{"_id":"68a82e5f0b396f92ba03eaa5","slug":"bihar-sir-supreme-court-expresses-surprise-over-political-parties-for-not-correcting-of-names-of-deleted-voter-2025-08-22","type":"story","status":"publish","title_hn":"SIR: मतदाता सूची से बाहर लोग आधार कार्ड समेत 11 दस्तावेजों से कर सकते हैं आवेदन, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
SIR: मतदाता सूची से बाहर लोग आधार कार्ड समेत 11 दस्तावेजों से कर सकते हैं आवेदन, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 22 Aug 2025 02:16 PM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार की सभी 12 राजनीतिक पार्टियों को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी करने चाहिए कि वे लोगों की मदद करें, उन्हें जागरूक करें, ताकि लोग मतदाता सूची से नाम कटने की स्थिति में ऑनलाइन आवेदन कर सकें।
विज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई
विज्ञापन
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एसआईआर के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से बाहर हुए हैं, वे ऑनलाइन तरीके से आवेदन कर सकते हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आवेदनकर्ताओं को आधार कार्ड के साथ ही 11 अन्य दस्तावेजों के साथ आवेदन करने की मंजूरी दे दी।
चुनाव आयोग को अभी तक मिलीं सिर्फ दो आपत्तियां
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जाहिर की कि राजनीतिक पार्टियां मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख लोगों के नामों पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आ रही हैं? सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों की निष्क्रियता पर हैरानी जताई। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने बताया कि 85 हजार नए मतदाता वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं। साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट्स के जरिए अभी तक सिर्फ दो आपत्ति दर्ज कराई गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोई भी व्यक्ति खुद से या राजनीतिक पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट्स की मदद से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है और उन्हें भौतिक तौर पर फार्म जमा करने की जरूरत नहीं है। अदालत ने कहा कि आवेदन में फार्म 6 के साथ आवेदक आधार कार्ड समेत 11 दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज जमा कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार की सभी 12 राजनीतिक पार्टियों को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी करने चाहिए कि वे लोगों की मदद करें, उन्हें जागरूक करें, ताकि लोग मतदाता सूची से नाम कटने की स्थिति में ऑनलाइन आवेदन कर सकें।
अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी
पीठ ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट जमा करनी होगी, जिसमें उन्हें बताना होगा कि उन्होंने कितने लोगों की ऑनलाइन फॉर्म भरने में मदद की। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई अब 8 सितंबर को तय की है। पीठ ने चुनाव अधिकारियों से ये भी कहा कि बूथ लेवल एजेंट्स द्वारा आवेदन कराए जाने पर उन्हें एक पर्ची भी दी जाए। चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने अदालत से आग्रह किया कि चुनाव आयोग को यह साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए कि कोई भी मतदाता सूची से बाहर नहीं है। द्विवेदी ने कहा, 'राजनीतिक दल शोर मचा रहे हैं, लेकिन स्थिति उतनी खराब नहीं है। हम पर विश्वास रखें और हमें कुछ और समय दें। हम आपको दिखा देंगे कि कोई भी मतदाता सूची से बाहर नहीं है।'
ये भी पढ़ें- SC: 'नसबंदी के बाद कुत्तों को छोड़ दें, आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए', सुप्रीम कोर्ट का फैसला
एसआईआर में 65 लाख मतदाताओं के कटे नाम
14 अगस्त को, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का विवरण 19 अगस्त तक प्रकाशित करे ताकि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में पारदर्शिता बढ़ाई जा सके और पहचान प्रमाण के लिए आधार कार्ड को एक स्वीकार्य दस्तावेज के रूप में अनुमति दी जा सके। बिहार में मतदाता सूची के संशोधन, जो 2003 के बाद पहली बार हुआ है, उसने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। एसआईआर के बाद बिहार में पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या, जो इस प्रक्रिया से पहले 7.9 करोड़ थी, घटाकर 7.24 करोड़ रह गई है।
Trending Videos
चुनाव आयोग को अभी तक मिलीं सिर्फ दो आपत्तियां
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जाहिर की कि राजनीतिक पार्टियां मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख लोगों के नामों पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आ रही हैं? सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों की निष्क्रियता पर हैरानी जताई। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने बताया कि 85 हजार नए मतदाता वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं। साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट्स के जरिए अभी तक सिर्फ दो आपत्ति दर्ज कराई गई हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोई भी व्यक्ति खुद से या राजनीतिक पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट्स की मदद से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है और उन्हें भौतिक तौर पर फार्म जमा करने की जरूरत नहीं है। अदालत ने कहा कि आवेदन में फार्म 6 के साथ आवेदक आधार कार्ड समेत 11 दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज जमा कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार की सभी 12 राजनीतिक पार्टियों को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी करने चाहिए कि वे लोगों की मदद करें, उन्हें जागरूक करें, ताकि लोग मतदाता सूची से नाम कटने की स्थिति में ऑनलाइन आवेदन कर सकें।
अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी
पीठ ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट जमा करनी होगी, जिसमें उन्हें बताना होगा कि उन्होंने कितने लोगों की ऑनलाइन फॉर्म भरने में मदद की। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई अब 8 सितंबर को तय की है। पीठ ने चुनाव अधिकारियों से ये भी कहा कि बूथ लेवल एजेंट्स द्वारा आवेदन कराए जाने पर उन्हें एक पर्ची भी दी जाए। चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने अदालत से आग्रह किया कि चुनाव आयोग को यह साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए कि कोई भी मतदाता सूची से बाहर नहीं है। द्विवेदी ने कहा, 'राजनीतिक दल शोर मचा रहे हैं, लेकिन स्थिति उतनी खराब नहीं है। हम पर विश्वास रखें और हमें कुछ और समय दें। हम आपको दिखा देंगे कि कोई भी मतदाता सूची से बाहर नहीं है।'
ये भी पढ़ें- SC: 'नसबंदी के बाद कुत्तों को छोड़ दें, आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए', सुप्रीम कोर्ट का फैसला
एसआईआर में 65 लाख मतदाताओं के कटे नाम
14 अगस्त को, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का विवरण 19 अगस्त तक प्रकाशित करे ताकि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में पारदर्शिता बढ़ाई जा सके और पहचान प्रमाण के लिए आधार कार्ड को एक स्वीकार्य दस्तावेज के रूप में अनुमति दी जा सके। बिहार में मतदाता सूची के संशोधन, जो 2003 के बाद पहली बार हुआ है, उसने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। एसआईआर के बाद बिहार में पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या, जो इस प्रक्रिया से पहले 7.9 करोड़ थी, घटाकर 7.24 करोड़ रह गई है।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन