BJP: हिंदुत्व और विकास, इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी भाजपा, संभल में कल्कि धाम के कार्यक्रम में मिला इशारा
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विस्तार
17-18 फरवरी के राष्ट्रीय अधिवेशन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने अपना चुनावी बिगुल फूंक दिया है। राष्ट्रीय अधिवेशन में ही इस बात के संकेत मिल गए थे कि भाजपा इस बार हिंदुत्व और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। राष्ट्रीय अधिवेशन के ठीक अगले दिन 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल क्षेत्र में पहुंचे। यहां कल्कि धाम के मंदिर की नींव रखते हुए भी उन्होंने लोगों को यह याद दिलाया कि राम मंदिर के निर्माण के साथ ही भारत के एक हजार साल के नये युग की नींव रखी जा चुकी है। यही बात भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में राम मंदिर पर पास हुए प्रस्ताव में भी कही गई है।
मुस्लिम बहुल इलाके संभल में मोदी ने लोगों को यह याद दिलाया कि भगवान विष्णु के दस अवतारों में हर रूप में भगवान को देखने की कोशिश की गई है। उन्होंने इसे हिंदू संस्कृति की व्यापक सोच बताया, जो हर वर्ग को अपने साथ लेकर चलने का विचार रखता है। पीएम नरेंद्र मोदी का यह बयान उनकी ओर से मुस्लिम मतदाताओं को यह भरोसा देने की कोशिश हो सकता है कि वे उनके अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए भी पूरी तरह समर्पित हैं।
चूंकि, अरब देश मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। मुसलमान रोजगार के साथ-साथ अपनी धार्मिक सोच के प्रमाणीकरण के लिए भी अरब देशों की ओर ही देखते हैं, मोदी ने संभल की धरती से उन्हें यह भी याद दिलाया कि उन्हें अरब देश में एक मंदिर बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यूएई में एक मंदिर के निर्माण को मुस्लिम देशों का दूसरे धर्मों के प्रति अब उदार रुख अपनाने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यह याद दिलाने के साथ ही इशारों-इशारों में पीएम मोदी ने अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को सबके साथ मिलजुलकर रहने की बात भी कह दी है। देश की तरक्की का रास्ता इसी जरिए आ सकता है।
कांग्रेस-सपा पर इशारों में हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन्हें बताया था कि उन्हें इस मंदिर के निर्माण के लिए लगातार रोका जा रहा था। कहा जा रहा था कि यदि उस क्षेत्र में मंदिर बनाया जाएगा, तो वहां की सांप्रदायिक स्थिति खराब हो जाएगी। लेकिन अब वे भाजपा की केंद्र सरकार में बेहद खुशी के साथ मंदिर का निर्माण कर पा रहे हैं। बिना किसी दल या नेता का नाम लिए मोदी ने इशारों-इशारों में यह हमला यूपीए की केंद्र की सरकार और यूपी की समाजवादी सरकार पर किया जिन पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगते रहे हैं। चूंकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की बहुत अच्छी आबादी है, पीएम का यह बयान बहुत सोचा-समझा हुआ राजनीतिक हमला माना जा रहा है।
क्या राहुल गांधी पर किया हमला
मोदी ने अपने संबोधन में लोगों को यह याद दिलाया कि ऐसा लगता है जैसे कुछ अच्छे कार्यों को केवल उन्हीं के लिए छोड़ा गया है। माना जा रहा है कि यह सांकेतिक हमला कांग्रेस नेताओं के ऊपर था। चूंकि, कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम एक कांग्रेसी नेता हैं, और यदि कांग्रेस चाहती तो इस मंदिर की नींव कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी या सोनिया गांधी के द्वारा रखने की रणनीति अपनाई जा सकती थी। इससे राहुल गांधी की हिंदू धर्म को लेकर की जा रही पेशबंदी कहीं ज्यादा मजबूत होती, लेकिन ऐसा न हो पाना कांग्रेस की रणनीतिक कमजोरी को दिखाता है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम किसके?
इस कार्यक्रम के साथ ही यह सवाल और ज्यादा गहरा हो गया है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम कब भाजपा ज्वाइन करेंगे। उन्हें पार्टी विरोधी बयानबाजी करने के आरोप में पार्टी से छह साल के लिए निकाला जा चुका है, ऐसे में माना जा रहा है कि देर-सबरे वे भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभल में मंच से आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम लेकर उनका महत्त्व बढ़ाया, माना जा रहा है कि भाजपा एक सही अवसर पर उनका इस्तेमाल करेगी।
मुसलमानों का रुझान तय करेगा पश्चिमी यूपी में भाजपा का भविष्य
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी शानदार सफलता हासिल की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे सबसे ज्यादा नुकसान इसी इलाके में हुआ था। लेकिन यदि मुसलमान मतदाताओं का एक वर्ग उसके प्रति आकर्षित हो जाता है तो उसका काम आसान हो सकता है।
एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि मुसलमान मतदाताओं ने पांच से आठ फीसदी के करीब भाजपा का समर्थन 2014 के लोकसभा चुनाव और 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में किया है, यदि यह समर्थन भाजपा के पक्ष में थोड़ा अधिक मुड़ जाता है, तो पार्टी के लिए पश्चिमी यूपी का किला जीतना आसान हो सकता है। और मोदी की पसमांदा मुसलमानों को लेकर की गई पहल भाजपा की इसी रणनीति की ओर इशारा करता है।