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BJP: भागवत के बयान के अनुरूप भाजपा ने की नुपूर और नवीन जिंदल पर कार्रवाई, लेकिन समर्थकों का एक तबका हुआ नाराज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 06 Jun 2022 09:57 PM IST
सार
पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर अभी जो नाराजगी दिख रही है, वह क्षणिक है। भाजपा ने कार्रवाई करके सुशासन के जिस एजेंडे को स्थापित किया है उससे पार्टी को अपना जनाधार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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नवीन जिंदल और नुपुर शर्मा
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि यह सही है कि आक्रांताओं ने हजारों मंदिर तोड़कर मस्जिद बना दीं, लेकिन अब हर मस्जिद में शिवलिंग नहीं ढूंढना चाहिए। उनके इस बयान के अनुरूप ही भाजपा ने कार्रवाई करते हुए भाजपा ने रविवार को प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया, लेकिन भाजपा की इस कार्रवाई से उसके समर्थकों का एक वर्ग नाराज भी है।
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भाजपा समर्थकों का एक तबका नाराज
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा और पार्टी की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ हुई कार्रवाई से सोशल मीडिया पर भगवा पार्टी के समर्थकों की नाराजगी भरी प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा समर्थक नुपूर शर्मा के लिए कुछ ज्यादा ही नाराज हैं। समर्थकों की नाराजगी से इतर पार्टी में नीचे से लेकर ऊपर तक एक भावना यह भी है कि नुपुर शर्मा को अरब के देशों के दबाव में यह सजा दी गई है।
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भाजपा के नेता का दावा- ये है क्षणिक नाराजगी
हालांकि, पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर अभी जो नाराजगी दिख रही है, वह क्षणिक है। भाजपा ने कार्रवाई करके सुशासन के जिस एजेंडे को स्थापित किया है उससे पार्टी को अपना जनाधार बढ़ाने में मदद मिलेगी। दरअसल, हाल के समय में ज्ञानवापी मामले के बढ़ने के बाद जिस तरह से देश के कई हिस्सों में मस्जिदों को मंदिर बताकर उनका सर्वे कराने की मांग तेज हुई है, उसके बाद भाजपा इस समय बहुत सोंच-समझकर कदम उठा रही है। सरकार नहीं चाहती कि किसी भी तरह से देश में माहौल बिगड़े और अल्पसंख्यक जनाधार उससे दूर हो।
पीएम मोदी और संघ प्रमुख ने दी सलाह
संघ प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष 2022 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, 'इतिहास वह है, जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, यह उस समय घटा.. हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों तलाशना है? यह ठीक नहीं है। हम विवाद क्यों बढ़ाना चाहते हैं? हर दिन हमें नया मामला नहीं लाना चाहिए।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 20 मई को जयपुर में पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा सदस्यों से कहा था कि वे विकास और राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर अडिग रहें और शार्टकट रास्ता अख्तियार करने से बचें। उन्होंने पार्टी नेताओं को चेताया भी था कि वह उन विरोधी दलों के जाल में ना फंसे, जो मुख्य मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। हालांकि पीएम मोदी ने सीधे तौर पर किसी का उल्लेख नहीं किया था, लेकिन उनका बयान ऐसे समय में आया था जब वाराणसी स्थित ज्ञानव्यापी मस्जिद में अदालत के आदेश पर एक सर्वे के दौरान शिवलिंग होने की कथित जानकारी सामने आई थी।
भाजपा अध्यक्ष ने भी कही थी ये बात
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी हाल ही में कहा था कि विवादास्पद धार्मिक मुद्दों पर फैसला अदालतों और संविधान को करना है और पार्टी अदालत के फैसले का अक्षरश: पालन करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पालमपुर में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान राम जन्मभूमि मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया था। उसके बाद कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है। हालांकि शर्मा और जिंदल पर हुई कार्रवाई ने पार्टी के अपने ही कई सदस्यों को आश्चर्य में डाल दिया है।