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भूख हड़ताल पर मनोज जरांगे: मंत्री बोले- सरकार बातचीत को तैयार; एमएलसी परिणय ने मांगों को असंवैधानिक करार दिया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: शिव शुक्ला
Updated Fri, 29 Aug 2025 02:26 PM IST
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सार
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे की मुंबई में भूख हड़ताल शुरू हो गई है। मनोज जरांगे शुक्रवार सुबह मुंबई के आजाद मैदान पहुंचे, जहां मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे और उनके समर्थक एक दिवसीय भूख हड़ताल कर रहे हैं।

मनोज जरांगे
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
मराठों के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे की मुंबई में भूख हड़ताल शुरू हो गई है। इस बीच, उनके आंदोलन पर सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल और चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राज्य सरकार मनोज जरांगे से बातचीत के लिए तैयार है। उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है।

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राधाकृष्ण विखे पाटिल बोले- हम वार्ता के लिए तैयार, ऐसे ही निकलेगा समाधान
जल संसाधन मंत्री और मराठा आरक्षण उप-समिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि उनके पास जरांगे की मांगों का ज्ञापन है और इस पर जल्द ही चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जरांगे मुंबई आ चुके हैं और उनका कहना है कि वे सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। हम भी इसके लिए तैयार हैं। सरकार ने आरक्षण को कभी प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं माना।
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विखे पाटिल ने आगे कहा कि सरकार ने इन मांगों को नजरअंदाज नहीं किया है। हैदराबाद राजपत्र के तहत कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। अगर किसी को छोड़ दिया गया है, तो न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति सुधारात्मक कदम उठाएगी। इसी तरह, अगर उनकी कुछ नई मांग हैं, तो उन पर भी चर्चा की जाएगी। बातचीत के जरिए ही समाधान निकालना होगा।
वहीं, भाजपा नेता और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी उनके आंदोलन को लेकर प्रतिक्रिया दी है। बावनकुले ने कहा कि सरकार ने समुदाय के कल्याण के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण और सारथी योजना जैसी पहल की है। लेकिन वह ओबीसी के हितों से समझौता नहीं करेगी।
भाजपा एमएलसी परिणय फुके ने दी चेतावनी
वहीं दूसरी ओर भाजपा विधान परिषद सदस्य परिणय फुके ने जरांगे की मांगों को असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि जरांगे की मांग मानने से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूहों द्वारा बड़े विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाएंगे। फुके ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से जरांगे ने मुंबई और राज्य सरकार को घेर रखा है, मुझे नहीं लगता कि राज्य को दबाव में आना चाहिए। लेकिन अगर सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाती है, तो ओबीसी समुदाय इससे दस गुना बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
जरांगे ने शुरू की भूख हड़ताल
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे की मुंबई में भूख हड़ताल शुरू हो गई है। मनोज जरांगे शुक्रवार सुबह मुंबई के आजाद मैदान पहुंचे, जहां मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे और उनके समर्थक एक दिवसीय भूख हड़ताल कर रहे हैं। सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ मनोज जरांगे ने बुधवार को जालना जिले के अपने गांव से मार्च शुरू किया था। शुक्रवार को मुंबई में प्रवेश करते ही वाशी में समर्थकों ने उनका स्वागत किया। उनके हजारों समर्थक पहले ही मुंबई पहुंच चुके हैं।
क्या हैं जरांगे की मांग
43 वर्षीय जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। जरांगे ने कहा है कि उनके समर्थक शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे और गणेश उत्सव में कोई बाधा नहीं डालेंगे। जरांगे की मांग है कि सभी मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए। कुनबी एक कृषक वर्ग से जुड़ी जाति है, जो ओबीसी श्रेणी में शामिल है। जिससे उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का फायदा मिलेगा।
मुंबई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पुलिस ने यह भी शर्त रखी है कि प्रदर्शनकारियों के केवल पांच वाहन ही आजाद मैदान जा सकते हैं और वहां प्रदर्शनकारियों की संख्या 5,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुंबई पुलिस ने आजाद मैदान में 1500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। जरांगे के समर्थकों को ध्यान में रखते हुए रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है।