Seat Ka Samikaran: किसी को लगातार दो बार नहीं चुनता था बोधगया, 2020 में बदला चलन, ऐसा है इसका चुनावी इतिहास
बिहार की विधानसभा सीटों से जुड़ी खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज बात बोधगया सीट की करेंगे। इस सीट पर मौजूदा समय में राजद के कुमार सर्वजीत विधायक हैं।

विस्तार
बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच बिहार में चुनाव से पहले ही सियासी हलचल देखने को मिल रही है। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। इस सियासी हलचल के बीच अमर उजाला की खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज गया बोधगया की बात करेंगे। इस सीट मौजूदा समय में राजद के कुमार सर्वजीत विधायक हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी यहां से विधायक रह चुके हैं।

बिहार के 38 जिलों में से एक जिला गया भी है। गया जिला चार अनुमंडल और 24 ब्लॉक में बंटा है। जिले में दस विधानसभा सीट हैं। इनमें गरुआ, शेरघाटी, इमामगंज (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोधगया (एससी) ,गया टाउन, टिकारी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज शामिल हैं। आज सीट का समीकरण में गया टाउन सीट की बात करेंगे। यह सीट पहली बार 1957 में अस्तित्व में आई।
1957: कांग्रेस को मिली जीत
- 1952 के चुनाव में बोधगया सह परीवा नाम की सीट थी। उस चुनाव में यहां से दो विधायक चुने गए थे। जीतने वाले दोनों विधायक कांग्रेस के थे। जो दो चेहरे विधानसभा पहुंचे उनमें रामेश्वर मांझीऔर जुगेश्वर प्रसाद खालिश शामिल थे।
- 1957 के चुनाव में बोधगया नाम की सीट अस्तित्व में आई। इस चुनाव में कांग्रेस की शांति देवी को जीत मिली। इस चुनाव में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार भागवत पंडित शर्मा को 3,128 वोट से हराया। शांति देवी को 6,637 वोट मिले। वहीं, भागवत पंडित को 3,509 वोट मिले।
1962: स्वतंत्र पार्टी को मिली जीत
1962 के चुनाव में स्वतंत्र पार्टी के कुलदीप महतो को 4,617 वोट से जीत मिली। इस चुनाव में तत्कालीन विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार शांति देवी दूसरे नंबर पर रहीं। कुलदीप महतो को 12,304 वोट मिले। शांति देवी को 7,687 वोट से संतोष करना पड़ा।
1967: कांग्रेस की वापसी
1967 के चुनाव में बोधगया सीट पर कांग्रेस की वापसी हुई। यहां से कांग्रेस के आर. मांझी को जीत मिली। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार बी.एल प्रसाद को 2,822 वोट से हराया। आर. मांझी को कुल 10,116 वोट मिले। वहीं, बी.एल प्रसाद को 7,294 वोट मिले।
1969: जनसंघ को मिली जीत
1969 के चुनाव में बोधगया सीट से जनसंघ के काली राम को जीत मिली। उन्होंने रामेश्वरम मांझी को 1,829 वोट मात दी। काली राम को कुल 10,312 वोट मिले। वहीं, रामेश्वरम मांझी को 8,483 वोट मिले।
1972: भाकपा को मिली जीत
1972 के चुनाव में भाकपा के बालिक राम को 6,504 वोट से जीत मिली। इस चुनाव में कांग्रेस (ओ) के युमना प्रसाद दूसरे नंबर पर रहे। बालिक राम को 15,685 वोट मिले। वहीं युमना प्रसाद को 9,181 वोट से संतोष करना पड़ा।
1977: जनता पार्टी को मिली जीत
आपातकाल के बाद 1977 में चुनाव हुए। इस चुनाव में बोधगया सीट से जनता पार्टी के राजेश कुमार को जीत मिली। उन्होंने भाकपा के बालिक राम को 16,003 वोट से हराया। राजेश कुमार को 34,082 वोट मिले। वहीं, बालिक राम को 18,079 वोट मिले।
1980: बालिक राम को मिली जीत
1980 के चुनाव में भाकपा के बालिक राम ने जनता पार्टी के राजेश कुमार को मात्र 115 वोट से हराया था। इस चुनाव में बालिक राम को 21,913 वोट मिले। वहीं, राजेश कुमार को 21,798 वोट मिले।
1985: लोकदल को मिली जीत
1985 के चुनाव में लोकदल के राजेश कुमार को जीत मिली। इस चुनाव में उन्होंने भाकपा के बालिक राम को 25,066 वोट से हराया। राजेश कुमार को 40,227 वोट मिले। वहीं, बालिक राम को 15,161 वोट मिले।
1990: भाकपा को मिली जीत
1990 के चुनाव में बोधगया सीट से भाकपा के बालिक राम को जीत मिली। उन्होंने जनता दल के राजेश कुमार को 5,238 वोट से शिकस्त दी। बालिक राम को 45,589 वोट मिले। वहीं, राजेश कुमार को 40,351 वोट मिले।
1995: निर्दलीय उम्मीदवार को मिली जीत
1995 के चुनाव में बोधगया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार मालती देवी को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के राम उदय प्रसाद को 11,139 वोट से हराया। इस चुनाव में मालती देवी को 28,403 वोट मिले। वहीं, राम उदय प्रसाद को मात्र 17,264 वोट मिले।
1998: राजद को मिली जीत
1998 में बोधगया सीट पर उपचुनाव हुआ। इस चुनाव में यहां से राजद के जीएस रामचंद्र दास को जीत मिली।
2000 : जीतन राम मांझी को मिली जीत
2000 के चुनाव में बोधगया सीट से जीतन राम मांझी को जीत मिली। उन्होंंने यह चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा था। इस चुनाव उन्होंंने भाजपा के कृष्णा कुमार चौधरी को 21,557 वोट से हराया। इस चुनाव में जीतन राम मांझी को 41,298 वोट मिले। वहीं, कृष्णा कुमार को 19,741 वोट मिले।
फरवरी 2005: राजद को मिली जीत
फरवरी 2005 के चुनाव में राजद के फूलचंद्र मांझी को 23,398 वोट से जीत मिली। इस चुनाव में उन्होंने लोजपा के मौजू राम को मात दिया। फूलचंद्र मांझी को कुल 45,164 वोट मिले। वहीं, मौजू राम को 21,766 वोट मिले।
अक्तूबर 2005: भाजपा को पहली जीत मिली
अक्तूबर के चुनाव में बोधगया सीट से भाजपा के हरि मांझी को जीत मिली। उन्होंने तत्कालीन विधायक फूलचंद्र को 1,713 वोट से शिकस्त दी। इस चुनाव में हरि मांझी को कुल 25,383 वोट मिले। वहीं, फूलचंद्र को 23,670 वोट मिले। हरि मांझी गया लोकसभा सीट से सांसद भी रहे चुके हैं।
2009 : लोजपा को मिली जीत
2009 में बोधगया सीट पर उपचुनाव हुआ। इस चुनाव में लोजपा के कुमार सर्वजीत को जीत मिली।
2010: भाजपा की वापसी
2010 के चुनाव में बोधगया सीट से भाजपा ने वापसी की। इस चुनाव में श्याम देव पासवन ने तत्कालीन विधायक कुमार सर्वजीत को 11,213 वोट से हराया। श्याम देव को कुल 54,160 वोट मिले। वहीं, कुमार सर्वजीत को 42,947 वोट मिले।
2015 : सर्वजीत की वापसी
- 2015 के चुनाव में राजद के सर्वजीत ने पिछले चुनाव का बदला लेत हुए भाजपा के श्याम देव पासवान को 30,473 वोट से हराया। इस चुनाव में कुमार सर्वजीत को कुल 82,656 वोट मिले। वहीं, श्याम देव को कुल 52,183 वोट मिले।
- 2020 के चुनाव में कुमार सर्वजीत बोधगया के लगातार दूसरी बार विधायक बने वाले पहले व्यक्ति बने। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के हरि मांझी को 4,708 वोट से हराया। कुमार सर्वजीत को कुल 80,926 वोट मिले। वहीं, हरि मांझी को 76,218 वोट मिले। सर्वजीत बिहार सरकार में कृषि मंत्री और पर्यटन मंत्री रहे चुके हैं।
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