने की चुनौती का सामना करना होगा।

Bhujbal should resign to protect self-respect if he thinks injustice meted out to OBCs: Raut
छगन भुजबल और संजय राउत - फोटो : ANI
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शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार के फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के साथ अन्याय हुआ है, जैसा कि कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल का मानना है, तो उन्हें अपने आत्मसम्मान और नैतिकता की खातिर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। संजय राउत ने यह भी आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण आंदोलन को इस तरह आगे बढ़ाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने राजनीतिक मुश्किलें खड़ी हों।
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मराठा आरक्षण पर सरकार का फैसला और विवाद
मराठा आरक्षण आंदोलन के समर्थक मनोज जरांगे ने मंगलवार को मुंबई में पांच दिन से चल रहे अपने अनशन को तब खत्म किया जब सरकार ने उनकी ज्यादातर मांगें मान लीं। राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया, जिसमें पात्र मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी (ओबीसी) जाति प्रमाणपत्र देने का प्रावधान किया गया है। इस फैसले से मराठा समाज को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण का रास्ता मिल सकता है। लेकिन इस कदम का विरोध ओबीसी समुदाय के कुछ नेताओं, खासकर एनसीपी नेता छगन भुजबल ने किया है। उनका कहना है कि यह फैसला ओबीसी समुदाय के अधिकारों को प्रभावित करेगा।

भुजबल की नाराजगी और राउत की प्रतिक्रिया
छगन भुजबल ने बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक का बहिष्कार किया और बाद में खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने इशारा किया कि वह इस सरकारी आदेश को अदालत में चुनौती देंगे। इस पर संजय राउत ने कहा, 'छगन भुजबल खुद मानते हैं कि उनके समुदाय के साथ अन्याय हुआ है। ऐसे में वे उसी मुख्यमंत्री के साथ काम कर रहे हैं जिसने यह अन्याय किया। अगर कोई नेता सचमुच अपने समुदाय के प्रति ईमानदार है तो उसे कैबिनेट से इस्तीफा दे देना चाहिए।' 

संजय राउत ने आगे पूर्व वित्त मंत्री सीडी देशमुख का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मतभेद होने पर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा, 'आप (भुजबल) कैबिनेट मीटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं, यानी आप मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं करते। ऐसे में आत्मसम्मान और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें और जनता के सामने कारण साफ-साफ बताएं।'

मनोज जरांगे की उम्मीदें
मनोज जरांगे ने अपनी मांगों को लेकर सरकारी आदेश के बाद भरोसा जताया कि मराठा समाज को अब जल्द ही ओबीसी कोटे का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम मराठा आरक्षण की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।

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संजय राउत का एकनाथ शिंदे पर हमला
संजय राउत ने सीधे नाम लिए बिना उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, 'सरकार में कुछ लोग चाहते थे कि जरांगे अनशन खत्म न करें ताकि फडणवीस सरकार मुसीबत में पड़ जाए। शिंदे का नाम बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों को मुंबई लाने में सामने आया। उनका असली मकसद आरक्षण पाना नहीं, बल्कि फडणवीस के सामने चुनौती खड़ी करना था।' संजय राउत ने कहा कि यही वजह थी कि फडणवीस ने राजनीतिक रणनीति के तहत शिंदे को इस पूरे मुद्दे से दूरी बनाए रखने की कोशिश की।
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