Biparjoy Cyclone: गृह मंत्रालय की रणनीति से महातूफान को ऐसे दी टक्कर, जान-माल के नुकसान में 98 फीसदी की कमी
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विस्तार
गुजरात में 15 जून को आए चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार और विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर जो रणनीति तैयार की, उसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। गृह मंत्रालय की सटीक रणनीति से 'बिपरजॉय' के चलते कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। भारत सरकार, राज्य सरकार, एनडीआरएफ और सभी संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतरीन समन्वय का नतीजा ये रहा है कि अब इस तरह की आपदा में होने वाले जान-माल के नुकसान में लगभग 98 फीसदी की कमी आ गई है। केंद्र सरकार ने अमूल्य जानें बचाने में सफलता हासिल की है। इतना ही नहीं, मानव के साथ-साथ पशुओं की जानें बचाने में बड़ी सफलता प्राप्त हुई है।
यह वीडियो देखें: Biparjoy Cyclone Status | Formation Of Cyclone | क्यों अरब सागर में बनने लगे खतरनाक चक्रवाती तूफान ?
जीरो कैज़ुअल्टी सुनिश्चित करने की कटिबद्धता
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और गृह मंत्री अमित शाह के सक्षम मार्गदर्शन में इतने बड़े तूफान से निपटने में हासिल हुई सफलता, असल में देश के मजबूत और सफल आपदा प्रतिरोध और आपदा प्रबंधन की कहानी है। जान-माल का नुकसान कम से कम होने का भारत सरकार का दृढ़ संकल्प भी इन प्रयासों में साफ झलकता है। आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिये गठबंधन 'आईसीडीआरआई' के गठन से लेकर एनडीआरएफ के सुदृढ़ीकरण और विस्तार के लिए उठाए गए कदमों में आपदा के दौरान जीरो कैजुअल्टी सुनिश्चित करने की मोदी सरकार की कटिबद्धता देखी जा सकती है। गृह मंत्रालय के अनवरत प्रयासों से चक्रवातों के कारण जान-माल के नुकसान में लगभग 98 फीसदी की कमी आई है। पहले, भारत में आपदा के प्रति सरकारों का दृष्टिकोण आपदा के बाद राहत का होता था, लेकिन आज अप्रोच आपदा से पहले की तैयारियों से जीरो कैज़ुअल्टी सुनिश्चित करने की है।
एनडीआरएफ के तहत जारी हुए 76 हजार करोड़ रुपये
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना शुरू की है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन संबंधी सभी एजेंसियों और विभागों के बीच होरिजेंटल एवं वर्टिकल एकीकरण कर भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को एक मैट्रिक्स प्रारूप में निर्धारित किया गया है। आपदा प्रबंधन की दिशा में सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए हैं। वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक, एनडीआरएफ के तहत 76 हजार करोड़ रूपए और एसडीआरएफ के लिए 1 लाख 7 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। यह राशि 2005-06 से 2013-14 की समयावधि में जारी की गई राशि की तुलना में तीन गुना से भी अधिक है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा फरवरी, 2021 में नेशनल डिजास्टर मिटीगेशन फंड का गठन और इसके अंतर्गत 13,693 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। इसके अलावा राज्य डिजास्टर मिटीगेशन निधि के अंतर्गत 32,031 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है।
28 शहरों में बतौर रीजनल रेस्पॉंस सेंटर तैनात है एनडीआरएफ
एनडीआरएफ बल की सक्रिय उपलब्धता के लिए पहले से तैनाती की नीति के तहत 26 राज्यों में बल की तैनाती की गई है। साथ ही, तत्काल राहत प्रदान करने के लिए एनडीआरएफ की अतिरिक्त वाहिनियों की स्थापना (वर्तमान में एनडीआरएफ की 16 ऑपरेशनल वाहिनियां हैं)। एनडीआरएफ की टीमें, देश के 28 शहरों में रीजनल रेस्पॉंस सेंटर के रूप में काम कर रही हैं। एनडीआरएफ की टीम की मौजूदगी और उनकी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को सुचारू किया गया है। सभी राज्यों में एसडीआरएफ का गठन किया गया। गृह मंत्रालय द्वारा अब प्रोएक्टिव रूप से प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद और राज्य सरकार के ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बिना ही इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी टीम को भेजा जा रहा है। पिछले चार वर्षों में विभिन्न राज्यों में 73 ऐसी टीमें भेजी गई हैं। इन्हें आपदा के 10 दिनों के अंदर भेज दिया जाता है।
250 करोड़ रुपये से तैयार राष्ट्रीय आपदा मोचन रिजर्व
गृह मंत्रालय ने आपदा के तुरंत बाद तत्काल राहत प्रदान करने के लिए अपेक्षित सामग्री सूची को तैयार रखने के मकसद से 250 करोड़ रुपये के रेवॉल्विंग फंड के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन रिजर्व बनाया गया है। आपदा मित्र योजना को 350 बहु-जोखिम आपदा संभावित जिलों में लागू किया गया है। इसका लक्ष्य देशभर में 1 लाख से ज्यादा युवाओं को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित किया जाना है। इन सभी का केंद्र सरकार द्वारा जीवन बीमा भी किया जाएगा। कुल 369.41 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आपदा मित्र योजना को मंज़ूरी दी गई। कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकाल, गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मार्च 2021 में 354 करोड़ रुपये के परिव्यय से आपदा के संबंध में मोबाइल फोन के जरिए भौगोलिक स्थिति आधारित तत्काल अलर्ट मुहैया कराने का काम शुरू किया गया। आपदा से हुए नुकसान पर क्षेत्रवार डाटा एकत्र करने और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क (एसएफडीआरआर) के चार लक्ष्यों के तहत विभिन्न इंडीकेटर्स पर प्रगति की निगरानी के लिए एक व्यापक ऑनलाइन मॉड्यूल के विकास के लिए 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली' पोर्टल आरंभ किया गया है।