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Dhankhar Resignation: 'पर्दे के पीछे बड़ी राजनीति चल रही', उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर विपक्ष का सरकार पर हमला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: बशु जैन Updated Tue, 22 Jul 2025 11:34 AM IST
सार

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अपने पद से इस्तीफे का एलान कर दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजी गई चिट्ठी में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा कि अपनी देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए वह अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं। 

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'Big politics is going on behind the scenes', opposition attacks government on Vice President's resignation
जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति - फोटो : X @VPIndia
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विस्तार
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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मुद्दे पर विपक्ष भी एकजुट हो गया है। तमाम विपक्षी नेताओं ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार को घेरा है। शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि यह साधारण घटना नहीं है। पर्दे के पीछे बड़ी राजनीति चल रही है। जबकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे उपराष्ट्रपति का निजी फैसला बताया। अन्य विपक्षी नेताओं ने भी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के घटनाक्रम को चौंकाने वाला बताया है। 
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शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि पर्दे के पीछे बड़ी राजनीति चल रही है। जल्द ही इसका खुलासा होगा। उपराष्ट्रपति का इस्तीफा कोई साधारण घटना नहीं है। मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि यह स्वास्थ्य के कारण दिया गया है। मैं कल उनको देख रहा था। वह ठीक हैं। सितंबर में जरूर कुछ होगा।
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शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अपनी खराब सेहत के बावजूद वह संसदीय कार्यवाही का संचालन करते रहे। यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने इतने चौंकाने वाले तरीके से इस्तीफा दिया है और उम्मीद है कि हमें और जानकारी मिलेगी। सदन की कार्यवाही और उपराष्ट्रपति व सभापति के रूप में उनके काम में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के ट्वीट पर उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार सदन के पक्षपातपूर्ण संचालन के कारण संसद के 50 से ज्यादा सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पक्षपाती थे। यह सरकार को बताना है कि अचानक इस्तीफे का कारण क्या था, क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक लग रहा था।

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। यह उनका निजी फैसला है। उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि कोई अपना वोट डाले। बिहार में इसी तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा ने भारत के चुनाव आयोग और प्रशासन के साथ मिलीभगत करके बड़ी संख्या में वोट काटे हैं। मुझे नहीं पता कि भाजपा के लोग बूथों पर कौन सी मशीन रखते हैं जो वे पांच मिनट में वोटर आईडी, आधार कार्ड देते हैं। सरकार को इस पर गौर करना चाहिए।

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि कल ऐसा नहीं लगा कि वह बीमार हैं। कल रात जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैं स्तब्ध रह गया। उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया। इसलिए मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह स्वस्थ और प्रसन्न रहें। डीएमके सांसद टीआर बालू ने उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा कि दबाव के कारण ऐसा हुआ है। 

कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर राज्यसभा नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केवल वही कारण जानते हैं। हमें इस पर कुछ नहीं कहना है। या तो सरकार जानती है या वह जानते हैं। उनका इस्तीफा स्वीकार करना या न करना सरकार पर निर्भर है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि सबसे पहले मैं भारत के उपराष्ट्रपति के स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं। उनका इस्तीफा एक पहेली बना हुआ है जो इस समय एक रहस्य और पहेली में लिपटा हुआ है। क्योंकि जिन परिस्थितियों या जिस अचानक तरीके से उन्होंने बिना किसी अन्य परिस्थिति के इस्तीफा दिया, वह बेहतर शब्द के अभाव में पेचीदा है और उपराष्ट्रपति के स्वास्थ्य में दखलंदाजी नहीं करना चाहता। अगर यह कोई स्वास्थ्य संबंधी मुद्दा है, तो यह मददगार होगा कि चूंकि वह दूसरे सर्वोच्च सांविधानिक पद पर हैं, अगर वह उन परिस्थितियों पर कुछ प्रकाश डालें जिनके कारण यह निर्णय लिया गया।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उपराष्ट्रपति का इस्तीफा अचानक और दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि जिस तरह से वह कल बैठकों की अध्यक्षता कर रहे थे,और आज भी उन्होंने राज्यसभा में बिज़नेस सलाहकार समिति की बैठक की। इसलिए हमारी तरफ से हम उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं, लेकिन कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार और उपराष्ट्रपति के बीच संबंध पहले जैसे नहीं रहे। क्योंकि कल की बीएसी बैठक में केंद्रीय मंत्री भी मौजूद नहीं थे। अभी तक प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। हम केंद्र सरकार से भी स्पष्टीकरण चाहते हैं कि क्या उन्हें पहले से जानकारी थी कि उपराष्ट्रपति अपने स्वास्थ्य के कारण इस्तीफा देने वाले हैं और अगर उन्हें जानकारी नहीं थी, तो इस तरह का भ्रम क्यों? हम यह जानना चाहते हैं।
 
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