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Waqf Law: वक्फ कानून में संशोधन विधेयक में व्यापक बदलाव, अधिनियम का नाम बदलने का प्रस्ताव

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विशांत श्रीवास्तव Updated Wed, 07 Aug 2024 05:04 AM IST
सार

वक्फ बोर्ड विधेयक में व्यापक बदलाव को लेकर प्रस्ताव दिए गए हैं। इसमें अधिनियम का नाम बदलने के लिए भी कहा गया है।

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Bill to amend Waqf law proposes sweeping changes, rename Act
वक्फ बोर्ड। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने के लिए एक विधेयक में वर्तमान अधिनियम में बदलावों के लिए प्रस्ताव दिया गया है। इस बदलावों में निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करना शामिल है।

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विधेयक में बोहरा और आगाखानियों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड की स्थापना का भी प्रस्ताव है। मसौदा कानून मुस्लिम समुदायों के बीच शिया, सुन्नी, बोहरा, आगखानी और अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान है।
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इसका एक उद्देश्य केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार उत्परिवर्तन के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया करनी पड़ेगी। 

नियमन आवश्यक क्यों?
केंद्र सरकार की राय है कि यदि वक्फ की संपत्तियों का सरकार के पास रजिस्ट्रेशन हो, तो इस तरह के विवादों से बचा जा सकेगा। वक्फ की एक बेशकीमती संपत्ति को वक्फ बोर्ड के कुछ सदस्यों के द्वारा गलत तरीके से बेचे जाने का मामला भी इस समय अदालत में लंबित है। केंद्र की राय है कि यदि वक्फ की संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन होगा तो इसको गलत तरीके से बेचा-खरीदा नहीं जा सकेगा। इसका सदुपयोग गरीब मुसलमानों के हितों में किया जा सकेगा। इसे देखते हुए केंद्र सरकार वक्फ की सभी चल-अचल संपत्ति को सरकारी दस्तावेजों में लिखित करना चाहती है।     

बातचीत नहीं की गई- AIMPLB
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास ने अमर उजाला से कहा कि वक्फ बोर्ड के लिए 1954 में पहली बार कानून बना था। इसके बाद 1995 और 2013 में भी इसमें बदलाव किया गया था। 2013 में इसमें बदलाव के पहले आम मुसलमानों से बातचीत कर इसे ज्यादा बेहतर बनाने की बात कही गई थी, लेकिन इस सरकार ने वक्फ बोर्ड में बदलाव करने के पहले किसी से कोई बातचीत नहीं की है। ऐसे में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नए बदलावों में सरकार वक्फ बोर्ड में क्या-क्या परिवर्तन करना चाहती है। बातचीत न होने के कारण ही सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।


 
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