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NPS: सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार की बड़ी सौगात, यूपीएस से एनपीएस में एक बार में कर सकेंगे बदलाव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: बशु जैन
Updated Mon, 25 Aug 2025 11:09 PM IST
सार
यूनिफाइड पेंशन योजना को इस वर्ष की शुरुआत में 1 अप्रैल, 2025 से केंद्र सरकार की सिविल सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था। मौजूदा सरकारी कर्मचारी जो पहले से ही एनपीएस के अंतर्गत हैं, उन्हें भी यूपीएस में शामिल होने का विकल्प दिया गया है।
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पेंशन
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
पुरानी पेंशन की मांग के बीच केंद्र सरकार ने लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। अब सरकारी कर्मचारी यूपीएस से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में एक बार में बदलाव कर सकेंगे। सरकार ने कहा कि यह सुविधा एकतरफा होगी। एक बार यूपीएस से एनपीएस में जाने के बाद कर्मचारी यूपीएस में वापस नहीं जा सकेंगे।
यूनिफाइड पेंशन योजना की शुरुआत
यूनिफाइड पेंशन योजना को इस वर्ष की शुरुआत में 1 अप्रैल, 2025 से केंद्र सरकार की सिविल सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था। मौजूदा सरकारी कर्मचारी जो पहले से ही एनपीएस के अंतर्गत हैं, उन्हें भी यूपीएस में शामिल होने का विकल्प दिया गया है। मार्च 2025 में पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने यूपीएस के लिए आवश्यक नियम जारी किए थे। 20 जुलाई तक लगभग 31,555 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का विकल्प चुना है। इस योजना के तहत नामांकन की अंतिम तिथि 30 सितंबर है।
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा
वित्त मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि यूपीएस से एनपीएस में एकबारगी, एकतरफा स्विच सुविधा उन सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जाएगी, जिन्होंने यूपीएस का विकल्प चुना है। सरकार ने कहा कि यूपीएस लेने वाले कर्मचारी स्विच सुविधा का उपयोग किसी भी समय कर सकते हैं। यह सेवानिवृत्ति की तारीख से एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में सेवानिवृत्ति की अनुमानित तारीख से तीन महीने पहले हो सकता है।
सरकार ने यूपीएस के अंतर्गत सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी का लाभ भी बढ़ा दिया है। वहीं एनपीएस के तहत यूपीएस का विकल्प चुनने वाले सरकारी कर्मचारी सेवा के दौरान सरकारी कर्मचारी की मृत्यु या अमान्यता या विकलांगता के आधार पर उसकी सेवामुक्ति की स्थिति में सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 या सीसीएस (असाधारण पेंशन) नियम, 2023 के तहत लाभ प्राप्त करने के विकल्प के लिए भी पात्र होंगे। सरकार ने आयकर अधिनियम,1961 के तहत एनपीएस के समान ही यूपीएस को भी कर लाभ प्रदान किया है।
एनपीएस में मिलने वाला लाभ
अभी एनपीएस में योगदान करने वाले कर्मचारियों को धारा 80 सीसीई के तहत 1.50 लाख रुपये की कुल सीमा के भीतर धारा 80 सीसीडी (1) के तहत वेतन (मूल और डीए) के 10 फीसदी तक कर छूट मिलती है। इसके अलावा धारा 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये तक और कर छूट मिलती है। धारा 80 सीसीडी (2) के तहत नियोक्ता के योगदान किए गए वेतन (मूल और डीए) के 10 फीसदी तक कर छूट मिलती है। वहीं ऐसा योगदान अगर केंद्र सरकार ने किया हो, तो 80 सीसीई के तहत 1.50 लाख रुपये की कुल सीमा के बाद भी 14 फीसदी तक कर छूट मिलती है।
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यूनिफाइड पेंशन योजना की शुरुआत
यूनिफाइड पेंशन योजना को इस वर्ष की शुरुआत में 1 अप्रैल, 2025 से केंद्र सरकार की सिविल सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था। मौजूदा सरकारी कर्मचारी जो पहले से ही एनपीएस के अंतर्गत हैं, उन्हें भी यूपीएस में शामिल होने का विकल्प दिया गया है। मार्च 2025 में पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने यूपीएस के लिए आवश्यक नियम जारी किए थे। 20 जुलाई तक लगभग 31,555 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का विकल्प चुना है। इस योजना के तहत नामांकन की अंतिम तिथि 30 सितंबर है।
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वित्त मंत्रालय ने क्या कहा
वित्त मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि यूपीएस से एनपीएस में एकबारगी, एकतरफा स्विच सुविधा उन सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जाएगी, जिन्होंने यूपीएस का विकल्प चुना है। सरकार ने कहा कि यूपीएस लेने वाले कर्मचारी स्विच सुविधा का उपयोग किसी भी समय कर सकते हैं। यह सेवानिवृत्ति की तारीख से एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में सेवानिवृत्ति की अनुमानित तारीख से तीन महीने पहले हो सकता है।
सरकार ने यूपीएस के अंतर्गत सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी का लाभ भी बढ़ा दिया है। वहीं एनपीएस के तहत यूपीएस का विकल्प चुनने वाले सरकारी कर्मचारी सेवा के दौरान सरकारी कर्मचारी की मृत्यु या अमान्यता या विकलांगता के आधार पर उसकी सेवामुक्ति की स्थिति में सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 या सीसीएस (असाधारण पेंशन) नियम, 2023 के तहत लाभ प्राप्त करने के विकल्प के लिए भी पात्र होंगे। सरकार ने आयकर अधिनियम,1961 के तहत एनपीएस के समान ही यूपीएस को भी कर लाभ प्रदान किया है।
एनपीएस में मिलने वाला लाभ
अभी एनपीएस में योगदान करने वाले कर्मचारियों को धारा 80 सीसीई के तहत 1.50 लाख रुपये की कुल सीमा के भीतर धारा 80 सीसीडी (1) के तहत वेतन (मूल और डीए) के 10 फीसदी तक कर छूट मिलती है। इसके अलावा धारा 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये तक और कर छूट मिलती है। धारा 80 सीसीडी (2) के तहत नियोक्ता के योगदान किए गए वेतन (मूल और डीए) के 10 फीसदी तक कर छूट मिलती है। वहीं ऐसा योगदान अगर केंद्र सरकार ने किया हो, तो 80 सीसीई के तहत 1.50 लाख रुपये की कुल सीमा के बाद भी 14 फीसदी तक कर छूट मिलती है।